बिलासपुर: जिला के नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के स्वारघाट उपमंडल में स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावे फेल हो रहे हैं. दरअसल स्वारघाट के अस्पताल में ट्रामा सेंटर बंद होने की वजह से लोगों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल की जगह निजी अस्पताल का रूख करना पड़ता है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रामा सेंटर बंद होने से 40 किलोमीटर का सफर तय करके बिलासपुर हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्वारघाट अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े. कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचे एक बुजुर्ग ने कहा कि ट्रामा सेंटर बंद होने के कारण उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ेगा. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बाद भी उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ेगा.
बिलासपुर अस्पताल के सीएमओ प्रकाश दरोच ने बताया कि किसी मरीज द्वारा निजी अस्पताल में जाकर रैबीज का इंजेक्शन लगाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा मामला है, तो जांच की जाएगी.
बता दें कि स्वारघाट उपमडंल में ट्रामा सेंटर का काफी समय पहले उद्घाटन किया गया था, लेकिन उस समय से लेकर आज तक ये ट्रामा सेंटर बंद पड़ा हुआ है. जिससे मरीजों को अस्पताल में दवाइयों व इंजेक्शन ना मिलने के कारण प्राइवेट क्लीनिक जाना पड़ रहा है.