नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के शताब्दी नगर रिसीविंग सब-स्टेशन (आरएसएस) पर बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई है. एनसीआरटीसी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर पांच आरएसएस- सराय काले खां, गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मेरठ में शताब्दी नगर और मोदीपुरम में स्थापित कर रहा है. शताब्दी नगर में पहला रिसीविंग सब स्टेशन शुरू हो चुका है, जबकि दूसरा मोदीपुरम में निर्माणाधीन है.
रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) से ट्रेन संचालन के लिए ओवरहेड उपकरण (ओएचई) को पच्चीस किलोवाट बिजली आपूर्ति होती है, जबकि 33 किलोवाट बिजली (33 केवी रिंग) मेन सिस्टम और सहायक सब-स्टेशन (एएसएस) के माध्यम से स्टेशनों को वितरित की जाती है. आरएसएस वितरण कंपनियों से बिजली प्राप्त करता है और इसे 33 केवी रिंग मेन सिस्टम के माध्यम से प्रत्येक स्टेशन पर एएसएस तक पहुंचाता है. आरएसएस पर सोलर पैनल भी स्थापित किए जाते हैं.
![शताब्दी नगर आरएसएस मेरठ के कई प्रमुख स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति करेगा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/delncrgzbghaziabadnamobharatncrtcnews7206664_12022025170721_1202f_1739360241_133.jpg)
शताब्दी नगर रिसीविंग सब स्टेशन मेरठ के कई प्रमुख स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति करेगा, जिसमें शताब्दी नगर, परतापुर, रिठानी, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल और एमईएस कॉलोनी स्टेशन शामिल हैं. फिलहाल गाजियाबाद और मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशन न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच 11 स्टेशनों सहित 55 किलोमीटर के परिचालित खंड को बिजली आपूर्ति कर रहे हैं.
![नमो भारत कॉरिडोर के शताब्दी नगर रिसीविंग सब-स्टेशन पर बिजली आपूर्ति शुरू](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/delncrgzbghaziabadnamobharatncrtcnews7206664_12022025170721_1202f_1739360241_894.jpg)
शताब्दी नगर आरएसएस को उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) ग्रिड सब-स्टेशन से 220 केवी एक्स्ट्रा हाई टेंशन (ईएचटी) केबल के माध्यम से बिजली मिलती है, जो ट्रेन संचालन के लिए 25 केवी बिजली और नमो भारत स्टेशनों के सहायक और अन्य विद्युत भार के लिए 33 केवी बिजली वितरित करती है.
बता दें कि वर्तमान समय में, मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन मेरठ साउथ और मेरठ सेंट्रल स्टेशनों के बीच चल रहा है. मेरठ खंड में वायडक्ट निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसके साथ ही ट्रैक बिछाने के साथ-साथ ओवरहेड उपकरण (ओएचई) और सिग्नलिंग प्रणालियों की स्थापना का कार्य तीव्र गति से जारी है. जानकारी के मुताबिक, जून 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच संपूर्ण कॉरिडोर पर नमो भारत पर फर्राटा भरेगी.
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