सोलन: पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने अर्की विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पंडित सुखराम और उनकी जोड़ी को 'जय-वीरू' की जोड़ी कहने पर वीरभद्र सिंह ने ऐतराज जताया. वीरभद्र सिंह ने कहा कि हमारी कोई जोड़ी नहीं है.
दरअसल सीएम जयराम ठाकुर ने शनिवार को एक जनसभा के दौरान कहा था कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह बेशक पं. सुखराम के कांग्रेस में आने के बाद गले मिले हैं, लेकिन उनके दिल अभी तक नहीं मिल पाए हैं. जिसपर मीडिया ने वीरभद्र सिंह से इस पर सवाल पूछा.
सीएम जयराम के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि 'दिल मिलने की क्या बात है, मैंने कौन सा सुखराम से शादी करनी है. उन्होंने कहा कि मैं पं. सुखराम का सम्मान करता हूं, वे लंबे अर्से से विधायक रहे हैं. वे कितने सफल रहे हैं, इस टिप्पणी के लिए छह महीने काफी नहीं है'.
बता दें कि कांग्रेस के इन दिग्गजों का मंडी संसदीय क्षेत्र में खासा प्रभाव रहा है और कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी वीरभद्र और पं. सुखराम के बीच वर्चस्व की जंग भी रही है. दोनों के बीच सीएम के पद को लेकर टकराव रहा है, जिसमें वीरभद्र सिंह ने बाजी मारी. इसके बावजूद पं. सुखराम ने केंद्र से संचार मंत्री के रूप में अपनी दबदबा कायम किया. 1993 में पं. सुखराम सीएम पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उस बार भी वीरभद्र सिंह ने बाजी पलट दी थी. इन दोनों दिग्गजों के बीच सियासी टकराव का फायदा कांग्रेस पार्टी को भी होता रहा है. दोनों ही अपने-अपने प्रभाव के चलते कांग्रेस की जीत में मददगार साबित होते रहे और कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज होती रही.