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बिलासपुर अस्पताल में स्थापित हुआ शिशु पालना केंद्र, होंगी ये व्यवस्थाएं

बिलासपुर अस्पताल में शिशु पालना केंद्र स्थापित किया गया है. शिशु पालना केंद्र में लोग अपने अनचाहे बच्चे को अपनी पहचान बताए बिना वहां रख सकते हैं.

बिलासपुर अस्पताल
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Published : Sep 13, 2019, 12:08 AM IST

बिलासपुर: समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जिला अस्पताल बिलासपुर में शिशु पालना केंद्र स्थापित किया है. यह शिशु पालना केंद्र नवजात बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है. इस शिशु पालना केंद्र के खुलने से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी आएगी.

इस पालना केंद्र में असुरक्षित स्थान पर छोड़े जाने वाले बच्चों के लिए सुरक्षा और भरण पोषण स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. बता दें कि इस शिशु पालना केंद्र के साथ ही एक घंटी लगाई गई है. पालना घर में बच्चा रखने के बाद ये बैल 5 मिनट बाद जाकर कंट्रोल रूम में बजेगी.

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इसके बाद स्टाफ नर्स आकर उस बच्चे को लेकर जाएगी. गौरतलब है कि इन पालक केंद्रों में ऐसे लोग अपने अनचाहे बच्चे को अपनी पहचान छुपाकर पालने में रख सकते हैं. महिला एवं बाल विकास इन नवजातों का पालन पोषण शिमला में मौजूद शिशु गृह में करेगी और शिशु गृह में बच्चों को गोद लेने के लिए आवेदन करने वालों को इन बच्चों को सौंपेगा.

बिलासपुर: समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जिला अस्पताल बिलासपुर में शिशु पालना केंद्र स्थापित किया है. यह शिशु पालना केंद्र नवजात बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है. इस शिशु पालना केंद्र के खुलने से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी आएगी.

इस पालना केंद्र में असुरक्षित स्थान पर छोड़े जाने वाले बच्चों के लिए सुरक्षा और भरण पोषण स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. बता दें कि इस शिशु पालना केंद्र के साथ ही एक घंटी लगाई गई है. पालना घर में बच्चा रखने के बाद ये बैल 5 मिनट बाद जाकर कंट्रोल रूम में बजेगी.

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इसके बाद स्टाफ नर्स आकर उस बच्चे को लेकर जाएगी. गौरतलब है कि इन पालक केंद्रों में ऐसे लोग अपने अनचाहे बच्चे को अपनी पहचान छुपाकर पालने में रख सकते हैं. महिला एवं बाल विकास इन नवजातों का पालन पोषण शिमला में मौजूद शिशु गृह में करेगी और शिशु गृह में बच्चों को गोद लेने के लिए आवेदन करने वालों को इन बच्चों को सौंपेगा.

Intro:
बिलासपुर अस्पताल में स्थापित हुआ शिशु पालना केंद्र
समाजिक न्याय एवम अधिकारिता विभाग के सौंजन्य से लगा
अनचाहे बच्चो को सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम
पालना केंद्र में बच्चा रखने पर बजेगी कंट्रोल रूम में बैल

समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जिला अस्पताल में शिशु पालना केंद्र स्थापित किया गया है। यह पालना केंद्र नवजात बच्चो की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। यह केंद्र जिला अस्पताल के रिसेप्शन छोर के सामने रखा गया है। जिसमे एक पालना केंद्र रखा गया है। इस शिशु पालना केंद्र के खुलने से जो नवजात शिशुओं की मृत्यु हो रही है, उस पर रोकथाम लगेगी। साथ ही अनचाहे बच्चो का पालन पोषण भी अछे तरीके से होगा। इस पालना केंद्र में परित्यक्त एवं असुरक्षित स्थान पर छोड़े जाने वाले बच्चो के लिए सुरक्षा भरण पोषण स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की समुचित व्यवस्था की जाएगी।



Body:बता दे कि इस शिशु पालना केंद्र के साथ ही एक बैल लगाई गई है। जिसमे अगर कोई वहां पर आकर बच्चा रखता है तो उनको बैल बजाने के लिए वहां पर लिखा गया है। इस दौरान यह बैल 5 मिनट बाद जाकर कंट्रोल रूम में जाकर बजेगी। यह कंट्रोल रूम भी जिला अस्पताल में स्थापित किया गया है। इसके बाद वहां पर स्टाफ नर्स आकर उस बच्चे को लेकर चले जाएंगे। जहां पर उस नवजात का पालन पोषण किया जाएगा। गौरतलब है कि इन पालक केंद्रों में ऐसे लोग अपने अनचाहे बच्चे को अपनी पहचान छुपाए केंद्र के पालने में रख सकते हैं। ऐसे में नवजात को महिला एवं बाल विकास अपना कर उनका पालन-पोषण अपने शिमला में मौजूद शिशु ग्रह में करेगा तो साथ ही इस शिशु गृह में बच्चों को गोद लेने के लिए आवेदन करने वालों को इन बच्चों को सौंपेगा।




Conclusion:बाइट...
बिलासपुर अस्पताल में तैनात चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश आहलुवालिया का कहना है कि यहां पर कोई भी नवजात शिशु को रख सकता है। यह सूचना गुप्त रखी जाएगी।
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