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बिहार: हाजीपुर जेल की लापरवाही, मुर्दे को लगाई हथकड़ी, मचा कोहराम

सात दिन के अंदर हाजीपुर मंडल कारा प्रशासन की घोर लापरवाही और शर्मनाक करतूत सामने आयी है. रविवार को एक कैदी की मौत (Prisoner Death in Hajipur Jail) हो गयी. जेल प्रशासन ने मृत कैदी को हथकड़ी में बांधकर अस्पताल पहुंचा दिया. उसे 7 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर लगभग एक सप्ताह पहले जेल भेजा गया था. पढ़ें पूरी खबर...

मुर्दे को लगाई हथकड़ी
मुर्दे को लगाई हथकड़ी
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Published : Feb 21, 2022, 12:26 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 6:44 PM IST

वैशाली: बिहार के हाजीपुर मंडल कारा (Hajipur Mandal Jail) प्रशासन की अमानवीय और शर्मनाक करतूत सामने आई है. जेल में एक विचाराधीन कैदी की मौत (undertrial prisoner Death in Hajipur) हो गई. इसके बाद हाजीपुर जेल प्रशासन ने मृतक कैदी को ही हथकड़ी लगाकर (Dead prisoner handcuffed by hazipur jail administration) अस्पताल पहुंचाया. आरोप है कि अब खुद की नाकामी छिपाने के लिए जेल प्रशासन लीपापोती में जुटा है.

मुर्दे को लगाई हथकड़ी

दरअसल, यह मामला हाजीपुर जेल में एक कैदी राजकिशोर की मौत से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर हाजीपुर जेल प्रशासन कैदी राजकिशोर को लेकर अस्पताल पहुंचा. पुलिस के मुताबिक, लालगंज थाने के एक आपराधिक मामले में वह जेल में बंद था. जेल में ही वह बीमार था और इसी वजह से उसकी मौत हो गई थी. राजकिशोर को चार दिन पहले जेल लाया गया था. अचानक उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली.

आरोप है कि जेल में ही कैदी की मौत हो चुकी थी, लेकिन जेल प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए मुर्दा कैदी को बीमार बताकर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. परिजनों को कैदी की मौत की खबर देने की बजाय जेल प्रशासन ने खुद को बचाने के लिए चिट्ठी लिख कर जानकारी दी. दूसरी ओर, सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि कैदी को मृत हालत में ही अस्पताल लाया गया था. यहां उसका किसी तरह का इलाज नहीं हुआ. वहीं, मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

बता दें कि राजकिशोर साह लालगंज थाना क्षेत्र के चकसाले गांव का रहने वाला था. उसे एक लगभग सप्ताह पहले पुलिस ने 7 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बताया जा रहा है कि 2015 में लालगंज बाजार में दंगा हुआ था. इस मामले में लालगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. 16 फरवरी को उसे जेल भेजा गया था. कैदी की मौत हो जाने के बाद इसकी सूचना परिजनों को दी गई. इसके बाद परिजन सदर अस्पताल पहुंचे.

पढ़ें: कर्नाटक: बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या, स्कूल-कॉलेज बंद; शहर में धारा 144 लागू

बताया जा रहा है मृतक लालगंज में एक छोटी सी दुकान चलाता था. उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि सात साल पहले हुए दंगा मामले में मृत कैदी के पुत्र की भी गिरफ्तारी हुई है. पुत्र अभी जेल में ही है. वहीं, कैदी के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा. पोस्टमार्टम कराने के पश्चात शव परिजनों को सौंप दिया गया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

वैशाली: बिहार के हाजीपुर मंडल कारा (Hajipur Mandal Jail) प्रशासन की अमानवीय और शर्मनाक करतूत सामने आई है. जेल में एक विचाराधीन कैदी की मौत (undertrial prisoner Death in Hajipur) हो गई. इसके बाद हाजीपुर जेल प्रशासन ने मृतक कैदी को ही हथकड़ी लगाकर (Dead prisoner handcuffed by hazipur jail administration) अस्पताल पहुंचाया. आरोप है कि अब खुद की नाकामी छिपाने के लिए जेल प्रशासन लीपापोती में जुटा है.

मुर्दे को लगाई हथकड़ी

दरअसल, यह मामला हाजीपुर जेल में एक कैदी राजकिशोर की मौत से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर हाजीपुर जेल प्रशासन कैदी राजकिशोर को लेकर अस्पताल पहुंचा. पुलिस के मुताबिक, लालगंज थाने के एक आपराधिक मामले में वह जेल में बंद था. जेल में ही वह बीमार था और इसी वजह से उसकी मौत हो गई थी. राजकिशोर को चार दिन पहले जेल लाया गया था. अचानक उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली.

आरोप है कि जेल में ही कैदी की मौत हो चुकी थी, लेकिन जेल प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए मुर्दा कैदी को बीमार बताकर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. परिजनों को कैदी की मौत की खबर देने की बजाय जेल प्रशासन ने खुद को बचाने के लिए चिट्ठी लिख कर जानकारी दी. दूसरी ओर, सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि कैदी को मृत हालत में ही अस्पताल लाया गया था. यहां उसका किसी तरह का इलाज नहीं हुआ. वहीं, मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

बता दें कि राजकिशोर साह लालगंज थाना क्षेत्र के चकसाले गांव का रहने वाला था. उसे एक लगभग सप्ताह पहले पुलिस ने 7 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बताया जा रहा है कि 2015 में लालगंज बाजार में दंगा हुआ था. इस मामले में लालगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. 16 फरवरी को उसे जेल भेजा गया था. कैदी की मौत हो जाने के बाद इसकी सूचना परिजनों को दी गई. इसके बाद परिजन सदर अस्पताल पहुंचे.

पढ़ें: कर्नाटक: बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या, स्कूल-कॉलेज बंद; शहर में धारा 144 लागू

बताया जा रहा है मृतक लालगंज में एक छोटी सी दुकान चलाता था. उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि सात साल पहले हुए दंगा मामले में मृत कैदी के पुत्र की भी गिरफ्तारी हुई है. पुत्र अभी जेल में ही है. वहीं, कैदी के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा. पोस्टमार्टम कराने के पश्चात शव परिजनों को सौंप दिया गया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

Last Updated : Feb 21, 2022, 6:44 PM IST
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