बिलासपुरः जिला बिलासपुर में इस बार पिछले साल के मुकाबले डेंगू की संख्या कम पाई गई है. इस साल की बात की जाए तो अभी तक 15 मामले ही सामने आए हैं, जबकि पिछले साल अक्टूबर महीने तक करीब 2 हजार मामले सामने आ गए थे.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनके प्रयासों के चलते जिले ने डेंगू की बीमारी पर काफी हद तक काबू पा लिया है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले सत्र से ही जिला भर के प्रभावित एरिया में फॉगिंग करवाना शुरू कर दिया था. साथ ही टीमों का गठन करके डोर टू डोर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
गौरतलब है कि बीते साल बिलासपुर जिला में 2200 के करीब मामलें सामने आए थे. जिसको लेकर यहां पर पौडुचेरी, दिल्ली, कांगड़ा और शिमला के वैज्ञानिक दौरा भी कर चुके हैं. वैज्ञानिको का कहना है कि यहां पर डेंगू को रोकना के लिए लोगों में जागरूकता लाना जरुरी है.
स्वास्थय विभाग डेंगू को लेकर सर्तकता बनाए हुए हैं. साथ ही लोगों से अलर्ट रहने की अपील की गई है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंदर सिंह ने बताया कि मादा एडीस मच्छर के काटने से डेंगू रोग होता है. डॉक्टर ने बताया कि ये मच्छर दिन में खासकर सुबह के समय काटते हैं.
डॉ. परविंदर सिंह ने कहा कि डेंगू के फैलने का सबसे माकूल समय बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक होता है. क्योंकि इस समय मच्छरों के पनपने के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां होती है.
बचने के उपाय
डेंगू से बचाव के लिए मच्छर प्रतिरोधक का इस्तेमाल करें पूरी बाजू की कमीज और पायजामा या पैंट पहने यह भी ध्यान रखें कि खिड़कियों के पर्दे सुरक्षित हो या उन में छेद ना हो. एयर कंडीशन कमरे में रहकर बीमारी से बचा जा सकता है.
मच्छरों को अंडे देने से रोकने के लिए घर में पानी जमा नहीं होने दे. बाहर रखे साफ पानी के बर्तनों जैसे पालतू जानवरों के पानी के बर्तन, बगीचों में पानी देने वाले बर्तन और पानी जमा करने वाले टैंक इत्यादि को साफ रखें. घर के अंदर फूल दानों में पानी जमा न होने दें और उन्हें हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें.
ये हैं डेंगू के लक्षण
साधारण तेज बुखार ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, आंखों को दबाने से दर्द और बढ़ जाती है. अत्यधिक कमजोरियां होना, भूख न लगना और जी मचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में दर्द होना, चेहरे गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकत्ते होना, बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है, ये सभी लक्षण डेंगू के हैं.
इस बारे में एमडी डॉ. दीपक ठाकुर ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए पूरे कपड़े डालने चाहिए. अगर किसी भी मरीज में कोई डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें. वहीं, आयुर्वेदिक डॉक्टर जय गोपाल ने कहा कि पपीता व अन्य आयुर्वेदिक पदार्थ का सेवन करना चाहिए. अगर किसी में डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं तो उसको आयुर्वेदिक इलाज करवाना चाहिए.
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