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हिमाचल रीजनल अलायंस अगर सत्ता में आती है तो 24 घंटे के अंदर पुरानी पेंशन की होगी बहाली: डॉ. राजन सुशांत

हिमाचल रीजनल अलायंस (Himachal Regional Alliance) अगर प्रदेश में सत्ता में आई, तो 24 घंटे में पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली कर दी जाएगी. यह बात हिमाचल रीजनल अलायंस के नेता डॉ. राजन सुशांत ने शनिवार को घुमारवीं के लोक निर्माण विश्राम गृह में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि पार्टी सत्ता में आते ही हर वर्ग के लोगों के लिए एक नई विजन और नई सोच के साथ एक नई क्रांति प्रदेश में लाएगी.

Rajan Sushant
राजन सुशांत
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Published : Mar 26, 2022, 5:15 PM IST

घुमारवीं: हिमाचल रीजनल अलायंस (Himachal Regional Alliance) अगर प्रदेश में सत्ता में आई, तो 24 घंटे में पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली कर दी जाएगी. यह बात हिमाचल रीजनल अलायंस के नेता डॉ. राजन सुशांत ने शनिवार को घुमारवीं के लोक निर्माण विश्राम गृह में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि हिमाचल रीजनल अलायंस हिमाचल जन क्रांति दल, नया सवेरा, हिंदू महासभा, किसान कल्याण संघ, गोरखा परिषद, बागवान तथा किसान संघ और हिमाचल एकता मंच जैसे कई सामाजिक संगठनों के गठजोड़ से तैयार किया गया एक राजनीतिक संगठन है, जो आने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश की सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.

डॉ. राजन सुशांत ने (Rajan Sushant Himachal) कहा कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से प्रदेश का हर वर्ग दुखी तथा हताश है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के डेढ़ लाख एनपीएस कर्मचारी, 50 हजार आउटसोर्स कर्मचारी, 40 हजार अनुबंधित कर्मचारी, 38 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हजारों मिड डे मील, सिलाई वर्कर, सैनिक, पूर्व सैनिक, पैरामिलिट्री फोर्स, दुकानदार तथा अन्य व्यवसायी जैसे किसान बागवानी से जुड़े सभी लोग इस वक्त भारतीय जनता पार्टी की गलत नीतियों से हताश हैं.

राजन सुशांत.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अब तानाशाही पर उतर आई है. यही कारण है कि वह कर्मचारियों पर लाठीचार्ज करने से भी नहीं कतरा रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए बताया कि कांग्रेस तो नक्शे से खत्म ही हो चुकी है और अब जनता बदलाव चाहती है. यही कारण है कि हमने जनता के दुख और दर्द को समझते हुए उन्हें एक बड़ा मंच देने के लिए हिमाचल रीजनल अलायंस का गठन किया है. इस मौके पर उन्होंने अपनी पार्टी के द्वारा तैयार किए गए मसौदे में से मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर चर्चा की जिसमें से उन्होंने विस्थापित किसानों तथा मत्स्य रोजगार से जुड़े हुए लोगों की समस्याओं की बात की.

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान आवारा पशुओं बंदरों तथा जंगली जानवरों के आतंक से परेशान है. प्रदेश के किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है, लेकिन सरकारें उनके लिए कुछ नहीं कर रही हैं. जबकि मत्स्य से जुड़े करीब प्रदेश में दस हजार लोगों को आज उनकी कड़ी मेहनत का उचित मूल्य तक प्रदान नहीं किया जा रहा है. जिस कारण वह आज भी गुरबत की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही हिमाचल रीजनल अलायंस प्रदेश में सत्ता में आएगी, तो आते ही प्रदेश के हर वर्ग के लोगों के लिए एक नई विजन और नई सोच के साथ एक नई क्रांति प्रदेश में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: मंडी के अजय ने प्राकृतिक खेती का बेहतरीन मॉडल किया पेश, बंजर भूमि पर उगा दिया 'सोना'

घुमारवीं: हिमाचल रीजनल अलायंस (Himachal Regional Alliance) अगर प्रदेश में सत्ता में आई, तो 24 घंटे में पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली कर दी जाएगी. यह बात हिमाचल रीजनल अलायंस के नेता डॉ. राजन सुशांत ने शनिवार को घुमारवीं के लोक निर्माण विश्राम गृह में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि हिमाचल रीजनल अलायंस हिमाचल जन क्रांति दल, नया सवेरा, हिंदू महासभा, किसान कल्याण संघ, गोरखा परिषद, बागवान तथा किसान संघ और हिमाचल एकता मंच जैसे कई सामाजिक संगठनों के गठजोड़ से तैयार किया गया एक राजनीतिक संगठन है, जो आने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश की सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.

डॉ. राजन सुशांत ने (Rajan Sushant Himachal) कहा कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से प्रदेश का हर वर्ग दुखी तथा हताश है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के डेढ़ लाख एनपीएस कर्मचारी, 50 हजार आउटसोर्स कर्मचारी, 40 हजार अनुबंधित कर्मचारी, 38 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हजारों मिड डे मील, सिलाई वर्कर, सैनिक, पूर्व सैनिक, पैरामिलिट्री फोर्स, दुकानदार तथा अन्य व्यवसायी जैसे किसान बागवानी से जुड़े सभी लोग इस वक्त भारतीय जनता पार्टी की गलत नीतियों से हताश हैं.

राजन सुशांत.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अब तानाशाही पर उतर आई है. यही कारण है कि वह कर्मचारियों पर लाठीचार्ज करने से भी नहीं कतरा रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए बताया कि कांग्रेस तो नक्शे से खत्म ही हो चुकी है और अब जनता बदलाव चाहती है. यही कारण है कि हमने जनता के दुख और दर्द को समझते हुए उन्हें एक बड़ा मंच देने के लिए हिमाचल रीजनल अलायंस का गठन किया है. इस मौके पर उन्होंने अपनी पार्टी के द्वारा तैयार किए गए मसौदे में से मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर चर्चा की जिसमें से उन्होंने विस्थापित किसानों तथा मत्स्य रोजगार से जुड़े हुए लोगों की समस्याओं की बात की.

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान आवारा पशुओं बंदरों तथा जंगली जानवरों के आतंक से परेशान है. प्रदेश के किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है, लेकिन सरकारें उनके लिए कुछ नहीं कर रही हैं. जबकि मत्स्य से जुड़े करीब प्रदेश में दस हजार लोगों को आज उनकी कड़ी मेहनत का उचित मूल्य तक प्रदान नहीं किया जा रहा है. जिस कारण वह आज भी गुरबत की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही हिमाचल रीजनल अलायंस प्रदेश में सत्ता में आएगी, तो आते ही प्रदेश के हर वर्ग के लोगों के लिए एक नई विजन और नई सोच के साथ एक नई क्रांति प्रदेश में लाई जाएगी.

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