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हिमाचल में फिर कांपी धरती, चंबा में भूकंप के झटके महसूस किए गए - पहाड़ी राज्य हिमाचल में भूकंप

जिला चंबा में भूकंप के झटके महसूस (Earthquake in chamba) किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई है. भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. अक्टूबर से लेकर अब तक करीब राज्य में 10 बार भूकंप आ चुका है. पहाड़ी राज्य होने के कारण बड़ा भूकंप हिमाचल के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता और सतर्कता से भूकंप के दौरान नुकसान को न्यूनतम किया जा सकता है.

earthquake in chamba
चंबा में भूकंप
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Published : Jan 17, 2022, 11:26 AM IST

Updated : Jan 17, 2022, 3:08 PM IST

चंबा: हिमाचल में एक बार फिर भूकंप (Earthquake in himachal) के झटके महसूस किए गए हैं. इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) ने की है. जिला चंबा में भूकंप के झटके महूसस (Earthquake in chamba) किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई है. भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चंबा में सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर पर भूंकप के झटके महसूस किए गए. प्रदेश में पिछले कई सालों से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. भूविज्ञानियों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in himachal) के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (himachal sensitive zone for earthquake) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. भूकंप (Earthquake in himachal) की दृष्टि से संवेदनशील पांचवें जोन में पड़ने वाले हिमाचल में इस साल करीब 60 छोटे-बड़े भूकंप आ चुके हैं.

चंबा जिले में भूकंप की सबसे अधिक आशंका: लाहौल स्पीति जिला और जम्मू-कश्मीर से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. जिला चंबा में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

1905 में कांगड़ा में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप: हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गंवाई. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं, तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

अक्टूबर से लेकर अब तक करीब राज्य में 10 बार भूकंप आ चुका है. पहाड़ी राज्य होने के कारण बड़ा भूकंप हिमाचल के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता और सतर्कता से भूकंप के दौरान नुकसान को न्यूनतम किया जा सकता है. हिमाचल प्रदेश चौथे और पांचवें सिस्मिक जोन में आता है. यहां हर समय भूकंप का खतरा बना रहता है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: Alert For Snowfall In Himachal: हिमाचल में फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, बारिश-बर्फबारी के आसार

चंबा: हिमाचल में एक बार फिर भूकंप (Earthquake in himachal) के झटके महसूस किए गए हैं. इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) ने की है. जिला चंबा में भूकंप के झटके महूसस (Earthquake in chamba) किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई है. भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चंबा में सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर पर भूंकप के झटके महसूस किए गए. प्रदेश में पिछले कई सालों से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. भूविज्ञानियों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in himachal) के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (himachal sensitive zone for earthquake) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. भूकंप (Earthquake in himachal) की दृष्टि से संवेदनशील पांचवें जोन में पड़ने वाले हिमाचल में इस साल करीब 60 छोटे-बड़े भूकंप आ चुके हैं.

चंबा जिले में भूकंप की सबसे अधिक आशंका: लाहौल स्पीति जिला और जम्मू-कश्मीर से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. जिला चंबा में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

1905 में कांगड़ा में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप: हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गंवाई. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं, तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

अक्टूबर से लेकर अब तक करीब राज्य में 10 बार भूकंप आ चुका है. पहाड़ी राज्य होने के कारण बड़ा भूकंप हिमाचल के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता और सतर्कता से भूकंप के दौरान नुकसान को न्यूनतम किया जा सकता है. हिमाचल प्रदेश चौथे और पांचवें सिस्मिक जोन में आता है. यहां हर समय भूकंप का खतरा बना रहता है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: Alert For Snowfall In Himachal: हिमाचल में फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, बारिश-बर्फबारी के आसार

Last Updated : Jan 17, 2022, 3:08 PM IST
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