ETV Bharat / city

बिलासपुरः रोजगार कार्यालय में 70 प्रतिशत घटा रजिस्ट्रेशन, युवाओं ने पकड़ी आत्मनिर्भरता की राह

author img

By

Published : Nov 8, 2020, 5:03 PM IST

बिलासपुर के रोजगार कार्यालय में साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में युवाओं के पंजीकरण की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की कमी आई है. हालांकि इसका मुख्य कारण कोविड-19 को भी माना जा रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इस बात से भी मनाही नहीं की जा सकती है कि युवा वर्ग को अब कार्यालयों पर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है. वहीं, कई युवाओं ने आत्मनिर्भर बनने की राह भी पकड़ ली है. देखें ये रिपोर्ट...

employment in bilaspur
employment in bilaspur

बिलासपुरः कोरोना वायरस के संकट ने देश की आर्थिकी पर गहर असर दिखाया है. इससे देश का हर सेक्टर प्रभावित हुआ है. ऐसे में युवा वर्ग को रोजगार दिलाने वाले सरकारी कार्यालय भी इससे अछूते नहीं रह पाए हैं. बात अगर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला स्थित रोजगार कार्यालय की करें तो यहां पर साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में युवाओं के पंजीकरण की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की कमी आई है.

एक समय ऐसा भी था जब रोजगार कार्यालय के बाहर युवाओं की लंबी कतारें देखी जाती थी. यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों युवा नौकरी के लिए पंजीकरण करवाने के लिए भी पहुंचते थे तो कुछ अपनी नौकरी का पता करने के लिए, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कुछ-एक ही युवा कार्यालय में पहुंच रहे हैं.

वीडियो.

आंकड़ों दर्शाते हैं कि सरकारी तंत्र से युवा नहीं है संतुष्ट

जिला बिलासपुर के रोजगार कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 10 हजार 803 युवाओं ने अपना पंजीकरण करवाया था. वहीं, साल 2020 के आंकड़े पूरी तरह से चौंकाने वाले हैं. इस साल अब तक यह आंकड़ा घटकर 3 हजार 504 पर पहुंच पाया है. हालांकि इसका मुख्य कारण कोविड-19 को भी माना जा रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इस बात से भी मनाही नहीं की जा सकती है कि युवा वर्ग को अब कार्यालयों पर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है.

साल बीतने पर भी नहीं आती कोई कॉल

युवाओं का कहना है कि रोजगार कार्यालय में अपना नाम पंजीकरण करवाए साल बीत जाते हैं, लेकिन एक बार भी उन्हें किसी भी निजी कंपनी या किसी भी जॉब को लेकर कोई पत्र या सूचना नहीं मिलती है, जिसके चलते अब युवाओं का रूझान यहां से कम हो गया है. युवाओं ने सरकार से उनके लिए रोजगार देने की मांग उठाई है.

आत्मनिर्भर बनने की राह पर बढ़े कई युवा

वहीं, कोरोना भले दुनिया के लिए आपदा बनकर आया हो, लेकिन ये आपदा कई लोगों के लिए अवसर भी लेकर आई है. कोरोना काल के दौरान पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया. कई युवाओं ने आत्मनिर्भर बनने की राह भी पकड़ ली है.

खुद का रोजगार किया शुरू

बिलासपुर के सुशील कुमार ने एमसीए की पढ़ाई पूरी की, लेकिन मनपसंद नौकरी नहीं मिली तो फिर खुद का जिम खोल लिया. आज युवाओं को फिट बनाने के साथ अपनी जेब की सेहत भी सुधार रहे हैं और कुछ युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. सुशील जैसे युवा आज ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहे हैं बल्कि कई युवाओं के लिए मिसाल बनकर आगे की राह दिखा रहे हैं.

जिला रोजगार कार्यालय में 55,666 युवा का है पंजीकरण

उधर, बिलासपुर के जिला रोजगार अधिकारी प्यारे लाल दड़ोच ने बताया कि इस बार कम लोगों ने पंजीकरण करवाया है. इसका एक कारण कोरोना वायारस को माना जा सकता है. उन्होंने बताया कि जिला में कुल 55 हजार 666 युवाओं ने रोजगार कार्यालय में पंजीकरण करवाया है.

महामारी के चलते रोजगार के लिए किए जाने वाले कामों पर असर पड़ा है. इसके चलते नौकरियां और निजी कंपनियों का हिमाचल में कैंपस इंटरव्यू करवाना मुश्किल हो गया है.

2020 सत्र में फोन के माध्यम से करवाए इंटरव्यू

जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि इस साल कोरोना के चलते निजी कंपनियां हिमाचल में नहीं पहुंच पाई हैं. ऐसे में कुछ कंपनियों ने ऑनलाइन ही अपने आवेदन रोजगार कार्यालयों में दिए, जिसके बाद कार्यालयों की ओर से संबंधित क्षेत्र में युवाओं को फोन के माध्यम से इंटरव्यू के लिए सूचित किया गया और उन्हें रोजगार पाने में सहयोग किया गया.

सरकार के सहयोग की जरूरत

कुल मिलाकर रोजगार और आत्मनिर्भर होने के लिए युवाओं के हौसले के साथ सरकारी मदद भी बहुत जरूरी है. सरकार की योजनाएं तो हैं लेकिन उनतक सबकी पहुंच नहीं है. ऐसे में सरकार को युवाओं तक अपनी पहुंच का दायरा बढ़ाना होगा, ताकि आज का युवा आत्मनिर्भर बनकर बेरोजगारी का हल निकाल सके.

