बिलासपुर: बिलासपुर में एक ठेकेदार की मनमानी नेशनल खिलाड़ियों (national players) पर भारी पड़ रही है. युवा सेवाएं एवं खेल विभाग हिमाचल प्रदेश (Youth Services and Sports Department Himachal Pradesh) द्वारा बिलासपुर जिले के हॉस्टल के जीर्णोद्धार (hostel renovation) के लिए 35 लाख के हुए टेंडर (Tender) का कार्य ठेकेदार 3 महीने से नहीं करवा रहा है. जिसके चलते अब खिलाड़ियों को मजबूरन किराए पर निजी कमरे लेकर रहना पड़ रहा है.
खेल विभाग बिलासपुर (Sports Department Bilaspur) द्वारा हिमुडा (Himuda) और संबंधित ठेकेदार से कई बार बात की गई, लेकिन हिमुडा द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ठेकेदार द्वारा कार्य शुरू न करने की वजह से अब यहां पर खिलाड़ियों को रहने में भारी दिक्कतें हो रही हैं, क्योंकि उक्त हॉस्टल में बाथरूम पूरी तरह से तोड़ दिया है और अन्य कार्यों को भी शुरू नहीं किया गया है. जिसके चलते अब युवा सेवाएं एवं खेल विभाग बिलासपुर (Youth Services and Sports Department Bilaspur) द्वारा खिलाड़ियों को यहां पर रखने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर स्पोर्टस हॉस्टल में एथेलेटिक्स, कबड्डी व हैंडबाॅल के कुल 90 खिलाड़ी हैं. इनमें से अधिकतर खिलाड़ी नेशनल स्तर पर अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं. कोविड की वजह से पहले ही खिलाड़ियों को अपने खेल के प्रति समय न दे पाने और अन्य प्रतियोगिताएं न होने की वजह से काफी मुश्किलें हुई थीं और अब बिलासपुर हॉस्टल में रहने की सुविधा न मिलने की वजह से उनके खेल पर भी प्रभाव पड़ा है.
वहीं, इस संदर्भ में जब युवा सेवाएं एवं खेल विभाग (Youth Services and Sports Department) के जिला प्रभारी (District Incharge) रवि शंकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 35 लाख के टेंडर करने के बावजूद भी यहां पर कार्य शुरू नहीं हुआ है. यह टेंडर हिमुडा को जारी किया गया है. कार्य न होने की वजह से खिलाड़ी निजी कमरों में किराया देकर रह रहे हैं. इस समस्या को लेकर कई बार संबंधित हिमुडा के अधिकारियों से भी बात की गई है, लेकिन कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. जो एक गंभीर समस्या बन गई है क्योंकि पूरे प्रदेशभर में स्पोर्टस हॉस्टल खुल गए हैं, लेकिन बिलासपुर में नहीं.
वहीं, हिमुडा के एसडीओ (SDO of Himuda) संजय शर्मा ने बताया कि संबंधित ठेकेदार को 3 से चार बार नोटिस जा चुका है, लेकिन फिर भी वह कार्य शुरू नहीं कर रहा है. एक सप्ताह के भीतर अगर यह ठेकेदार कार्य नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई (Action) अमल में लाई जाएगी.
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