बिलासपुर: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश को अभी 4 साल और इंतजार करना होगा. प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज और सोलन के एक निजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से आने वाले समय में 750 डॉक्टर निकलेंगे. जिससे प्रदेश के छोटे-बड़े सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चल रही डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाएगा.
उक्त सूचना शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने जिला अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के दौरान दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी छोटे-बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरत के मुताबिक डॉक्टर तैनात हैं. हालांकि कई संस्थानों में डॉक्टरों की थोड़ी बहुत कमी हो सकती है, क्योंकि जितने स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश भर में हैं उनके अनुरूप डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया कि अब प्रदेश के डॉक्टरों को दूसरे राज्यों की बजाए प्रदेश में ही अपनी सेवाएं देने के लिए व्यवस्था की गई है, जिसके तहत 40 लाख की बैंक गारंटी का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया कि जिला में निर्माणाधीन एम्स का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और इसी साल के अंत तक नए भवन में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी. साथ ही यहां से निकलने वाले डॉक्टर्स प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देंगे. इसके अलावा कहा कि करोड़ों का प्रोजेक्ट है और निर्धारित समय अवधि में पूरा होने के बजाए दो चार माह आगे-पीछे हो सकते हैं.