शिमला: उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में होने के कारण दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सहति अन्य राज्यों के पर्यटक हिमाचल की वादियों में खुलकर सांस लेने के लिए पहुंच रहे हैं. क्योंकि हिमाचल की आबोहवा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में मध्य गुणवत्ता वाली श्रेणी की है. वहीं, हिमाचल के कई पर्यटन स्थलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छी श्रेणी की है, जिसमें राजधानी शिमला भी शामिल है. शिमला में बुधवार को एक्यूआई 34 दर्ज किया गया है. मनाली में सबसे कम एक्यूआई 6, कुल्लू में 7 और धर्मशाला में 15 में एक्यूआई दर्ज किया गया है. ऐसे में कई प्रदेशों से पर्यटक इन दिनों हिमाचल की वादियों में प्रकृति का आनंद लेने पहुंच रहे हैं.
गौरतलब है कि सर्दियों की शुरुआत होते ही दिल्ली सहित कई राज्यों की आवोहवा दूषित हो गई है. बीते मंगलवार को दिल्ली में 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर था. बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक हवा प्रदूषण मापने के संदर्भ में प्रभावी संचार के लिए एक उपकरण है, जिसे वायु गुणवत्ता को समझने में आसानी होती है. 0 से 100 तक AQI को अच्छा माना जाता है. जबकि 100 से 200 तक मध्यम, 200 से 300 तक खराब, 300 से 400 तक बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर को AQI अति गंभीर माना जाता है.
हिमाचल पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुरेश अत्री ने बताया कि 25 अक्टूबर को आए डाटा से पता चलता है कि हिमाचल की अच्छी वायु गुणवत्ता और सुहावना मौसम पड़ोसी राज्यों के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. उन्होंने कहा कि इन दिनों भारत के कई राज्य और हिस्से सबसे खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रहे हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में एक सराहनीय AQI दर्ज किया जा रहा है. राज्य में मनाली में सबसे स्वच्छ हवा है, इसके बाद कुल्लू, धर्मशाला और शिमला की हवा स्वच्छ है. उन्होंने बताया कि मनाली AQI में 6, कुल्लू में 7, धर्मशाला में 15 और शिमला में 34 एक्यूआई दर्ज किया गया है.
वहीं, डॉ. सुरेश अत्री ने बताया कि सोलन में AQI 160 से अधिक है, लेकिन फिर भी यह 'मध्यम' श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा सिरमौर जिले के काला अंब में भी हवा की गुणवत्ता खराब है, यहां AQI 149 दर्ज की गई है. इसका एक कारण है कि हिमाचल का ये दोनों जिला औद्योगिक क्षेत्र हैं. वहीं, शिमला में AQI थोड़ा बढ़ा है. इस बदलाव का अस्थायी कारण देवदार के पेड़ों के बीजों से निकलने वाला पराग है, लेकिन एक अच्छी बात यह है कि यह स्थायी नहीं होगा.
वहीं, हिमाचल आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों का भी कहना है कि दिल्ली की तुलना में हिमाचल के बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच रहना उन्हें अच्छा लगता है. यूके से आए पर्यटक ने कहा हम आज यहां शिमला पहुंचे हैं. यहां काफी अच्छा मौसम है. शहर के इस क्षेत्र में कोई वाहन नहीं है. ताजी हवा और अच्छा मौसम यहां सुखद अनुभव दे रहा है. दिल्ली में यह बहुत खराब था, हालांकि इसे पार करना कठिन है. सड़कों पर बड़ी संख्या में वाहन हैं. मैं हर किसी को हिमालय के इस खूबसूरत हिस्से में आने की सलाह दूंगा. हम यहां साफ आसमान और बर्फ से लदे पहाड़ देख सकते हैं. यहां का नजारा अद्भुत है.
वहीं, अंबाला से आए पर्यटक अमरप्रीत सिंह ने कहा पंजाब में उच्च AQI और दिवाली सहित अन्य त्योहारों में प्रदूषण का स्तर में वृद्धि होने की वजह से शिमला उन्हें अपनी ओर खींच ले आया है. मैं हर किसी को यहां आने की सलाह दूंगा. उन्होंने बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लोगों से त्योहार पर पटाखों का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर लोग पटाखे नहीं जलाएंगे तो उनको भी शिमला जैसी साफ हवा दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में मिलेगी.
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