बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश सामाजिक विश्लेषण एवं अन्वेषण संस्था ने बिलासपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पत्रकारों को संबोधित करते हुए संस्था के प्रदेश अध्यक्ष इंद्र सिंह डोगरा ने कहा कि हिंदू समाज अपने मठ मंदिरों का प्रबंधन चलाने में पूर्ण रूप से सक्षम हैं. प्राचीन समय में मंदिर-मठ हिंदू समाज के आस्था के केंद्र के अलावा अध्यात्मिक व विज्ञान की शिक्षा के भी केंद्र होते थे.
इसी कारण भारत को विश्व गुरू भी कहा जाता था, लेकिन बाद में धीरे-धीरे भारत पर बाहरी आक्रमणकारी शासकों के कारण सारी व्यवस्थाएं बदल गई. फिर ब्रिटिश शासनकाल में भी बहुत कुछ बदल गया. आजादी के बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा.
प्रबंधन समिति बनाने की मांग
इंद्र सिंह डोगरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने एचपी हिंदू पब्लिक रिलीजियस इंस्टीट्यूशन चैरिटेबल एक्ट 1984 के तहत दस लाख से अधिक आय वाले मंदिरों को अपने अधीन कर लिया था, तब से लेकर अब तक यही व्यवस्था चली आ रही है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हिंदू समाज के मठ-मंदिरों के प्रबंधन के लिए जिला स्तर व राज्य स्तर पर समितियां बनाई जाए. जिनमें कोई राजनीति से जुड़ा व्यक्ति न हो. इनमें समाज सेवी व विद्वान लोगों को स्थान दिया जाए. इस तरह की मांग देश के अन्य राज्यों में भी उठनी शुरू हो गई है.
इंद्र सिंह डोगरा ने सरकार से एचपी हिंदू पब्लिक रिलीजियस इंस्टीट्यूशन चैरिटेबल एक्ट1984 को वापिस लेने की मांग की है. पत्रकार वार्ता को रिटायर्ड जिला न्यायवादी कश्मीर ठाकुर व वरिष्ठ साहित्यकार कुलदीप चंदेल ने भी संबोधित किया.
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