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घुमारवीं पेयजल योजना का काम जल्द होगा शुरू, मंत्री महेंद्र सिंह से इसलिए मिले आउटसोर्स कर्मचारी - घुमारवीं पेयजल योजना

बिलासपुर में योजनाओं की समीक्षा के लिए बुधवार को मंत्री महेंद्र सिंह (Minister Mahendra Singh meeting in Bilaspur )पहुंचे. बैठक के बाद उनसे आउटसोर्स और रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने (Outsourced employee meet Mahendra Singh )मिलकर उनके लिए ठोस नीति बनाने की मांग की.वहीं, घुमारवीं पेयजल योजना के लिए 21 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए जिसका काम जल्द शुरू होगा.

Minister Mahendra Singh meeting in Bilaspur
बिलासपुर में योजानाओं की समीक्षा,
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Published : Dec 8, 2021, 6:34 PM IST

बिलासपुर: जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने परिधी गृह में जल शक्ति एवं बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ जिले में चल रहे विकास कार्यों व योजनाओं की समीक्षा( Minister Mahendra Singh meeting in Bilaspur ) बैठक की बैठक के पश्चात विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स और रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने (Outsourced employee meet Mahendra Singh ) मिलकर उनके लिए ठोस नीति बनाने की मांग रखी ,जिस पर महेंद्र सिंह ने भविष्य में इस पर गौर करने का आश्वासन दिया.

मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया जल जीवन मिशन के तहत 37 परियोजनाओं पर 200 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे. उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को इन योजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नाबार्ड के तहत 34 करोड़ की 7 योजनाएं बनाई जा रही ,जिनमें से सदर बिलासपुर में 5 , घुमारवीं में 2 योजनाएं बनाई जा रही .उन्होंने कहा कि घुमारवीं शहर में पेयजल योजना के लिए लगभग 21 करोड़ रुपए (Ghumarwin Drinking Water Scheme)स्वीकृत किए गए और इसका कार्य शीघ्र शुरू करने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए.

इस अवसर पर उन्होंने अनुसूचित जाति विकास योजना एडीबी और एनडीवी द्वारा वित्त प्राप्त योजनाओं की भी समीक्षा की. उन्होंने बताया कि प्रदेश के निचले क्षेत्र के 7 जिलों के लिए एशियन विकास बैंक द्वारा 1688 करोड़ रुपए की एचपी शिवा प्रोजेक्ट स्वीकृत (HP Shiva Project Approved)किया गया , जिसके तहत बिलासपुर में चार कलस्टर निर्मित किए गए. योजना के अंतर्गत कोठी मझेड, तलवाडा, धनेट तथा लंाजटा कलस्टर सहित जिले के इन चार कलस्टरों में 50 हजार 500 पौधे रोपित किए गए.

इसके अतिरिक्त जिले में 27 फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन दिए गए , जिन्हें 27 से बढ़ाकर 40 करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि योजना के तहत जिले में 600 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र को कवर किया जा रहा. उन्होंने संबंधित विभाग के विशेषज्ञों को निर्देश दिए कि प्लांट की ट्रेनिंग और प्रुनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए ,ताकि बागवानों को योजना से अधिक से अधिक लाभ मिल सके.

ये भी पढ़ें :आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ लाहौल स्पीति ने सीएम जयराम से की मुलाकात, मुख्यमंत्री ने दिया ये आश्वासन

बिलासपुर: जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने परिधी गृह में जल शक्ति एवं बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ जिले में चल रहे विकास कार्यों व योजनाओं की समीक्षा( Minister Mahendra Singh meeting in Bilaspur ) बैठक की बैठक के पश्चात विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स और रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने (Outsourced employee meet Mahendra Singh ) मिलकर उनके लिए ठोस नीति बनाने की मांग रखी ,जिस पर महेंद्र सिंह ने भविष्य में इस पर गौर करने का आश्वासन दिया.

मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया जल जीवन मिशन के तहत 37 परियोजनाओं पर 200 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे. उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को इन योजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नाबार्ड के तहत 34 करोड़ की 7 योजनाएं बनाई जा रही ,जिनमें से सदर बिलासपुर में 5 , घुमारवीं में 2 योजनाएं बनाई जा रही .उन्होंने कहा कि घुमारवीं शहर में पेयजल योजना के लिए लगभग 21 करोड़ रुपए (Ghumarwin Drinking Water Scheme)स्वीकृत किए गए और इसका कार्य शीघ्र शुरू करने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए.

इस अवसर पर उन्होंने अनुसूचित जाति विकास योजना एडीबी और एनडीवी द्वारा वित्त प्राप्त योजनाओं की भी समीक्षा की. उन्होंने बताया कि प्रदेश के निचले क्षेत्र के 7 जिलों के लिए एशियन विकास बैंक द्वारा 1688 करोड़ रुपए की एचपी शिवा प्रोजेक्ट स्वीकृत (HP Shiva Project Approved)किया गया , जिसके तहत बिलासपुर में चार कलस्टर निर्मित किए गए. योजना के अंतर्गत कोठी मझेड, तलवाडा, धनेट तथा लंाजटा कलस्टर सहित जिले के इन चार कलस्टरों में 50 हजार 500 पौधे रोपित किए गए.

इसके अतिरिक्त जिले में 27 फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन दिए गए , जिन्हें 27 से बढ़ाकर 40 करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि योजना के तहत जिले में 600 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र को कवर किया जा रहा. उन्होंने संबंधित विभाग के विशेषज्ञों को निर्देश दिए कि प्लांट की ट्रेनिंग और प्रुनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए ,ताकि बागवानों को योजना से अधिक से अधिक लाभ मिल सके.

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