बिलासपुर: लगभग पांच महीने से बंद हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात धार्मिक स्थल 10 सितंबर से खुलने जा रहे हैं, क्योंकि मंदिरों को खोलने का फैसला राज्य सरकार के मंत्रिमंडल ने लिया है. ऐसे में स्थानीय लोगों, दुकानदारों और होटल मालिकों ने सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है, लेकिन श्रद्धालुओं की आवाजाही को लेकर एसओपी भाषा एवं संस्कृति विभाग जारी करेगा.
दरअसल धार्मिक स्थलों पर ज्यादातर कारोबार श्रद्धालु एवं पर्यटकों पर निर्भर है और कोरोना की वजह से पर्यटक एवं श्रद्धालुओं के ना आने पर व्यवसाय पूरी तरह से बरबाद हो गया है, लेकिन अनलॉक प्रक्रिया चार के तहत केंद्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति मिलने से कारोबारियों में एक आस जगी है.
हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर का विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में मंदिर न्यास ने मां के कपाट खोलने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली है. संस्कृति विभाग द्वारा एसओपी जारी होने पर श्रद्धालुओं की आवाजाही मंदिर परिसर में शुरू कर दी जाएगी. भक्तों के आने जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का निर्माण किया गया है. मंदिर के मुख्य द्वार और मंदिर परिसर के अंदर सेनिटाइज करने वाली मशीनें लगाई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को दिक्कत ना हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालु माता के दर्शन कर सके.
श्री नैना देवी मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर को खोलने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं. साथ ही हर जगह सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है और भक्तों के खड़े होने के लिए घेरा बनाए गए हैं, ताकि भक्त सामाजिक दूरी का पालन कर सके.
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण मार्च से सभी धार्मिक स्थल बंद हैं और श्रद्धालुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध है, लेकिन अनलॉक प्रक्रिया चार के तहत केन्द्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोलने पर कारोबारियों ने उम्मीद लगाई है कि कोरोना महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन के लंबे अरसे के बाद कारोबार फिर से शुरू होगा और अर्थिक स्थिति पटरी पर लौटेगी.
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