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देर शाम भोटा पहुंचा शहीद अंकेश भारद्वाज का पार्थिव शरीर, कल सुबह पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार

अरुणाचल प्रदेश के बर्फीले क्षेत्र कमांग में शहीद 22 वर्षीय सैनिक अंकेश भारद्वाज का शव शनिवार देर शाम हमीरपुर जिले के भोटा कस्बे में पहुंचा. रात होने के कारण शहीद का (Ankesh Bhardwaj of Seu) पार्थिव शरीर भोटा में रखा गया है. अंतिम संस्कार के लिए शहीद का पार्थिव शरीर रविवार सुबह घुमारवीं उपमंडल के सेउ गांव ले जाया जाएगा.

martyr Ankesh Bhardwaj
शहीद अंकेश भारद्वाज का पार्थिव शरीर
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Published : Feb 12, 2022, 9:05 PM IST

घुमारवीं/बिलासपुर: अरुणाचल प्रदेश के बर्फीले क्षेत्र कमांग में शहीद 22 वर्षीय सैनिक अंकेश भारद्वाज का शव शनिवार देर शाम हमीरपुर जिले के भोटा कस्बे में पहुंचा. शहीद का अंतिम संस्कार रविवार को उसके पैतृक गांव घुमारवीं उपमंडल (Avalanche in Kameng region) के सेउ में किया जाएगा. जिला बिलासपुर पुलिस प्रमुख साजू राम राणा ने अंकेश भारद्वाज के घर जाकर उनके पिता बांचा राम को जानकारी दी है.

शनिवार सुबह शहीद अंकेश भारद्वाज का शव पठानकोट पहुंचा. जहां असम के तेजपुर एयरपोर्ट से शव को पठानकोट एयरपोर्ट लाया गया. वहां से सड़क मार्ग के माध्यम से घुमारवीं के लिए लाया जा रहा है. रात होने के कारण शहीद का पार्थिव शरीर भोटा में रखा गया है. अंतिम संस्कार के लिए शहीद का पार्थिव शरीर रविवार सुबह घुमारवीं उपमंडल के सेउ गांव ले जाया जाएगा.

आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में बर्फीले तूफान में बिलासपुर जिले के सेऊ गांव का जवान अंकेश भारद्वाज शहीद हो गया. तीन दिन से लापता जवान के शव को मंगलवार को सेना ने ढूंढ निकाला है. तूफान में अंकेश भारद्वाज सहित सात जवान लापता हुए थे. एक ओर जहां दो जवानों को पहले ही रेस्क्यू कर लिया था.

वहीं, मंगलवार शाम को अंकेश सहित अन्य शेष जवानों (Himachal jawan Ankesh) को भी ढूंढ लिया गया. अंकेश भारद्वाज की ड्यूटी अरुणाचल में थी. इस दौरान वह अन्य जवानों के साथ थे. वहीं, बर्फीले तूफान की (arunachal avalanche accident) चपेट में आए. तीन दिन तक जवानों का कोई भी पता नहीं चल पाया था, लेकिन मंगलवार को सेना ने इन जवानों को खोज निकाला.

सैन्य विरासत का चमकता सितारा शहीद अंकेश के परिवार को सेना के लिए एक अलग रिश्ता रहा है. अंकेश के अपने घर में ही उनके पिता और उनके अन्य चार भाई सेना में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुए हैं. गांव के लोगों ने बताया कि अंकेश बहुत ही मेहनती व हर किसी के सुख दुख में शरीक रहता था. सेना से जब भी छुट्टी आता था, तो सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेता था.

बचपन से ही अंकेश भारद्वाज में कुछ कर दिखाने का जज्बा था. अंकेश भारद्वाज कुश्ती खेलने में रुचि रखते थे और उन्होंने कुश्ती में कई बार विजेता रहे थे. नेपाल में आयोजित हुई कुश्ती में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था. स्कूल ओलिंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था.

ये भी पढे़ं- तिरंगे में लिपटे शहीद राकेश की पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचते ही मची चीख-पुकार, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

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घुमारवीं/बिलासपुर: अरुणाचल प्रदेश के बर्फीले क्षेत्र कमांग में शहीद 22 वर्षीय सैनिक अंकेश भारद्वाज का शव शनिवार देर शाम हमीरपुर जिले के भोटा कस्बे में पहुंचा. शहीद का अंतिम संस्कार रविवार को उसके पैतृक गांव घुमारवीं उपमंडल (Avalanche in Kameng region) के सेउ में किया जाएगा. जिला बिलासपुर पुलिस प्रमुख साजू राम राणा ने अंकेश भारद्वाज के घर जाकर उनके पिता बांचा राम को जानकारी दी है.

शनिवार सुबह शहीद अंकेश भारद्वाज का शव पठानकोट पहुंचा. जहां असम के तेजपुर एयरपोर्ट से शव को पठानकोट एयरपोर्ट लाया गया. वहां से सड़क मार्ग के माध्यम से घुमारवीं के लिए लाया जा रहा है. रात होने के कारण शहीद का पार्थिव शरीर भोटा में रखा गया है. अंतिम संस्कार के लिए शहीद का पार्थिव शरीर रविवार सुबह घुमारवीं उपमंडल के सेउ गांव ले जाया जाएगा.

आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में बर्फीले तूफान में बिलासपुर जिले के सेऊ गांव का जवान अंकेश भारद्वाज शहीद हो गया. तीन दिन से लापता जवान के शव को मंगलवार को सेना ने ढूंढ निकाला है. तूफान में अंकेश भारद्वाज सहित सात जवान लापता हुए थे. एक ओर जहां दो जवानों को पहले ही रेस्क्यू कर लिया था.

वहीं, मंगलवार शाम को अंकेश सहित अन्य शेष जवानों (Himachal jawan Ankesh) को भी ढूंढ लिया गया. अंकेश भारद्वाज की ड्यूटी अरुणाचल में थी. इस दौरान वह अन्य जवानों के साथ थे. वहीं, बर्फीले तूफान की (arunachal avalanche accident) चपेट में आए. तीन दिन तक जवानों का कोई भी पता नहीं चल पाया था, लेकिन मंगलवार को सेना ने इन जवानों को खोज निकाला.

सैन्य विरासत का चमकता सितारा शहीद अंकेश के परिवार को सेना के लिए एक अलग रिश्ता रहा है. अंकेश के अपने घर में ही उनके पिता और उनके अन्य चार भाई सेना में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुए हैं. गांव के लोगों ने बताया कि अंकेश बहुत ही मेहनती व हर किसी के सुख दुख में शरीक रहता था. सेना से जब भी छुट्टी आता था, तो सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेता था.

बचपन से ही अंकेश भारद्वाज में कुछ कर दिखाने का जज्बा था. अंकेश भारद्वाज कुश्ती खेलने में रुचि रखते थे और उन्होंने कुश्ती में कई बार विजेता रहे थे. नेपाल में आयोजित हुई कुश्ती में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था. स्कूल ओलिंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था.

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