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बिलासपुर के अर्चित बने सेना में लेफ्टिनेंट, क्षेत्र में जश्न का माहौल

घुमारवीं के अर्चित ठाकुर ने किया इलाके का नाम रोशन. सेना में बने लेफ्टिनेंट कमीशन. 4 साल की कड़ी मेहनत लाई रंग.

Archit Thakur of Bilaspur became lieutenant commission
बिलासपुर के अर्चित बने सेना में लेफ्टिनेंट
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Published : Dec 8, 2019, 3:28 PM IST

बिलासपुर: घुमारवीं के अर्चित ठाकुर सेना में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन का स्थान प्राप्त कर इलाके का नाम रोशन किया है. बता दें कि वह इलाके के मशहूर स्वतंत्रता सेनानी शेर सिंह ठाकुर के परिवार से संबंध रखते हैं. अर्चित ने 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद लेफ्टिनेंट कमीशन का स्थान हासिल किया.

प्रशिक्षण के बाद सैन्य अधिकारी अकादमी गया से 7 दिसम्बर को ईएमई कोर में कमीशन प्राप्त किया. बता दें कि अर्चित को देश सेवा का जज्बा विरासत में मिला है, अर्चित का पूरा परिवार ही सेना से जुड़ा हुआ है.

Archit Thakur of Bilaspur became lieutenant commission
बिलासपुर के अर्चित बने सेना में लेफ्टिनेंट

अर्चित के दादा चुन्नीलाल ठाकुर भी ईएमई कोर से सेवानिवृत्त हुए थे और पिता वर्तमान में सेना में बतौर कर्नल सेवारत हैं. अर्चित ठाकुर का कहना है, वह बचपन से ही सेना में जाने की चाहत थी. उन्हें सेना में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. अर्चित की सफलता में पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है.

Archit Thakur of Bilaspur became lieutenant commission
बिलासपुर के अर्चित बने सेना में लेफ्टिनेंट

ये भी पढ़ें: बाहरी राज्यों समेत विदेशों में पांवटा साहिब में बने गुड़-शक्कर की भारी मांग, ये है वजह

बिलासपुर: घुमारवीं के अर्चित ठाकुर सेना में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन का स्थान प्राप्त कर इलाके का नाम रोशन किया है. बता दें कि वह इलाके के मशहूर स्वतंत्रता सेनानी शेर सिंह ठाकुर के परिवार से संबंध रखते हैं. अर्चित ने 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद लेफ्टिनेंट कमीशन का स्थान हासिल किया.

प्रशिक्षण के बाद सैन्य अधिकारी अकादमी गया से 7 दिसम्बर को ईएमई कोर में कमीशन प्राप्त किया. बता दें कि अर्चित को देश सेवा का जज्बा विरासत में मिला है, अर्चित का पूरा परिवार ही सेना से जुड़ा हुआ है.

Archit Thakur of Bilaspur became lieutenant commission
बिलासपुर के अर्चित बने सेना में लेफ्टिनेंट

अर्चित के दादा चुन्नीलाल ठाकुर भी ईएमई कोर से सेवानिवृत्त हुए थे और पिता वर्तमान में सेना में बतौर कर्नल सेवारत हैं. अर्चित ठाकुर का कहना है, वह बचपन से ही सेना में जाने की चाहत थी. उन्हें सेना में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. अर्चित की सफलता में पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है.

Archit Thakur of Bilaspur became lieutenant commission
बिलासपुर के अर्चित बने सेना में लेफ्टिनेंट

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Intro:अर्चित बने सेना में ऑफिसर
घुमारवीं के साथ लगते मरहाणा (बप्याड) गांव के Body:EmgConclusion:*अर्चित बने सेना में ऑफिसर
घुमारवीं के साथ लगते मरहाणा (बप्याड) गांव के अर्चित ठाकुर ने सेना में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन प्राप्त कर इलाके का नाम रौशन किया है। विदित हो कि वह इलाके के मशहूर स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय शेर सिंह ठाकुर के परिवार से संबंध रखते हैं। उन्होंने टी.ई.इस परीक्षा पास करने के बाद अकादमी में प्रवेश पाया तथा 4 साल के कड़े
परशिक्षण के पश्चात "सैन्य अधिकारी अकादमी गया" से 7 दिसम्बर क़ो ई० एम० ई० कोर मे कमीशन प्राप्त किया। अर्चित को देश सेवा का जज्बा विरासत में मिला है क्योंकि उनका पूरा परिवार ही सेना से जुड़ा हुआ है। उल्लेखनीय है कि उनके दादा स्वर्गीय चुन्नीलाल ठाकुर भी ई० एम० ई० कोर से सेवानिवृत्त हुए थे तथा पिता वर्तमान में सेना में बतौर कर्नल सेवारत हैं। अर्चित ठाकुर का कहना है वह बचपन से ही सेना की तरफ आकषित रहे है तथा उन्हें सेना में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधितव करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिस के लिये वोह ईश्वर के आभारी हैं !

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