नई दिल्ली : अडाणी ग्रुप को फिच रेटिंग्स एजेंसी ने बड़ी राहत दी है. एजेंसी ने अपने आकलन में कहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का अडाणी संस्थाओं पर तात्कालिक प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस रिपोर्ट में फिच ने बताया है कि ग्रुप के कैश फ्लो पर कोई असर नहीं पड़ेगा. फिच ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि उसकी नजर कंपनी पर बनी हुई है.
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कंपनी की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. कंपनी के शेयर भाव भी लगातार नीचे जा रहे हैं. इस बीच फिच की रिपोर्ट निश्चित तौर पर अडाणी समूह के लिए राहत भरी है.
दूसरी ओर मूडीज इन्वेस्टर्स अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्य में आई बड़ी गिरावट के मद्देनजर इन कंपनियों के पास नकदी की स्थिति समेत उनकी वित्तीय मजबूती या जुझारू क्षमता का आकलन कर रही है. मूडीज ने कहा, 'इन प्रतिकूल घटनाक्रमों की वजह से समूह की निवेश या अगले एक-दो साल में परिपक्व हो रहे ऋण के पुनर्वित्त के लिए पूंजी जुटाने की क्षमता घटेगी.'
मूडीज ने कहा, अडाणी समूह की कंपनियों के बाजार इक्विटी मूल्यों में महत्वपूर्ण और तेजी से गिरावट को देखते हुए शासन संबंधी चिंताओं को उजागर करने वाली शॉर्ट-सेलर रिपोर्ट की हालिया रिलीज के बाद, हमारा तत्काल ध्यान मुख्य रूप से रेटेड संस्थाओं की समग्र वित्तीय लचीलेपन का आकलन करने पर है, जिसमें उनकी तरलता की स्थिति भी शामिल है. मूडीज ने कहा, फिर भी इन प्रतिकूल घटनाक्रमों से अगले 1-2 वर्षों में प्रतिबद्ध कैपेक्स या पुनर्वित्त ऋण को परिपक्व करने के लिए पूंजी जुटाने की समूह की क्षमता कम होने की संभावना है. हम मानते हैं कि कैपेक्स का एक हिस्सा निलंबित है, और वित्तीय वर्ष 2025 तक महत्वपूर्ण परिपक्व ऋण रेटेड संस्थाओं के पास नहीं है.
अडाणी समूह की दो कंपनियों में हिस्सा रखने वाली फ्रांस की दिग्गज ऊर्जा कंपनी टोटलएनर्जीज ने कहा कि समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बीच उसने अपनी हिस्सेदारी को लेकर कोई पुनर्मूल्यांकन नहीं किया है. टोटलएनर्जीज ने बयान में कहा कि अडाणी समूह की कंपनियों में उसने अपना निवेश भारतीय कानूनों का पूरी तरह पालन करते हुए और अपनी आंतरिक संचालन प्रक्रिया के आधार पर किया था.
अडाणी समूह की गैस वितरण कंपनी अडाणी टोटल गैस लिमिटेड में फ्रांसीसी कंपनी की 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी में उसकी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है.
यहां यह बता दें कि यह मुद्दा राजनीतिक रंग भी ले चुका है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में निवेश के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया. अडाणी समूह के खिलाफ अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों पर लगातार दूसरे दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होने की बढ़ती संभावना के बीच यह नोटिस दिया गया है.
इस बीच 16 विपक्षी दलों ने रणनीति बनाने के लिए संसद में खड़गे के कक्ष में एक बैठक की. गुरुवार को भी विपक्ष के विरोध के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही धुल गई. बैठक में कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप, एनसीपी, भारत राष्ट्र समिति, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (जोस मणि), केरल कांग्रेस (थॉमस) और आरएसपी शामिल थे.
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(एक्स्ट्रा इनपुट- PTI)