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स्वारघाट अस्पताल में ट्रामा सेंटर का 'ड्रामा'...निजी अस्पताल में जेब से पैसा खर्च कर इलाज करवा रहे मरीज

बिलासपुर के स्वारघाट उपमंडल में ट्रामा सेंटर बंद होने की वजह से लोगों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल की जगह निजी अस्पताल का रूख करना पड़ता है. ऐसे में लोगों ने प्रशासन ने मांग की है कि स्वारघाट अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध करवाई जाए.

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Published : Nov 21, 2019, 8:56 PM IST

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बिलासपुर: जिला के नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के स्वारघाट उपमंडल में स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावे फेल हो रहे हैं. दरअसल स्वारघाट के अस्पताल में ट्रामा सेंटर बंद होने की वजह से लोगों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल की जगह निजी अस्पताल का रूख करना पड़ता है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रामा सेंटर बंद होने से 40 किलोमीटर का सफर तय करके बिलासपुर हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्वारघाट अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े. कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचे एक बुजुर्ग ने कहा कि ट्रामा सेंटर बंद होने के कारण उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ेगा. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बाद भी उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ेगा.

बिलासपुर अस्पताल के सीएमओ प्रकाश दरोच ने बताया कि किसी मरीज द्वारा निजी अस्पताल में जाकर रैबीज का इंजेक्शन लगाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा मामला है, तो जांच की जाएगी.

वीडियो

बता दें कि स्वारघाट उपमडंल में ट्रामा सेंटर का काफी समय पहले उद्घाटन किया गया था, लेकिन उस समय से लेकर आज तक ये ट्रामा सेंटर बंद पड़ा हुआ है. जिससे मरीजों को अस्पताल में दवाइयों व इंजेक्शन ना मिलने के कारण प्राइवेट क्लीनिक जाना पड़ रहा है.

बिलासपुर: जिला के नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के स्वारघाट उपमंडल में स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावे फेल हो रहे हैं. दरअसल स्वारघाट के अस्पताल में ट्रामा सेंटर बंद होने की वजह से लोगों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल की जगह निजी अस्पताल का रूख करना पड़ता है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रामा सेंटर बंद होने से 40 किलोमीटर का सफर तय करके बिलासपुर हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्वारघाट अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े. कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचे एक बुजुर्ग ने कहा कि ट्रामा सेंटर बंद होने के कारण उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ेगा. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बाद भी उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ेगा.

बिलासपुर अस्पताल के सीएमओ प्रकाश दरोच ने बताया कि किसी मरीज द्वारा निजी अस्पताल में जाकर रैबीज का इंजेक्शन लगाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा मामला है, तो जांच की जाएगी.

वीडियो

बता दें कि स्वारघाट उपमडंल में ट्रामा सेंटर का काफी समय पहले उद्घाटन किया गया था, लेकिन उस समय से लेकर आज तक ये ट्रामा सेंटर बंद पड़ा हुआ है. जिससे मरीजों को अस्पताल में दवाइयों व इंजेक्शन ना मिलने के कारण प्राइवेट क्लीनिक जाना पड़ रहा है.

Intro:

जिला बिलासपुर के विधानसभा क्षेत्र नैना देवी के उपमंडल स्वारघाट में स्वास्थ्य के विभाग के बड़े-बड़े दावे असफल दिखाई दे रहे हैं । क्योंकि एक व्यक्ति को
रैबीज का इंजेक्शन लगाने के लिए प्राइवेट क्लीनिक में जाना पड़ रहा है । स्वारघाट में ट्रामा सेंटर का काफी समय पहले उद्घाटन किया गया है और उस समय से लेकर आज तक यह ट्रामा सेंटर बंद पड़ा है । जिसके चलते मरीजों को अस्पताल में दवाइयों व इंजेकशन ना मिलने के कारण लोगों को प्राइवेट क्लीनिक
में इंजेक्शन लगाने का रुख करना पड़ता है हाल में ही एक पीड़ित व्यक्ति को रैबीज का इंजेक्शन बहरी क्लीनिक में लगवाना पड़ा लोगो ने बताया कि बिलासपुर हॉस्पिटल लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है ओर काफी पैसे खर्च करके उन्हें ज़िला अस्पताल जाना पड़ता है उन्होंने प्रशाशन से मांग की स्वारघाट अस्पताल मे सभी प्रकार की दवाइयां मिले ताकि लोगों को कोई समस्या न आ सके ओर पैसे खर्च करके दूसरे अस्पतालों मैं ना जाना पड़े

वंही इस संदर्भ मैं ज़िला बिलासपुर अस्पताल के सी एम ओ से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा कोई मामला नही हैंऔर न ही उनके ध्यान मे है अगर फिर भी ऐसा मामला है तो जांच करवाई जाएगी

पीडित लेख राम

बाइट। प्रकाश दरोच सी एम ओ बिलासपुर

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जिला बिलासपुर के विधानसभा क्षेत्र नैना देवी के उपमंडल स्वारघाट में स्वास्थ्य के विभाग के बड़े-बड़े दावे असफल दिखाई दे रहे हैं । क्योंकि एक व्यक्ति को
रैबीज का इंजेक्शन लगाने के लिए प्राइवेट क्लीनिक में जाना पड़ रहा है । स्वारघाट में ट्रामा सेंटर का काफी समय पहले उद्घाटन किया गया है और उस समय से लेकर आज तक यह ट्रामा सेंटर बंद पड़ा है । जिसके चलते मरीजों को अस्पताल में दवाइयों व इंजेकशन ना मिलने के कारण लोगों को प्राइवेट क्लीनिक
में इंजेक्शन लगाने का रुख करना पड़ता है हाल में ही एक पीड़ित व्यक्ति को रैबीज का इंजेक्शन बहरी क्लीनिक में लगवाना पड़ा लोगो ने बताया कि बिलासपुर हॉस्पिटल लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है ओर काफी पैसे खर्च करके उन्हें ज़िला अस्पताल जाना पड़ता है उन्होंने प्रशाशन से मांग की स्वारघाट अस्पताल मे सभी प्रकार की दवाइयां मिले ताकि लोगों को कोई समस्या न आ सके ओर पैसे खर्च करके दूसरे अस्पतालों मैं ना जाना पड़े

वंही इस संदर्भ मैं ज़िला बिलासपुर अस्पताल के सी एम ओ से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा कोई मामला नही हैंऔर न ही उनके ध्यान मे है अगर फिर भी ऐसा मामला है तो जांच करवाई जाएगी

पीडित लेख राम

बाइट। प्रकाश दरोच सी एम ओ बिलासपुर

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