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25 दिन शिकार नहीं किया तो होगा लाइसेंस रद्द, मत्स्य विभाग ने मछुआरों को जारी किया आदेश - mandatory to fishing in bilaspur

बिलासपुर में मत्सय विभाग की ओर से मछुआरों के लिए महीने के 25 दिन शिकार करना अनिवार्य किया गया है. विभाग ने निर्देश में कहा है कि ऐसा नहीं करने पर मछुआरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

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Published : Feb 7, 2020, 11:32 AM IST

बिलासपुरः अब जिला बिलासपुर के मछुआरों को महीने के 25 दिन शिकार करना अनिवार्य किया गया है. ऐसा नहीं करने पर मछुआरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. यह शिकार जिला के विभिन्न मत्स्य सहकारी सभाओं के साथ जुड़े मछुआरों के लिए अनिवार्य किया गया है.

इस बारे में मत्स्य विभाग की ओर से राज्य के सभी जिलों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं. बिलासपुर जिला में ही लगभग 3,000 परिवार मछली के शिकार पर निर्भर हैं. हाल ही में बिलासपुर के घाघस स्थित एशिया के सबसे बड़े मत्स्य प्रजनन सेंटर में मछुआरों के साथ हुई बैठक में भी मत्स्य विभाग के निर्देशक ने इस निर्देश के बारे में बताया है.

वीडियो.

इस निर्देश का कुछ साभाओं ने विरोध जताया है. सभाओं का कहना था कि बिलासपुर क्षेत्र में गोविंद सागर में पानी का स्तर जल्दी कम हो जाता है. ऐसे में हर महीने 25 दिन तक मछली का शिकार करना संभव नहीं है. जिसमें निदेशक ने आश्वासन दिया है कि अगर इस प्रकार की कोई समस्या होगी तो उस बारे में विभाग गौर करेगा.

उधर, मत्स्य विभाग के निर्देशक सतपाल मेहता ने बताया कि नियम अनुसार हर मछुआरे को महीने के कम से कम 25 दिन तक मछली पकड़ने होगी. साल में 250 दिन मछुआरों को मछली पकड़ने होती है. ऐसा न करने पर विभाग की ओर से मछुआरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग विशेष हालत में इसमें भी छूट दी जा सकती है.

ये भी पढ़ें- दो लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार, धर्मशाला इन्वेस्टर्स मीट के बाद 15 हजार करोड़ के नए एमओयू

बिलासपुरः अब जिला बिलासपुर के मछुआरों को महीने के 25 दिन शिकार करना अनिवार्य किया गया है. ऐसा नहीं करने पर मछुआरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. यह शिकार जिला के विभिन्न मत्स्य सहकारी सभाओं के साथ जुड़े मछुआरों के लिए अनिवार्य किया गया है.

इस बारे में मत्स्य विभाग की ओर से राज्य के सभी जिलों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं. बिलासपुर जिला में ही लगभग 3,000 परिवार मछली के शिकार पर निर्भर हैं. हाल ही में बिलासपुर के घाघस स्थित एशिया के सबसे बड़े मत्स्य प्रजनन सेंटर में मछुआरों के साथ हुई बैठक में भी मत्स्य विभाग के निर्देशक ने इस निर्देश के बारे में बताया है.

वीडियो.

इस निर्देश का कुछ साभाओं ने विरोध जताया है. सभाओं का कहना था कि बिलासपुर क्षेत्र में गोविंद सागर में पानी का स्तर जल्दी कम हो जाता है. ऐसे में हर महीने 25 दिन तक मछली का शिकार करना संभव नहीं है. जिसमें निदेशक ने आश्वासन दिया है कि अगर इस प्रकार की कोई समस्या होगी तो उस बारे में विभाग गौर करेगा.

उधर, मत्स्य विभाग के निर्देशक सतपाल मेहता ने बताया कि नियम अनुसार हर मछुआरे को महीने के कम से कम 25 दिन तक मछली पकड़ने होगी. साल में 250 दिन मछुआरों को मछली पकड़ने होती है. ऐसा न करने पर विभाग की ओर से मछुआरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग विशेष हालत में इसमें भी छूट दी जा सकती है.

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Intro:25 दिन शिकार नही किया तो होगा लाइसेंस रद्द
मत्स्य विभाग ने जिला के मछुआरों को किए आदेश जारी

बिलासपुर।
अब जिला के मछुआरों को माह के 25 दिन शिकार करना अनिवार्य किया गया है। अगर कोई मछुआरा माह के 25 दिन शिकार नहीं करता है तो वह मछुआरे का लाइसेंस मत्स्य विभाग द्वारा रद्द कर दिया जाएगा। यह शिकार जिला के विभिन्न मत्स्य सहकारी सभाओं के साथ जुड़े मछुआरों के लिए अनिवार्य किया गया है। इस संदर्भ में मत्स्य विभाग की ओर से राज्य के सभी जिलों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। बिलासपुर जिला में ही लगभग 3000 परिवार मछली के शिकार पर निर्भर हैं।


Body:हाल ही में बिलासपुर के घाघस स्थित एशिया के सबसे बड़े मत्स्य प्रजनन सेंटर में मछुआरों के साथ हुई बैठक में भी मत्स्य विभाग के निर्देशक ने साफ कर दिया है कि मछुआरों को हर हाल में महीने के 25 दिन तक मछली का शिकार करना होगा। ऐसा न करने पर उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। इसका कुछ सरकारी स्वभाव ने विरोध भी किया। सभाओं का कहना था कि बिलासपुर क्षेत्र में गोविंद सागर में पानी का स्तर जल्दी कम हो जाता है। ऐसे में हर महीने 25 दिन तक मछली का शिकार करना संभव नहीं है। जिसमें निदेशक ने आश्वासन दिया है कि अगर इस प्रकार की कोई समस्या होगी तो उस संदर्भ में मदद से सरकारी समय लिखकर दे सकती हैं,जिस पर विभाग गौर करेगा


Conclusion:उधर मत्स्य विभाग के निर्देशक सतपाल मेहता ने बताया कि नियम अनुसार हर मछुआरे को महीने के कम से कम 25 दिन तक मछली पकड़ने होगी। साल में 250 दिन मछुआरों को मछली पकड़ने होती है। ऐसा न करने पर विभाग की ओर से मछुआरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। लेकिन उन्होंने कहा कि विभाग विशेष हालत में इसमें भी छूट दे सकता है।

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