बिलासपुर: प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठों पर रविवार को अष्टमी पूजन की धूम हैं. इसी कड़ी में विश्व विख्यात शक्ति पीठ श्री नैना देवी में अष्टमी पूजन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे.
हजारों की संख्या में अष्टमी पूजन को लेकर मां नैना देवी के दरबार में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. जिसके चलते प्रशासन और पुलिस के द्वारा भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.
अष्टमी नवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु मां के दरबार में पूजा अर्चना करते हैं. साथ ही हवन यज्ञ करते हैं और अपने घर, परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करते हैं. श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बनती है. कोई दंडवत करता हुआ, तो कोई झंडे हाथ में लेकर जयकारे लगाता हुआ मां के दरबार में पहुंचता है.
बता दें कि अष्टमी नवरात्रि के पावन मौके पर पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, यूपी, बिहार, दिल्ली और विदेशों से भी श्रद्धालु मां के दरबार में पहुंच रहे हैं.
दरअसल नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा का विधान है. भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर पूजा की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था. जब भगवान शिव ने इनको दर्शन दिया तब उनकी कृपा से इनका शरीर अत्यंत गौर हो गया और इनका नाम गौरी हो गया.
माना जाता है कि माता सीता ने श्री राम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी. मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है. विवाह सम्बन्धी तमाम बाधाओं के निवारण मैं इनकी पूजा अचूक होती है.
क्या है मां गौरी की पूजा विधि
- नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद स्नान करके पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरम्भ करें.
- मााते के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें.
- मां को सफेद फूल और सफेद मिठाई अर्पित करें, माता प्रसन्न होंगी.
- या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:|| का जाप करें
- माता गौरी से शुक्र की समस्याओं के समाप्ति की प्रार्थना करें