ये भी पढ़ें- रेल मंत्री से मिले सीएम जयराम, भानूपल्ली-लेह रेल लाइन के लिए मांगी केंद्रीय निधि

ये भी पढ़ें- कांग्रेस आज मना रही विश्वासघात दिवस, कुलदीप राठौर ने सरकार पर साधा निशाना

बिलासपुरः कोरोना वायरस के संकट ने देश की आर्थिकी पर गहर असर दिखाया है. इससे देश का हर सेक्टर प्रभावित हुआ है. ऐसे में युवा वर्ग को रोजगार दिलाने वाले सरकारी कार्यालय भी इससे अछूते नहीं रह पाए हैं. बात अगर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला स्थित रोजगार कार्यालय की करें तो यहां पर साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में युवाओं के पंजीकरण की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की कमी आई है.

एक समय ऐसा भी था जब रोजगार कार्यालय के बाहर युवाओं की लंबी कतारें देखी जाती थी. यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों युवा नौकरी के लिए पंजीकरण करवाने के लिए भी पहुंचते थे तो कुछ अपनी नौकरी का पता करने के लिए, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कुछ-एक ही युवा कार्यालय में पहुंच रहे हैं.

वीडियो.

आंकड़ों दर्शाते हैं कि सरकारी तंत्र से युवा नहीं है संतुष्ट

जिला बिलासपुर के रोजगार कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 10 हजार 803 युवाओं ने अपना पंजीकरण करवाया था. वहीं, साल 2020 के आंकड़े पूरी तरह से चौंकाने वाले हैं. इस साल अब तक यह आंकड़ा घटकर 3 हजार 504 पर पहुंच पाया है. हालांकि इसका मुख्य कारण कोविड-19 को भी माना जा रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इस बात से भी मनाही नहीं की जा सकती है कि युवा वर्ग को अब कार्यालयों पर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है.

साल बीतने पर भी नहीं आती कोई कॉल

युवाओं का कहना है कि रोजगार कार्यालय में अपना नाम पंजीकरण करवाए साल बीत जाते हैं, लेकिन एक बार भी उन्हें किसी भी निजी कंपनी या किसी भी जॉब को लेकर कोई पत्र या सूचना नहीं मिलती है, जिसके चलते अब युवाओं का रूझान यहां से कम हो गया है. युवाओं ने सरकार से उनके लिए रोजगार देने की मांग उठाई है.

आत्मनिर्भर बनने की राह पर बढ़े कई युवा

वहीं, कोरोना भले दुनिया के लिए आपदा बनकर आया हो, लेकिन ये आपदा कई लोगों के लिए अवसर भी लेकर आई है. कोरोना काल के दौरान पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया. कई युवाओं ने आत्मनिर्भर बनने की राह भी पकड़ ली है.

खुद का रोजगार किया शुरू

बिलासपुर के सुशील कुमार ने एमसीए की पढ़ाई पूरी की, लेकिन मनपसंद नौकरी नहीं मिली तो फिर खुद का जिम खोल लिया. आज युवाओं को फिट बनाने के साथ अपनी जेब की सेहत भी सुधार रहे हैं और कुछ युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. सुशील जैसे युवा आज ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहे हैं बल्कि कई युवाओं के लिए मिसाल बनकर आगे की राह दिखा रहे हैं.

जिला रोजगार कार्यालय में 55,666 युवा का है पंजीकरण

उधर, बिलासपुर के जिला रोजगार अधिकारी प्यारे लाल दड़ोच ने बताया कि इस बार कम लोगों ने पंजीकरण करवाया है. इसका एक कारण कोरोना वायारस को माना जा सकता है. उन्होंने बताया कि जिला में कुल 55 हजार 666 युवाओं ने रोजगार कार्यालय में पंजीकरण करवाया है.

महामारी के चलते रोजगार के लिए किए जाने वाले कामों पर असर पड़ा है. इसके चलते नौकरियां और निजी कंपनियों का हिमाचल में कैंपस इंटरव्यू करवाना मुश्किल हो गया है.

2020 सत्र में फोन के माध्यम से करवाए इंटरव्यू

जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि इस साल कोरोना के चलते निजी कंपनियां हिमाचल में नहीं पहुंच पाई हैं. ऐसे में कुछ कंपनियों ने ऑनलाइन ही अपने आवेदन रोजगार कार्यालयों में दिए, जिसके बाद कार्यालयों की ओर से संबंधित क्षेत्र में युवाओं को फोन के माध्यम से इंटरव्यू के लिए सूचित किया गया और उन्हें रोजगार पाने में सहयोग किया गया.

सरकार के सहयोग की जरूरत

कुल मिलाकर रोजगार और आत्मनिर्भर होने के लिए युवाओं के हौसले के साथ सरकारी मदद भी बहुत जरूरी है. सरकार की योजनाएं तो हैं लेकिन उनतक सबकी पहुंच नहीं है. ऐसे में सरकार को युवाओं तक अपनी पहुंच का दायरा बढ़ाना होगा, ताकि आज का युवा आत्मनिर्भर बनकर बेरोजगारी का हल निकाल सके.

ये भी पढ़ें- रेल मंत्री से मिले सीएम जयराम, भानूपल्ली-लेह रेल लाइन के लिए मांगी केंद्रीय निधि

ये भी पढ़ें- कांग्रेस आज मना रही विश्वासघात दिवस, कुलदीप राठौर ने सरकार पर साधा निशाना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.