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'स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरत के मुताबिक डॉक्टर तैनात, कमी को किया जाएगा पूरा'

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा है कि प्रदेश के सभी छोटे-बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरत के मुताबिक डॉक्टर तैनात हैं.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
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Published : Aug 3, 2019, 6:51 PM IST

बिलासपुर: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश को अभी 4 साल और इंतजार करना होगा. प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज और सोलन के एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से आने वाले समय में 750 डॉक्टर निकलेंगे. जिससे प्रदेश के छोटे-बड़े सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चल रही डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाएगा.

उक्त सूचना शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने जिला अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के दौरान दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी छोटे-बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरत के मुताबिक डॉक्टर तैनात हैं. हालांकि कई संस्थानों में डॉक्टरों की थोड़ी बहुत कमी हो सकती है, क्योंकि जितने स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश भर में हैं उनके अनुरूप डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है.

वीडियो

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया कि अब प्रदेश के डॉक्टरों को दूसरे राज्यों की बजाए प्रदेश में ही अपनी सेवाएं देने के लिए व्यवस्था की गई है, जिसके तहत 40 लाख की बैंक गारंटी का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने बताया कि जिला में निर्माणाधीन एम्स का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और इसी साल के अंत तक नए भवन में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी. साथ ही यहां से निकलने वाले डॉक्टर्स प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देंगे. इसके अलावा कहा कि करोड़ों का प्रोजेक्ट है और निर्धारित समय अवधि में पूरा होने के बजाए दो चार माह आगे-पीछे हो सकते हैं.

बिलासपुर: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश को अभी 4 साल और इंतजार करना होगा. प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज और सोलन के एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से आने वाले समय में 750 डॉक्टर निकलेंगे. जिससे प्रदेश के छोटे-बड़े सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चल रही डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाएगा.

उक्त सूचना शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने जिला अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के दौरान दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी छोटे-बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरत के मुताबिक डॉक्टर तैनात हैं. हालांकि कई संस्थानों में डॉक्टरों की थोड़ी बहुत कमी हो सकती है, क्योंकि जितने स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश भर में हैं उनके अनुरूप डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है.

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स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया कि अब प्रदेश के डॉक्टरों को दूसरे राज्यों की बजाए प्रदेश में ही अपनी सेवाएं देने के लिए व्यवस्था की गई है, जिसके तहत 40 लाख की बैंक गारंटी का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने बताया कि जिला में निर्माणाधीन एम्स का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और इसी साल के अंत तक नए भवन में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी. साथ ही यहां से निकलने वाले डॉक्टर्स प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देंगे. इसके अलावा कहा कि करोड़ों का प्रोजेक्ट है और निर्धारित समय अवधि में पूरा होने के बजाए दो चार माह आगे-पीछे हो सकते हैं.

Intro:बिलासपुर में निर्माणाधीन एम्स भी करेगा डॉक्टरों की कमी को पूरा
-इस साल के अंत तक नए भवन में शुरू कर दी जाएगी ओपीडी

बिलासपुर
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हिमाचल को इसकी पूर्ति के लिए अभी तक 4 साल और इंतजार करना होगा। प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज और सोलन की एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से आने वाले समय में 750 डॉक्टर निकलेंगे जिससे प्रदेश के छोटे बड़े सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चल रही डॉक्टरों की कमी पूरी हो जाएगी। यही नहीं, बिलासपुर के कोठीपुरा में बनने जा रहे एम्स में इस साल के अंत तक ओपीडी शुरू कर दी जाएगी और यहां से निकलने वाले डॉक्टर भी प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देंगे।
यह खुलासा शनिवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने जिला अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के बाद सर्किट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत में किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी छोटे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरत के मुताबिक डॉक्टर तैनात हैं। हालांकि कई संस्थानों में डॉक्टरों की थोड़ी बहुत कमी हो सकती है क्योंकि जितने स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश भर में कार्यरत हैं उनके अनुरूप डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है, बावजूद इसके एडजस्टमेंट कर जनता को सेवाएं देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अगले चार साल बाद प्रदेश में संचालित छह मेडिकल कॉलेजों और एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से साढ़े सात सौ डॉक्टर निकलेंगे। इससे स्वास्थ्य संस्थानों मे चिकित्सकों की कमी दूर होगी। उन्होंने बताया कि वैसे भी अब प्रदेश के डॉक्टरों को दूसरे राज्यों के बजाए यहीं पर ही अपनी सेवाएं देने के लिए व्यवस्था की गई है जिसके तहत चालीस लाख की बैंक गारंटी का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बिलासपुर में निर्माणाधीन एम्स का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और इसी साल के अंत तक वहीं नए भवन में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने इतना जरूर माना है कि करोड़ों का प्रोजेक्ट है और निर्धारित समय अवधि में पूरा होने के बजाए दो चार माह आगे पीछे हो सकते हैं। मगर कार्य जोरों पर शुरू हुआ है और उम्मीद है कि तय समय तक काम पूरा कर दिया जाएगा।Body:Byte vishConclusion:बिलासपुर में निर्माणाधीन एम्स भी करेगा डॉक्टरों की कमी को पूरा
-इस साल के अंत तक नए भवन में शुरू कर दी जाएगी ओपीडी

बिलासपुर
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हिमाचल को इसकी पूर्ति के लिए अभी तक 4 साल और इंतजार करना होगा। प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज और सोलन की एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से आने वाले समय में 750 डॉक्टर निकलेंगे जिससे प्रदेश के छोटे बड़े सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चल रही डॉक्टरों की कमी पूरी हो जाएगी। यही नहीं, बिलासपुर के कोठीपुरा में बनने जा रहे एम्स में इस साल के अंत तक ओपीडी शुरू कर दी जाएगी और यहां से निकलने वाले डॉक्टर भी प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देंगे।
यह खुलासा शनिवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने जिला अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के बाद सर्किट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत में किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी छोटे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरत के मुताबिक डॉक्टर तैनात हैं। हालांकि कई संस्थानों में डॉक्टरों की थोड़ी बहुत कमी हो सकती है क्योंकि जितने स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश भर में कार्यरत हैं उनके अनुरूप डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है, बावजूद इसके एडजस्टमेंट कर जनता को सेवाएं देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अगले चार साल बाद प्रदेश में संचालित छह मेडिकल कॉलेजों और एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से साढ़े सात सौ डॉक्टर निकलेंगे। इससे स्वास्थ्य संस्थानों मे चिकित्सकों की कमी दूर होगी। उन्होंने बताया कि वैसे भी अब प्रदेश के डॉक्टरों को दूसरे राज्यों के बजाए यहीं पर ही अपनी सेवाएं देने के लिए व्यवस्था की गई है जिसके तहत चालीस लाख की बैंक गारंटी का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बिलासपुर में निर्माणाधीन एम्स का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और इसी साल के अंत तक वहीं नए भवन में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने इतना जरूर माना है कि करोड़ों का प्रोजेक्ट है और निर्धारित समय अवधि में पूरा होने के बजाए दो चार माह आगे पीछे हो सकते हैं। मगर कार्य जोरों पर शुरू हुआ है और उम्मीद है कि तय समय तक काम पूरा कर दिया जाएगा।
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