ETV Bharat / bharat

खेल रत्न पुरस्कार का बदला नाम, अब अशोक कुमार बोले- मेजर ध्यानचंद को मिले भारत रत्न

हॉकी के लिए मेजर ध्यानचंद के योगदान को कौन भुला सकता है. मेजर ध्यानचंद थे, जो भारतीय पुरुष हॉकी टीम का तीन बार हिस्सा रहे थे, जिसने लगातार तीन ओलंपिक में मेडल जीतकर हैट्रिक लगाई थी. वहीं जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में पदक जीता तो मेजर ध्यानचंद को 'भारत रत्न' देने की मांग की गई है.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Aug 6, 2021, 3:00 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 3:06 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद इतिहास रचते हुए टोक्यो ओलंपिक में पदक जीता है, जिसके बाद हॉकी खेल सुर्खियों में है. इसी बीच हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का भी नाम सुर्खियों में है. दरअसल, मेजर ध्यानचंद को सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' देने की मांग की गई है. उनके बेटे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह सम्मान देश के लोगों की होगी, जो उनके खेल को चाहने वाले हैं.

मेजर ध्यानचंद के बेटे व हॉकी खिलाड़ी अशोक कुमार ने कहा कि जब 2011-12 में भारत रत्न देने के नियमों में बदलाव कर उसमें खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया. उस समय के खेल मंत्री द्वारा ध्यानचंद जी का नाम प्रस्तावित किया गया था. साथ ही उन्होंने कहा कि बिशन सिंह बेदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जुलाई 2013 में खेल मंत्री से मिलकर मेजर ध्यानचंद का बायोडाटा दिया था और भारत रत्न की मांग की थी.

ईटीवी भारत से बात करते अशोक कुमार

उस समय के खेल मंत्री ने बायोडाटा को माथे से लगाया था और कहा था कि इसको मैं खुद प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री तक ले जाऊंगा. अशोक कुमार बताते हैं कि आगे किन्हीं कारणों से उनको भारत रत्न नहीं मिल पाया, लेकिन हम चाहेंगे कि मेजर ध्यानचंद को 'भरत रत्न' मिले.

पढ़ें - Major Dhyan Chand के नाम पर मिलेगा राजीव गांधी खेल रत्न, पीएम ने किया एलान

बता दें कि मेजर ध्यानचंद का जन्म प्रयागराज में हुआ था. उनके जन्म दिवस 29 अगस्त को भारत में खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. वे उस तीनों भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहे, जिसने लगातार तीन ओलंपिक खेलों में मेडल जीतकर हैट्रिक लगाई थी. वे वर्ष 1928, 1932, 1936 थे, जिसमें से 1936 के ओलंपिक खेल में हॉकी टीम उनके अगुवाई में पदक जीते थे.

नई दिल्ली : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद इतिहास रचते हुए टोक्यो ओलंपिक में पदक जीता है, जिसके बाद हॉकी खेल सुर्खियों में है. इसी बीच हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का भी नाम सुर्खियों में है. दरअसल, मेजर ध्यानचंद को सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' देने की मांग की गई है. उनके बेटे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह सम्मान देश के लोगों की होगी, जो उनके खेल को चाहने वाले हैं.

मेजर ध्यानचंद के बेटे व हॉकी खिलाड़ी अशोक कुमार ने कहा कि जब 2011-12 में भारत रत्न देने के नियमों में बदलाव कर उसमें खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया. उस समय के खेल मंत्री द्वारा ध्यानचंद जी का नाम प्रस्तावित किया गया था. साथ ही उन्होंने कहा कि बिशन सिंह बेदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जुलाई 2013 में खेल मंत्री से मिलकर मेजर ध्यानचंद का बायोडाटा दिया था और भारत रत्न की मांग की थी.

ईटीवी भारत से बात करते अशोक कुमार

उस समय के खेल मंत्री ने बायोडाटा को माथे से लगाया था और कहा था कि इसको मैं खुद प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री तक ले जाऊंगा. अशोक कुमार बताते हैं कि आगे किन्हीं कारणों से उनको भारत रत्न नहीं मिल पाया, लेकिन हम चाहेंगे कि मेजर ध्यानचंद को 'भरत रत्न' मिले.

पढ़ें - Major Dhyan Chand के नाम पर मिलेगा राजीव गांधी खेल रत्न, पीएम ने किया एलान

बता दें कि मेजर ध्यानचंद का जन्म प्रयागराज में हुआ था. उनके जन्म दिवस 29 अगस्त को भारत में खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. वे उस तीनों भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहे, जिसने लगातार तीन ओलंपिक खेलों में मेडल जीतकर हैट्रिक लगाई थी. वे वर्ष 1928, 1932, 1936 थे, जिसमें से 1936 के ओलंपिक खेल में हॉकी टीम उनके अगुवाई में पदक जीते थे.

Last Updated : Aug 6, 2021, 3:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.