बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में बन रहे एम्स में दिसंबर महीने से पहला सत्र शुरू होने जा रहा है. पहले चरण में एमबीबीएस की 50 सीटें भरी जाएंगी. वहीं, जनवरी 2021 से एम्स में ओपीडी शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए मशीनरी और स्वास्थ्य उपकरण पहुंचने शुरू हो गए हैं. ओपीडी के लिए दिल्ली एम्स 100 नर्सों की भर्ती कर रहा है.
पीजीआई चंडीगढ़ ने 16 सीनियर रेजिडेंट और फैकल्टी सहित अन्य जरूरी स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं, आपको बता दें कि नए साल से एम्स में जनरल मेडिसिन, रेडियोलॉजिस्ट, गायनी, ईएनटी, कार्डियक, पैथोलॉजी और बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी शुरू होगी.
गौरतलब है कि बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में लगभग 250 एकड़ भूमि में लगभग 1500 करोड़ रुपये की लागत से एम्स की स्थापना होने जा रही है. जिला में इस संस्थान के स्थापित होने से न केवल बिलासपुर व आसपास के जिलों बल्कि हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ पंजाब राज्य के लाखों लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
इस संस्थान में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 750 बिस्तर का अस्पताल होगा, जिसमें 30 ट्रॉमा बेड, 80 आईसीयू बेड, 20 ऑपरेशन थियेटर, 20 स्पेशलिटी और सुपर स्पेशलिटी विभाग के साथ-साथ अत्याधुनिक उपकरण जैसे सिटी स्कैन, एमआरआई, कैथ लैब की सुविधा उपलब्ध होगी. इस परिसर में आवसीय छात्रावास जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
इसके अतिरिक्त मरीजों के लिए गैर एलोपैथिक विधाओं से भी इलाज की सुविधा होगी जिसके लिए इसी परिसर में आयुष भवन भी स्थापित होगा. इस भवन में होम्योपैथी, आयुर्वेद और यूनानी पद्धति से भी मरीजों का इलाज होगा और इसके लिए 30 बेड का एक वार्ड बनाया जा रहा है.
इसी संस्थान में 100 सीटों का मेडिकल काॅलेज, 60 सीटों का नर्सिंग काॅलेज और करीब 600 लोगों को बैठने की क्षमता वाला ऑडिटोरियम भी स्थापित होगा. निश्चित तौर पर जिला में स्थापित हो रहा एम्स संस्थान प्रदेश के लोगों के लिए एक उत्तम, उन्नत व अत्याधुनिक उपचार सुविधाओं का केंद्र बनेगा और लोगों को उपचार के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा.
इससे न केवल यहां के लोगों को प्रदेश के अंदर ही राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा सुविधा मिलेगी बल्कि अनावश्यक परेशानी के साथ-साथ आर्थिक बचत भी होगी. जिला के कोठीपुरा में स्थापित हो रहे इस एम्स का शिलान्यास 21 जनवरी, 2019 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया था. इस परियोजना को 30 सितंबर, 2021 पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते अब इसे अगले साल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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