बिलासपुर: जिले की सीमेंट नगरी बरमाणा में सीमेंट ढुलाई का कार्य कर रही एशिया की सबसे बड़ी ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा बीडीटीएस का गतिरोध शुक्रवार को क्रमिक भूख हड़ताल में तबदील हो गया है. बीडीटीएस के सभा हॉल में बीडीटीएस के दोनों गुटों ने अपने हकों के लिए एकता का प्रदर्शन करते हुए एसीसी प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोला. अब इस लड़ाई को और तेज करने के लिए द मांगल ट्रक ऑपरेटर यूनियन बागा के पदाधिकारियों व भूतपूर्व सैनिक यूनियन बरमाणा भी बीडीटीएस के साथ सयुंक्त रूप से इस संघर्ष में सम्मिलित हुई.
गौर रहे कि शुक्रवार को बीडीटीएस की 21 सदस्य की कार्यकारिणी व ट्रक ऑपरेटरों ने सामूहिक फैसला लिया कि जब तक एसीसी प्रबंधन मांगों को पूरा नहीं करता है तब तक ऑपरेटरों का एसीसी प्रबंधन के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. शुक्रवार को (BDTS Bilaspur Barmana Hunger Strike) एसीसी सीमेंट कि ढुलाई कर रहे बीडीटीएस के दोनों गुटों ने सीमेंट और क्लिंकर की डिमांड न दिए जाने के चलते सामूहिक क्रमिक भूख हड़ताल कर दी. बरमाना में सैकड़ों बीडीटीएस सभा सदस्यों ने मांगों को लेकर रोष रैली निकाली. जैसे ही पुकार हॉल से एसीसी फैक्ट्री के गेट के पास पहुंचे तो एसीसी प्रबंधन ने मुख्य गेट पर ताला जड़ हुआ था. जिसके चलते सैकड़ों ऑपरेटर गेट के सामने ही बैठ गए, जिस कारण मुख्य सड़क पर आवाजाही में भी दिक्कत रही.
ऑपरेटरों ने इस (truck operators hunger strike in Barmana) मामले को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई की एसीसी सीमेंट प्रबंधन जान बूझकर ऑपरेटरों को भड़काने का प्रयास कर रहा है. लेकिन ऑपरेटर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए और सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के रवैए को देखते हुए अब क्रमिक भूख हड़ताल पर उतरा है. प्रतिदिन ऑपरेटरों और व्यवसाय से जुड़े हुए अन्य लोगों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. 9 दिनों से चल रही हड़ताल के कारण हजारों मीट्रिक टन सीमेंट व क्लिंकर का ढलान ठप होने से सीमेंट फैक्ट्री को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बताते चलें कि एसीसी प्रबंधन के साथ मैनेजमेंट बीडीटीएस के साथ मांगों को लेकर वार्ता विफल रही है. सदस्यों से मिली जानकारी मुताबिक वार्षिक 36 लाख मीट्रिक टन सीमेंट व क्लिंकर एसीसी प्रबंधन देने पर अड़ा है, जबकि सभा प्रबंधन 36 लाख मीट्रिक टन सीमेंट के अलावा अलग से क्लिंकर की बात कर रहा है.
हालांकि प्रशासन द्वारा भी मांगों को लेकर दोनों पक्षों में सहमति बनाने (BDTS Bilaspur Barmana Hunger Strike) का प्रयास किया गया, लेकिन अभी तक कोई हल दिखता नहीं आ रहा है. बीडीटीएस प्रधान जीत राम गौतम ने बताया कि एसीसी द्वारा 15000 मीट्रिक टन सीमेंट/क्लिंकर जिसमें 13000 मीट्रिक टन सीमेंट व दो हजार मीट्रिक टन क्लिंकर की डिमांड देने का अनुबंध हुआ था. बावजूद इसके एसीसी उससे आधे से भी कम डिमांड सभा को प्रदान कर रही है और इसमें भी लंबी दूरी की सारी डिमांड जो सभा को प्राप्त होती थी, वह नाम मात्र सभा को दी जा रही है. हिमाचल की सारी डिमांड लोकल डम्पों बग्गी, धनोटू, उखली, ढाबन धामी, फतेहपुर तक सीमित कर दी गई है.
पंजाब के डम्पों पर अंबुजा के प्लांट नवगांव, नालागढ़, घनौली, रोपड़, बठिंडा से एसीसी बैग लगाकर पंजाब के सभी डम्पों पर सीमेंट की आपूर्ति की जा रही है. इससे सभा के ऑपरेटरों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और ट्रकों की लोन की किस्तें और परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. इसके अलावा अब ट्रक परिवहन पर निर्भर बरमाणा से लेकर स्वारघाट तक छोटे-छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यवसायियों पर भी असर पड़ने लगा है. आक्रोशित ट्रक ऑपरेटर्स ने एसीसी कंपनी प्रबंधन को कोसते हुए कहा कि कंपनी धीरे-धीरे उनके काम को छीनकर बाहारी पार्टियों को दे रही है जोकि की सीधे तौर पर बीडीटीएस ट्रक ऑपरेटर्स और उनके परिवार का निवाला तक छीनने पर उतारू है.
उन्होंने कहा कि एसीसी प्रबंधन की मनमानी को (truck operators against ACC management) कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभा प्रधान जीतराम गौतम की अध्यक्षता में मैनेजमेंट कमेटी सदस्यों के अलावा सैकड़ों ऑपरेटर का अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक ढंग से बरमाणा कार्यालय ग्राउंड से लेकर मुख्य सड़क मार्ग से एसीसी फैक्ट्री मुख्य गेट पर रोष प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा. उन्होंने कहा जब तक अनुबंध अनुसार सीमेंट डिस्पैच व अन्य मांगों को एसीसी प्रबंधन नहीं मानता तब तक क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी.
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