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चंबा में गुड गवर्नेंस की दिशा में उठाएं जा रहे कदमों की होगी हर महीने समीक्षा: DC

डीसी कार्यालय सभागार में वर्ष 2019-20 के दौरान गुड गवर्नेंस के विभिन्न मानकों की रिपोर्ट की समीक्षा बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त चंबा विवेक भाटिया ने की.

DC Vivek Bhatia held a meeting with officials regarding dc  in Chamba
उपायुक्त चंबा विवेक भाटिया
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Published : Sep 3, 2020, 2:51 PM IST

चंबाः जिला में वीरवार को डीसी कार्यालय सभागार में वर्ष 2019-20 के दौरान गुड गवर्नेंस के विभिन्न मानकों की रिपोर्ट की समीक्षा बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त चंबा विवेक भाटिया ने की. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की सभी प्रमुख योजनाओं और स्कीमों के प्रभावी कार्यान्वयन, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) और नीति आयोग से ग्रांट मिली चुकी है.

इस कार्य प्रगति की लगातार समीक्षा और समस्याओं के समयबद्ध समाधान को लेकर अब चंबा जिला में एस्पिरेशनल जिला योजना के मानकों के साथ गुड गवर्नेंस का समावेश भी किया जाएगा. उपायुक्त ने कहा कि प्राइमरी से एलीमेंट्री और एलीमेंट्री से उच्च कक्षाओं में जाने वाले विद्यार्थियों के ड्रॉपआउट को ट्रैक करने की जरूरत है. उपायुक्त ने शिक्षा अधिकारियों को कहा कि वे 3 दिनों के अंदर वस्तु स्थिति से अवगत करें, ताकि यह पता चल सकें कि जो विद्यार्थी ड्रॉपआउट हुआ है, वह जिला में या जिला के बाहर किसी राजकीय शिक्षण संस्थान या निजी संस्थान में पढ़ाई जारी रखे हुए हैं या नहीं.

डीसी चंबा विवेक भाटिया ने कहा कि यह राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के बाद गुड गवर्नेंस का ही नतीजा है कि एस्पिरेशन जिला चंबा में प्रति व्यक्ति आय में 3.79 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि चंबा जिला में आर्थिक गतिविधियों में नए सोपान जुड़ रहे हैं.

डीसी ने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पेयजल, बिजली, महिला एवं बाल विकास के अलावा अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में एक नया बदलाव और बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

स्वास्थ्य क्षेत्र का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में चंबा जिला में प्रति एक लाख की आबादी पर 20 डॉक्टरों की उपलब्धता है जो इससे पहले 15 थी. जिला के अस्पतालों में संस्थागत डिलीवरी की दिशा में भी सकारात्मक संकेत मिले हैं.

वहीं, चंबा में संस्थागत डिलीवरी में भी 3.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. कुपोषण को चंबा जिला में जड़ से मिटाने के संकल्प की बात करते हुए उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को निर्देश दिए कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत मिली धनराशि का उपयोग कुपोषित बच्चों के लिए न्यूट्रिशन कीटें उपलब्ध करने के लिए हर हाल में जल्द सुनिश्चित बनाया जाए.

उपायुक्त ने कहा कि इस दिशा में जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सक्रिय तौर पर काम करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा. जिले में विभिन्न आवास सुविधाओं के माध्यम से लोगों को आवास उपलब्ध करने पर आधारित डाटा की समीक्षा के बाद उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि डाटा को दोबारा संकलित किया जाए.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 के सामाजिक आर्थिक जाति सर्वेक्षण के आधार पर जो आंकड़े उपलब्ध थे, उसके बाद आने वाले 9 वर्षों में भी जिला में ग्रामीण विकास विभाग के अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कार्यान्वित योजनाओं के तहत भी जिला के पात्र परिवारों को सैकड़ों आवास मिले हैं. ऐसे में इस डाटा को भी अंतिम संकलित रिपोर्ट में शामिल किया जाए.

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, सहायक आयुक्त रामप्रसाद, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति रोहित दुबे सहित अन्य विभागों के जिला अधिकारी भी मौजूद रहे.

चंबाः जिला में वीरवार को डीसी कार्यालय सभागार में वर्ष 2019-20 के दौरान गुड गवर्नेंस के विभिन्न मानकों की रिपोर्ट की समीक्षा बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त चंबा विवेक भाटिया ने की. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की सभी प्रमुख योजनाओं और स्कीमों के प्रभावी कार्यान्वयन, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) और नीति आयोग से ग्रांट मिली चुकी है.

इस कार्य प्रगति की लगातार समीक्षा और समस्याओं के समयबद्ध समाधान को लेकर अब चंबा जिला में एस्पिरेशनल जिला योजना के मानकों के साथ गुड गवर्नेंस का समावेश भी किया जाएगा. उपायुक्त ने कहा कि प्राइमरी से एलीमेंट्री और एलीमेंट्री से उच्च कक्षाओं में जाने वाले विद्यार्थियों के ड्रॉपआउट को ट्रैक करने की जरूरत है. उपायुक्त ने शिक्षा अधिकारियों को कहा कि वे 3 दिनों के अंदर वस्तु स्थिति से अवगत करें, ताकि यह पता चल सकें कि जो विद्यार्थी ड्रॉपआउट हुआ है, वह जिला में या जिला के बाहर किसी राजकीय शिक्षण संस्थान या निजी संस्थान में पढ़ाई जारी रखे हुए हैं या नहीं.

डीसी चंबा विवेक भाटिया ने कहा कि यह राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के बाद गुड गवर्नेंस का ही नतीजा है कि एस्पिरेशन जिला चंबा में प्रति व्यक्ति आय में 3.79 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि चंबा जिला में आर्थिक गतिविधियों में नए सोपान जुड़ रहे हैं.

डीसी ने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पेयजल, बिजली, महिला एवं बाल विकास के अलावा अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में एक नया बदलाव और बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

स्वास्थ्य क्षेत्र का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में चंबा जिला में प्रति एक लाख की आबादी पर 20 डॉक्टरों की उपलब्धता है जो इससे पहले 15 थी. जिला के अस्पतालों में संस्थागत डिलीवरी की दिशा में भी सकारात्मक संकेत मिले हैं.

वहीं, चंबा में संस्थागत डिलीवरी में भी 3.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. कुपोषण को चंबा जिला में जड़ से मिटाने के संकल्प की बात करते हुए उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को निर्देश दिए कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत मिली धनराशि का उपयोग कुपोषित बच्चों के लिए न्यूट्रिशन कीटें उपलब्ध करने के लिए हर हाल में जल्द सुनिश्चित बनाया जाए.

उपायुक्त ने कहा कि इस दिशा में जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सक्रिय तौर पर काम करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा. जिले में विभिन्न आवास सुविधाओं के माध्यम से लोगों को आवास उपलब्ध करने पर आधारित डाटा की समीक्षा के बाद उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि डाटा को दोबारा संकलित किया जाए.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 के सामाजिक आर्थिक जाति सर्वेक्षण के आधार पर जो आंकड़े उपलब्ध थे, उसके बाद आने वाले 9 वर्षों में भी जिला में ग्रामीण विकास विभाग के अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कार्यान्वित योजनाओं के तहत भी जिला के पात्र परिवारों को सैकड़ों आवास मिले हैं. ऐसे में इस डाटा को भी अंतिम संकलित रिपोर्ट में शामिल किया जाए.

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, सहायक आयुक्त रामप्रसाद, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति रोहित दुबे सहित अन्य विभागों के जिला अधिकारी भी मौजूद रहे.

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