नई दिल्ली : नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद मैंने अपनी चिंताए साझा की. सभी मामले अब सुलझा लिए गए हैं. वहीं पंजाब के लिए एआईसीसी प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने (सिद्धू) राहुल गांधी के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया.
रावत ने कहा कि हमने उनसे कहा है कि यहां उनकी चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने राहुल गांधी को आश्वासन दिया कि उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और वह पीसीसी अध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करेंगे.
इससे एक दिन ही पहले ही उन्होंने कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की थी तथा उन मुद्दों से वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया, जिनको लेकर उन्होंने पिछले दिनों पद छोड़ा था. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सिद्धू के इस्तीफे से जुड़ा गतिरोध खत्म हो सकता है और सिद्धू अपने पद पर बने रह सकते हैं.
इस्तीफे की घोषणा के बाद सिद्धू ने पहली बार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की है. सूत्रों के मुताबिक बृहस्पतिवार को 24 अकबर रोड़ (कांग्रेस मुख्यालय) पर करीब सवा घंटे तक चली बैठक में पंजाब सरकार और संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई थी तथा सहमति बनाने का प्रयास हुआ था, ताकि चुनाव से पहले पूरी पार्टी एकजुट होकर मैदान में उतर सके.
सूत्रों ने यह भी बताया कि फिलहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में बदलाव के आसार कम हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव में कुछ महीने का समय रह गया है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान सिद्धू के इस्तीफे को लेकर उनके और पार्टी दोनों के लिहाज से कोई सम्मानजनक फैसला कर सकता है. माना जा रहा है कि बहुत जल्द निर्णय हो सकता है.
बैठक के बाद सिद्धू ने कहा था कि मैंने पंजाब और पंजाबियों से जुड़ी चिंताओं से पार्टी आलाकमान को अवगत कराया है. मुझे कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी में पूरा विश्वास है. वो जो भी फैसला करेंगे, वो कांग्रेस और पंजाब के हित में होगा. मैं उनके निर्देशों का पालन करूंगा.
उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा था कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे. उन्होंने पत्र में लिखा था कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है. मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं. कांग्रेस आलाकमान ने अब तक सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.
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पिछले दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उस दौरान यह भी चर्चा थी कि सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी की कार्यशैली को लेकर भी खुश नहीं हैं, हालांकि कांग्रेस के सूत्र इससे इनकार करते हैं.
(पीटीआई-एएनआई)