धर्मशाला: एबीवीपी ने प्रदेश सरकार से पर्यटन विकास को लेकर ठोस नीति बनाने का आग्रह किया है. धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि एक ओर जहां मेक इन इंडिया की बात की जा रही है. वहीं, प्रदेश में तकनीकी शिक्षा में स्टाफ की कमी को दूर नहीं किया जा रहा है.
विद्यार्थी परिषद का कहना है कि प्रदेश में बंद किए गए छात्र संघ चुनावों को बहाल न करने का खामियाजा पूर्व सरकार को भुगतना पड़ा था, जबकि वर्तमान सरकार ने भी दो सालों से इस मांग को नजरअंदाज किया है. एबीवीपी के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने बताया कि हाल ही में ऊना में आयोजित एबीवीपी के प्रांत अधिवेशन में इस संबंध में दो प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं.
प्रांत मंत्री राहुल राणा ने आरोप लगाया कि प्रदेश में लोगों को सही ढंग से स्वास्थ्य सेवाएं नही मिल रही और डॉक्टर्स की कमी चल रही है. एबीवीपी ने सड़कों की खस्ता हालत में सुधार, पेड़ कटान पर रोक लगाने, बागवानों-किसानों को नीति बनाने, आवारा पशुओं व बंदरों की समस्या से किसानों को निजात दिलाने की मांग उठाई है.
राहुल राणा ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी को लेकर सरकार का लापरवाह रवैया है. सीयू को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि सीयू स्थाई परिसर निर्माण को लेकर सरकार समय निर्धारित करे. उन्होंने कहा कि सरकार ने एबीवीपी की मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो एबीवीपी प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू करने से पीछे नहीं हटेगी.
वहीं, एबीवीपी के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने कहा कि प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों में फीस वृद्धि और वसूली को बंद किया जाए और छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में स्टाफ की कमी को दूर किया जाए.