मंडीः जिला में केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध शुरू हो गया है, जिसके तहत यह आदेश जारी किए गए हैं कि कोविड-19 वॉर्ड में डयूटी देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को क्वारंटाइन में नहीं भेजा जाएगा.
लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और हिमाचल प्रदेश स्टाफ नर्स एसोसिएशन ने शनिवार को इस फैसले का विरोध करते हुए सीएम जयराम ठाकुर को एडीएम मंडी श्रवण मांटा के माध्यम से ज्ञापन भेजा.
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय मिन्हास ने कहा कि सरकार का यह फैसला तर्कसंगत नहीं है. कोविड-19 वॉर्ड में डयूटी देने वाले डॉक्टर्स, नर्स और सफाई कर्मी सहित अन्य कर्मचारियों को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. इन्हें डयूटी देने के बाद कर्मचारियों को क्वारंटाइन में न भेजकर सीधे घर भेजा गया तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा. इन्होंने सरकार से अपने फैसले को बदलने की मांग उठाई है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश स्टाफ नर्स एसोसिएशन की अध्यक्षा अरूणा कौर लुथरा ने कहा कि अगर सरकार इन्हें होटलों में क्वारंटाइन नहीं कर सकती है, तो स्वास्थ्य विभाग या अन्य विभागों के रेस्ट हाउस में क्वारंटाइन करवाए. राज्य सरकार और जिला प्रशासन से नर्स एसोसिएशन ने आग्रह किया है कि प्रदेश में केंद्र सरकार की और से दिए गए आदेशों में बदलाव किया जाए. संबंधित जिलाधीशों के पास यह अधिकार होता है कि वह अपने क्षेत्र की स्थिति को देखकर वहां निर्णय ले सकते हैं. इस मौके पर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. रोशन, महासचिव डॉ. विशाल जम्वाल और नर्स एसोसिएशन की प्रेस सचिव सीता सूद भी मौजूद रही.
बता दें कि केंद्र सरकार की और से ये फैसला लिया गया था कि कोविड-19 वॉर्ड में डयूटी देने वाले जो अधिकारी व कर्मचारी हैं, उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा. जिसका मंडी जिला के लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और हिमाचल प्रदेश स्टाफ नर्स एसोसिएशन ने विरोध करते हुए एडीएम के माध्यम से शनिवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है.