बिलासपुर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के उल्लंघन पर बिलासपुर नगर परिषद को लाखों रुपये की पेनाल्टी लग सकती है. 15 दिन के कारण बताओ नोटिस का जबाव संतोषजनक न पाए जाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अब सात दिन का नोटिस जारी कर जबाव तलब किया गया है.
वहीं, अगर इस बार भी जबाव संतोषजनक नहीं पाया गया तो, अप्रैल से लेकर सितंबर तक प्रतिमाह के हिसाब से एक लाख रुपये से अधिक जुर्माना राशि नगर परिषद को देनी पड़ेगी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिशासी अभियंता अतुल परमार ने बताया कि नगर परिषद बिलासपुर द्वारा डोर टू डोर कलेक्शन के तहत एकत्रित किए जा रहे कचरे को गोविंद सागर किनारे गड्ढे कर ठिकाने लगाया जा रहा है. इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ा संज्ञान लिया है और पहले 15 दिन का कारण बताो नोटिस जारी कर जबाव मांगा गया था.
उन्होंने कहा कि नगर परिषद का जबाव संतोषजनक नहीं पाया गया है, जिसके चलते अब फिर से नोटिस जारी करके एक हफ्ते का टाइम दिया गया है और इसके बाद ही जुर्माना लगाया जाएगा. अतुल परमार ने बताया कि नगर परिषद को डंपिंग साइट चयनित कर लोगों से एकत्रित किए जा रहे गीला व सूखा कूड़ा ठिकाने लगाना होगा. इसी तरह कूड़े के निस्तारण के लिए प्रॉपर डिस्पोजल साइट न होने के चलते घुमारवीं, जोगिंदर नगर, सुंदरनगर, मंडी और नैरचौक नगर परिषदों को भी नोटिस जारी किए गए हैं. आदेशों का उल्लंघन पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिशासी अभियंता अतुल परमार ने कहा कि सुंदरनगर से लेकर पंडोह तक फोरलेन का काम कर रही कंपनी को भी नोटिस जारी किया गया है. कंपनी व्यास नदी के किनारे मलबा फेंक रही है, जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कंपनी को व्यवस्था में सुधार के लिए आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि बिलासपुर और मंडी की मीट मार्केट का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें कई खामियां पाई गई हैं. स्लाटर हाउस से निकलने वाला वेस्ट पानी नाले में प्रवेश कर रहा है, जो नदियों में जाकर पानी को प्रदूषित कर रहा है.
साथ ही कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिलासपुर व मंडी जिलों में नियमों की अवहेलना पर 165 छोटे-बड़े उद्योगों को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें कई बड़ी इंडस्ट्रीज भी शामिल हैं. इन सभी को एनओसी रिन्यूअल के लिए कहा गया है और अगर बाद में निरीक्षण के दौरान व्यवस्था में खामियां पाई गई तो नियमानुसार कार्रवाई होगी.
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