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पिछले साल के मुकाबले इस बार बिलासपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या कम, बचाव के लिए करें ये उपाय

बिलासपुर में इस बार पिछले साल के मुकाबले डेंगू की संख्या कम पाई गई है. इस साल की बात की जाए तो अभी तक 15 मामले ही सामने आए हैं.

bilaspur Dengue symptoms
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Published : Oct 15, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 1:25 PM IST

बिलासपुरः जिला बिलासपुर में इस बार पिछले साल के मुकाबले डेंगू की संख्या कम पाई गई है. इस साल की बात की जाए तो अभी तक 15 मामले ही सामने आए हैं, जबकि पिछले साल अक्टूबर महीने तक करीब 2 हजार मामले सामने आ गए थे.

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनके प्रयासों के चलते जिले ने डेंगू की बीमारी पर काफी हद तक काबू पा लिया है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले सत्र से ही जिला भर के प्रभावित एरिया में फॉगिंग करवाना शुरू कर दिया था. साथ ही टीमों का गठन करके डोर टू डोर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

गौरतलब है कि बीते साल बिलासपुर जिला में 2200 के करीब मामलें सामने आए थे. जिसको लेकर यहां पर पौडुचेरी, दिल्ली, कांगड़ा और शिमला के वैज्ञानिक दौरा भी कर चुके हैं. वैज्ञानिको का कहना है कि यहां पर डेंगू को रोकना के लिए लोगों में जागरूकता लाना जरुरी है.

वीडियो.

स्वास्थय विभाग डेंगू को लेकर सर्तकता बनाए हुए हैं. साथ ही लोगों से अलर्ट रहने की अपील की गई है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंदर सिंह ने बताया कि मादा एडीस मच्छर के काटने से डेंगू रोग होता है. डॉक्टर ने बताया कि ये मच्छर दिन में खासकर सुबह के समय काटते हैं.

डॉ. परविंदर सिंह ने कहा कि डेंगू के फैलने का सबसे माकूल समय बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक होता है. क्योंकि इस समय मच्छरों के पनपने के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां होती है.

बचने के उपाय
डेंगू से बचाव के लिए मच्छर प्रतिरोधक का इस्तेमाल करें पूरी बाजू की कमीज और पायजामा या पैंट पहने यह भी ध्यान रखें कि खिड़कियों के पर्दे सुरक्षित हो या उन में छेद ना हो. एयर कंडीशन कमरे में रहकर बीमारी से बचा जा सकता है.

मच्छरों को अंडे देने से रोकने के लिए घर में पानी जमा नहीं होने दे. बाहर रखे साफ पानी के बर्तनों जैसे पालतू जानवरों के पानी के बर्तन, बगीचों में पानी देने वाले बर्तन और पानी जमा करने वाले टैंक इत्यादि को साफ रखें. घर के अंदर फूल दानों में पानी जमा न होने दें और उन्हें हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें.

ये हैं डेंगू के लक्षण
साधारण तेज बुखार ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, आंखों को दबाने से दर्द और बढ़ जाती है. अत्यधिक कमजोरियां होना, भूख न लगना और जी मचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में दर्द होना, चेहरे गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकत्ते होना, बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है, ये सभी लक्षण डेंगू के हैं.

इस बारे में एमडी डॉ. दीपक ठाकुर ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए पूरे कपड़े डालने चाहिए. अगर किसी भी मरीज में कोई डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें. वहीं, आयुर्वेदिक डॉक्टर जय गोपाल ने कहा कि पपीता व अन्य आयुर्वेदिक पदार्थ का सेवन करना चाहिए. अगर किसी में डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं तो उसको आयुर्वेदिक इलाज करवाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- तीन युवकों ने टिकटॉक वीडियो बनाने के लिए एक कुत्ते को हवा में उछालकर झाड़ियों में फेंका, वीडियो हुआ वायरल

बिलासपुरः जिला बिलासपुर में इस बार पिछले साल के मुकाबले डेंगू की संख्या कम पाई गई है. इस साल की बात की जाए तो अभी तक 15 मामले ही सामने आए हैं, जबकि पिछले साल अक्टूबर महीने तक करीब 2 हजार मामले सामने आ गए थे.

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनके प्रयासों के चलते जिले ने डेंगू की बीमारी पर काफी हद तक काबू पा लिया है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले सत्र से ही जिला भर के प्रभावित एरिया में फॉगिंग करवाना शुरू कर दिया था. साथ ही टीमों का गठन करके डोर टू डोर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

गौरतलब है कि बीते साल बिलासपुर जिला में 2200 के करीब मामलें सामने आए थे. जिसको लेकर यहां पर पौडुचेरी, दिल्ली, कांगड़ा और शिमला के वैज्ञानिक दौरा भी कर चुके हैं. वैज्ञानिको का कहना है कि यहां पर डेंगू को रोकना के लिए लोगों में जागरूकता लाना जरुरी है.

वीडियो.

स्वास्थय विभाग डेंगू को लेकर सर्तकता बनाए हुए हैं. साथ ही लोगों से अलर्ट रहने की अपील की गई है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंदर सिंह ने बताया कि मादा एडीस मच्छर के काटने से डेंगू रोग होता है. डॉक्टर ने बताया कि ये मच्छर दिन में खासकर सुबह के समय काटते हैं.

डॉ. परविंदर सिंह ने कहा कि डेंगू के फैलने का सबसे माकूल समय बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक होता है. क्योंकि इस समय मच्छरों के पनपने के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां होती है.

