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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी

लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में एसआईटी ने सोमवार को पांच हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. इसमें एसआईटी ने 14 लोगों को आरोपी बनाया है. एसआईटी ने चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया है.

Lakhimpur violence case
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Published : Jan 3, 2022, 9:19 PM IST

लखनऊ: लखीमपुर हिंसा केस (LaKhimpur Kheri Case) में SIT ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. 5000 पन्नों की चार्जशीट में SIT ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया है. एसआईटी की चार्जशीट में बताया गया है कि हिंसा के वक्त आशीष मिश्रा घटनास्थल पर ही मौजूद था. एसआईटी ने चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम शामिल किए हैं. इस चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी का नाम नहीं है.

पीड़ित पक्ष के वकील ने इस चार्जशीट पर सवाल उठाया है. सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की जांच में पाया गया था कि आशीष मिश्रा ने साजिशन किसानों को गाड़ी से कुचला था. जिस महिंद्रा थार (UP31 AS 1000) गाड़ी से किसानों को कुचला गया था, उसका रजिस्ट्रेशन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के नाम से है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में अजय मिश्रा का नाम क्यों गायब है?

चार्जशीट के बारे में जानकारी देते वकील.

चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं : यूपी पुलिस में दो दशकों से सेवा दे चुके पूर्व आईपीएस एसएन चक्र भी sit की चार्जशीट में अजय कुमार मिश्रा का नाम नहीं होने से हैरान हैं. उनका कहना है कि SIT ने खुद अपनी जांच में पाया है कि जिस थार गाड़ी से किसानों को कुचला गया था. वह अजय मिश्रा के नाम ही रजिस्टर है. यदि किसी के वाहन का कोई दुरुपयोग करता है और वाहन मालिक पुलिस को ये शिकायत दर्ज नहीं कराता है तो घटना की जिम्मेदारी वाहन स्वामी की ही होती है. वाहन से हुए अपराध का उसका मालिक सह अभियुक्त होता है तो आखिरकार एसआईटी ने अजय कुमार मिश्रा को क्यों आरोपी नहीं बनाया.


क्रिमिनल वकील प्रिंस लेनिन के मुताबिक जब किसी वाहन से किसी की मौत होती है, चाहे दुर्घटना हो या फिर साजिशन हत्या हो, उसमें वाहन स्वामी मौके पर मौजूद न भी हो फिर भी वह 120b का आरोपी होगा ही, लेकिन एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में ऐसा नहीं किया है. वह भी तब जब अजय मिश्रा खुद घटना से पहले किसानों के प्रति भड़काऊ भाषण दे चुके हैं. उनके मुताबिक चार्जशीट की इस खामी पर कोर्ट जरूर इसपर आपत्ति जताएगा.

sit filed five thousand page charge sheet
5000 पन्नों की चार्जशीट को बक्से में ले जाती पुलिस.

ये भी पढ़ेंः LaKhimpur Kheri Case: मंत्री अजय टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी, 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल


गौरतलब है कि, आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर में भी इसी महिंद्रा थार जीप का जिक्र है. इसमें लिखा है कि आशीष मिश्रा अपनी थार महिंद्रा गाड़ी में बांईं सीट पर बैठकर फायरिंग करता हुए भीड़ को रौंदकर आगे बढ़ा. तेज गति से आती जीप ने सड़क किनारे खड़े किसानों को रौंद दिया.

3 अक्टूबर को हुई थी हिंसा

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया था. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी.


लखनऊ: लखीमपुर हिंसा केस (LaKhimpur Kheri Case) में SIT ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. 5000 पन्नों की चार्जशीट में SIT ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया है. एसआईटी की चार्जशीट में बताया गया है कि हिंसा के वक्त आशीष मिश्रा घटनास्थल पर ही मौजूद था. एसआईटी ने चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम शामिल किए हैं. इस चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी का नाम नहीं है.

पीड़ित पक्ष के वकील ने इस चार्जशीट पर सवाल उठाया है. सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की जांच में पाया गया था कि आशीष मिश्रा ने साजिशन किसानों को गाड़ी से कुचला था. जिस महिंद्रा थार (UP31 AS 1000) गाड़ी से किसानों को कुचला गया था, उसका रजिस्ट्रेशन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के नाम से है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में अजय मिश्रा का नाम क्यों गायब है?

चार्जशीट के बारे में जानकारी देते वकील.

चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं : यूपी पुलिस में दो दशकों से सेवा दे चुके पूर्व आईपीएस एसएन चक्र भी sit की चार्जशीट में अजय कुमार मिश्रा का नाम नहीं होने से हैरान हैं. उनका कहना है कि SIT ने खुद अपनी जांच में पाया है कि जिस थार गाड़ी से किसानों को कुचला गया था. वह अजय मिश्रा के नाम ही रजिस्टर है. यदि किसी के वाहन का कोई दुरुपयोग करता है और वाहन मालिक पुलिस को ये शिकायत दर्ज नहीं कराता है तो घटना की जिम्मेदारी वाहन स्वामी की ही होती है. वाहन से हुए अपराध का उसका मालिक सह अभियुक्त होता है तो आखिरकार एसआईटी ने अजय कुमार मिश्रा को क्यों आरोपी नहीं बनाया.


क्रिमिनल वकील प्रिंस लेनिन के मुताबिक जब किसी वाहन से किसी की मौत होती है, चाहे दुर्घटना हो या फिर साजिशन हत्या हो, उसमें वाहन स्वामी मौके पर मौजूद न भी हो फिर भी वह 120b का आरोपी होगा ही, लेकिन एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में ऐसा नहीं किया है. वह भी तब जब अजय मिश्रा खुद घटना से पहले किसानों के प्रति भड़काऊ भाषण दे चुके हैं. उनके मुताबिक चार्जशीट की इस खामी पर कोर्ट जरूर इसपर आपत्ति जताएगा.

sit filed five thousand page charge sheet
5000 पन्नों की चार्जशीट को बक्से में ले जाती पुलिस.

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गौरतलब है कि, आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर में भी इसी महिंद्रा थार जीप का जिक्र है. इसमें लिखा है कि आशीष मिश्रा अपनी थार महिंद्रा गाड़ी में बांईं सीट पर बैठकर फायरिंग करता हुए भीड़ को रौंदकर आगे बढ़ा. तेज गति से आती जीप ने सड़क किनारे खड़े किसानों को रौंद दिया.

3 अक्टूबर को हुई थी हिंसा

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया था. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी.


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