बिलासपुर: हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य को एम्स जैसा एक बड़ा स्वास्थ्य संस्थान मिलना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. भाजपा राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के गृह जिला बिलासपुर में यह स्वास्थ्य संस्थान लगभग बनकर (AIIMS Bilaspur Inauguration) तैयार हो चुका है. यहां अभी आयुष ओपीडी ब्लाॅक में मरीजों को कुछ सुविधा मिलने से हिमाचल के सबसे बड़े स्वास्थय संस्थाना आईजीएमसी शिमला के कंधों से भी कुछ बोझ कम हुआ है.
वहीं, जब यह संस्थान जून 2022 में पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा, तो शिमला हीं नहीं बल्कि कांगड़ा जिला के टांडा मेडिकल काॅलेज, हमीरपुर सहित अन्य जिलों के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों को भी इससे राहत मिलेगी. वर्तमान की बात करें, तो अभी बिलासपुर एम्स का निर्माण कार्य चला हुआ है और कोरोना संकट की वजह से काम पूरा करने के लक्ष्य में देरी हुई है. इसलिए ओपीडी को आयुष भवन में अस्थायी तौर पर शुरू किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही यहां पर ओपीडी (OPD in AIIMS Bilaspur) शुरू की गई है. यहां पर लोगों का रूटीन के चेकअप व उपचार की सुविधा मिलना शुरू हो गई है. जैसे ही मुख्य भवन बनकर तैयार होगा, तो वहां सीटी स्कैन, एमआरआई और कैंसर की मशीनों सहित अन्य उपकरण भी स्थापित कर दिए जाएंगे. उम्मीद है कि निर्माता एजेंसी जून 2022 या इससे पहले पूरा स्ट्रक्चर हैंडओवर कर देगी.
एम्स बिलासपुर के निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी ने कहा कि जनवरी 2020 में ओपीडी शुरू करने की योजना थी. लेकिन, कोरोना संकट की वजह से अब इस साल जून माह तक काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने बताया कि इस समय यहां पर 72 सुपर स्पेशलिस्ट उपलब्ध हैं. जबकि पीजीआई स्तर पर की गई नियुक्तियों में 183 के मुकाबले 85 डॉक्टर चयनित हुए थे और 72 ने ही अपनी सेवाएं शुरू की हैं. ऐसे में शीघ्र ही सुपर स्पेशलिस्ट की नियुक्तियों को लेकर प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
इसके अलावा स्पोर्टिंग स्टाफ की नियुक्तियों (Recruitment in AIIMS Bilaspur) को लेकर भी भर्ती की जाएगी, जिसके लिए मंत्रालय को लिखा गया है. उन्होंने बताया कि स्वीकृति मिलने के बाद आगामी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा. इसके अलावा यहां पर फार्मेसी और लैब स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके लिए संबंधित सरकारी एजेंसियों से एमओयू साइन किया गया है.
एम्स में जल्द ही अमृत फार्मेसी सहित लैब भी स्थापित कर दी जाएगी. मौजूदा समय में अमृत फार्मेसी को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि लैब का निर्माण कार्य भी जारी है. लैब का भवन तैयार होते ही इसमें लैब के उपकरण स्थापित कर दिए जाएंगे. इसके अतिरिक्त एम्स प्रबंधन द्वारा नर्सिंग स्टाफ को नियुक्ति पत्र देने का निर्णय भी लिया गया है. इसके लिए साक्षात्कार पहले ही हो चुके हैं.
बता दें कि 1,351 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे एम्स का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi in Bilaspur) ने 3 अक्टूबर 2017 को लुहणू में किया था. 205 एकड़ भूमि पर बन रहे एम्स का प्रत्येक भवन सड़क से जुड़ा होगा. ओपीडी के साथ अस्पताल में 750 बिस्तर होंगे, जिनमें 320 साधारण व 300 बिस्तर विशिष्ट श्रेणी के होंगे. इमरजेंसी व ट्रामा के साथ 130 बिस्तरों का इंटेंसिव केयर यूनिट अलग से होगा. एम्स में एक मेडिकल कॉलेज भी होगा, जिसमें 100 सीटें आरक्षित होंगी.
इसके अलावा यहां एक नर्सिंग कॉलेज भी होगा. इस नर्सिंग कॉलेज में 60 सीटें होंगी. इसी के साथ बिलासपुर के एम्स में 9 स्पेशलिटी डिपार्टमेंट और 9 ही सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट शुरू किए जाएंगे. जिनमें मुख्य रूप से जनरल मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, पिडयाट्रिकस, ऑर्थोपेडिक्स, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी व प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई सुविधाएं शुरू की जाएंगी. वहीं, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी ओपीडी में मिलेगी. जबकि, सीटी स्कैन और ओटी की सुविधा शुरू होने में अभी (Facilities in AIIMS Bilaspur) कुछ समय और लगेगा.
किस क्षेत्र से कितनी होगी एम्स की दूरी | |
हमीरपुर | 1:30 घंटे |
शिमला | 3:00 घंटे |
मंडी | 2:00 घंटे |
कांगड़ा | 4:00 घंटे |
कुल्लू | 4:30 घंटे |
सोलन | 4:30 घंटे |
चंबा | 8:00 घंटे |
रिकांग पिओ/किन्नौर | 9:00 घंटे |
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