बचने के उपाय
डेंगू से बचाव के लिए मच्छर प्रतिरोधक का इस्तेमाल करें पूरी बाजू की कमीज और पायजामा या पैंट पहने यह भी ध्यान रखें कि खिड़कियों के पर्दे सुरक्षित हो या उन में छेद ना हो. एयर कंडीशन कमरे में रहकर बीमारी से बचा जा सकता है.

मच्छरों को अंडे देने से रोकने के लिए घर में पानी जमा नहीं होने दे. बाहर रखे साफ पानी के बर्तनों जैसे पालतू जानवरों के पानी के बर्तन, बगीचों में पानी देने वाले बर्तन और पानी जमा करने वाले टैंक इत्यादि को साफ रखें. घर के अंदर फूल दानों में पानी जमा न होने दें और उन्हें हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें.

ये हैं डेंगू के लक्षण
साधारण तेज बुखार ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, आंखों को दबाने से दर्द और बढ़ जाती है. अत्यधिक कमजोरियां होना, भूख न लगना और जी मचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में दर्द होना, चेहरे गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकत्ते होना, बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है, ये सभी लक्षण डेंगू के हैं.

इस बारे में एमडी डॉ. दीपक ठाकुर ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए पूरे कपड़े डालने चाहिए. अगर किसी भी मरीज में कोई डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें. वहीं, आयुर्वेदिक डॉक्टर जय गोपाल ने कहा कि पपीता व अन्य आयुर्वेदिक पदार्थ का सेवन करना चाहिए. अगर किसी में डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं तो उसको आयुर्वेदिक इलाज करवाना चाहिए.

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Intro:
मच्छर के काटने के 5 दिन बाद दिखाई देंते है ड़ेंगू के लक्षण
मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है बुखार

बिलासपुर।
ड़ेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है, इनके शरीर पर चीते जैसी धारियां होती है, यह मच्छर दिन मैं खासकर सुबह के समय काटते हैं, लेकिन अगर रात के समय रोशनी जल रही हो तब भी यह मच्छर काट सकते हैं। डेंगू के फैलने का सबसे माकूल समय बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक होता है। क्योंकि इस समय मच्छरों के पनपने के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां होती है। एडिस इजी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता, इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच होती है।



Body:बिलासपुर अस्पताल में तैनात जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ परविंदर सिंह का कहना है कि डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ-सुथरे पानी में पनपते हैं। साफ-सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। एडिस मच्छर की ओर से काटे जाने के करीब 3 से 5 दिन बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। बचाव इलाज से हमेशा बेहतर रहता है। अगर प्लेटलेट्स 20000 तक या उससे नीचे पहुंच जाए तो फिर प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है, डेंगू का वायरस आमतौर पर प्लेटलेट्स कम कर देता है। जिससे शरीर में ब्लीडिंग होने लगती है। 40 से 50 हज़ार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती।

डेंगू से बचने के उपाय
बॉक्स...
डेंगू से बचाव के लिए मच्छर प्रतिरोधक का इस्तेमाल करें पूरी बाजू की कमीज और पायजामा या पेंट पहने यह भी ध्यान रखें कि खिड़कियों के पर्दे सुरक्षित हो या उन में छेद ना हो। एयर कंडीशन कमरे में रहकर बीमारी से बचा जा सकता है। मच्छरों को अंडे देने से रोकने के लिए घर में पानी जमा नहीं होने दे। बाहर रखे साफ पानी के बर्तनों जैसे पालतू जानवरों के पानी के बर्तन, बगीचों में पानी देने वाले बर्तन और पानी जमा करने वाले टैंक इत्यादि को साफ रखें। घर के अंदर फूल दानों में पानी जमा न होने दें और उन्हें हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें। जिन लोगों के घर में कोई डेंगू से पीड़ित है बस थोड़ा ध्यान रखें कि मच्छर दूसरे सदस्यों को ना काटे।

ये है ड़ेंगू के लक्षण
बॉक्स...
साधारण तेज बुखार ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, आंखों को दबाने से दर्द और बढ़ जाती है। अत्यधिक कमजोरियां होना, भूख न लगना और जी मचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में दर्द होना, चेहरे गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकत्ते होना। यह बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है, यह लक्षण डेंगू के हैं।

बच्चों को होता है ज्यादा खतरा
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बच्चों की प्रतिरोधी क्षमता यानी इम्यून सिस्टम ज्यादा कमजोर होती है। बच्चों को पूरे कपड़े पहना कर ही घर से बाहर भेजें। बच्चों के खेलने की जगह पर या उसके आसपास गंदा पानी ना जमा हो। स्कूल प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए कि स्कूलों में मच्छर ना पनप पाए।


Conclusion:बाइट...
एमडी डॉ दीपक ठाकुर ने कहा कि ड़ेंगू से बचने के लिए पूरे कपड़े डालने चाहिए। अगर किसी भी मरीज में कोई ड़ेंगू के लक्षण पाए जाते है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह ले।

बाइट...
आयुर्वेदिक डॉ जय गोपाल ने कहा कि पपीता व अन्य आयुर्वेदिक पदार्थ का सेवन करना चाहिए। अगर किसी मे ड़ेंगू के लक्षण पाए जाते है तो उसको आयुर्वेदिक इलाज करवाना चाहिए।
Last Updated : Oct 16, 2019, 1:25 PM IST
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