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भाजपा की सरबजीत कौर बनीं चंडीगढ़ की महापौर, 'आप' की उम्मीदवार को एक मत से हराया

बीजेपी की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की नई मेयर बन गई हैं. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने महापौर चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया था, जिसके चलते आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला था. मेयर के चुनाव में करीब 28 वोट पड़े.

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Published : Jan 8, 2022, 1:49 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 10:35 PM IST

चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को चंडीगढ़ नगर निगम महापौर चुनाव में बड़ी जीत हासिल की और पार्टी की पार्षद सरबजीत कौर को नया महापौर चुन लिया गया. भाजपा ने चंडीगढ़ नगर निगम के वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पद पर भी कब्जा जमा लिया. इस साल महापौर का पद महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित था. आम आदमी पार्टी ने चुनाव के नतीजों को लोकतंत्र की हत्या करार दिया.

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भाजपा की प्रत्याशी सरबजीत कौर ने सीधे मुकाबले में आम आदमी पार्टी की अंजू कत्याल को एक मत से पराजित किया. चुनाव में कुल 36 में से 28 मत पड़े और कांग्रेस के सात तथा अकाली दल के एकमात्र पार्षद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. अधिकारियों ने बताया कि कौर को 14 जबकि कत्याल को 13 वोट मिले और एक मत को अवैध घोषित कर दिया गया. आम आदमी पार्टी ने पहली बार चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव पहली बार लड़ा. नतीजे घोषित होने के बाद ‘आप’ के पार्षदों ने सदन में हंगामा किया और कुछ सदस्य महापौर के आसन के पास पहुंच कर विरोध जताने लगे.

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चुनाव में धांधली का आरोप

चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए आप पार्षदों ने नई महापौर को सदन को संबोधित करने से रोका. पार्षदों को हटाने के लिए पहले मार्शल को बुलाया गया और बाद में पुलिस को बुलाना पड़ा. भाजपा के दलीप शर्मा, 'आप' की प्रेम लता को दो मतों से हराने के बाद वरिष्ठ उप महापौर बन गए. वहीं, भाजपा के अरुण गुप्ता ने 'आप' के रामचंद्र यादव को हराकर उप महापौर की सीट पर कब्जा जमाया. दोनों उम्मीदवारों को 14-14 मत मिले थे जिसके चलते नतीजा 'टाई' हो गया था.

इसके बाद पर्ची डालकर किये गए चुनाव (ड्रॉ ऑफ लॉट्स) के जरिये भाजपा के गुप्ता को उप महापौर चुन लिया गया. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे 27 दिसंबर को घोषित किये गए थे, जिसमें 35 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 14 और भाजपा को 12 पर विजय प्राप्त हुई थी. कांग्रेस को आठ तथा अकाली को एक सीट मिली थी.

हालांकि, कांग्रेस की पार्षद हरप्रीत कौर बबला चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ दिनों बाद भाजपा में शामिल हो गई थीं. पैंतीस पार्षदों के अलावा चंडीगढ़ के सांसद जो नगर निगम में पदेन सदस्य हैं, को भी मतदान का अधिकार है. महापौर पद के चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद आम आदमी पार्टी के पंजाब और चंडीगढ़ मामलों के प्रभारी जरनैल सिंह ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ मेयर चुनाव: एक वोट होते हुए भी अकाली दल बना किंग मेकर, जानिए कैसे

चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को चंडीगढ़ नगर निगम महापौर चुनाव में बड़ी जीत हासिल की और पार्टी की पार्षद सरबजीत कौर को नया महापौर चुन लिया गया. भाजपा ने चंडीगढ़ नगर निगम के वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पद पर भी कब्जा जमा लिया. इस साल महापौर का पद महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित था. आम आदमी पार्टी ने चुनाव के नतीजों को लोकतंत्र की हत्या करार दिया.

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भाजपा की प्रत्याशी सरबजीत कौर ने सीधे मुकाबले में आम आदमी पार्टी की अंजू कत्याल को एक मत से पराजित किया. चुनाव में कुल 36 में से 28 मत पड़े और कांग्रेस के सात तथा अकाली दल के एकमात्र पार्षद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. अधिकारियों ने बताया कि कौर को 14 जबकि कत्याल को 13 वोट मिले और एक मत को अवैध घोषित कर दिया गया. आम आदमी पार्टी ने पहली बार चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव पहली बार लड़ा. नतीजे घोषित होने के बाद ‘आप’ के पार्षदों ने सदन में हंगामा किया और कुछ सदस्य महापौर के आसन के पास पहुंच कर विरोध जताने लगे.

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चुनाव में धांधली का आरोप

चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए आप पार्षदों ने नई महापौर को सदन को संबोधित करने से रोका. पार्षदों को हटाने के लिए पहले मार्शल को बुलाया गया और बाद में पुलिस को बुलाना पड़ा. भाजपा के दलीप शर्मा, 'आप' की प्रेम लता को दो मतों से हराने के बाद वरिष्ठ उप महापौर बन गए. वहीं, भाजपा के अरुण गुप्ता ने 'आप' के रामचंद्र यादव को हराकर उप महापौर की सीट पर कब्जा जमाया. दोनों उम्मीदवारों को 14-14 मत मिले थे जिसके चलते नतीजा 'टाई' हो गया था.

इसके बाद पर्ची डालकर किये गए चुनाव (ड्रॉ ऑफ लॉट्स) के जरिये भाजपा के गुप्ता को उप महापौर चुन लिया गया. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे 27 दिसंबर को घोषित किये गए थे, जिसमें 35 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 14 और भाजपा को 12 पर विजय प्राप्त हुई थी. कांग्रेस को आठ तथा अकाली को एक सीट मिली थी.

हालांकि, कांग्रेस की पार्षद हरप्रीत कौर बबला चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ दिनों बाद भाजपा में शामिल हो गई थीं. पैंतीस पार्षदों के अलावा चंडीगढ़ के सांसद जो नगर निगम में पदेन सदस्य हैं, को भी मतदान का अधिकार है. महापौर पद के चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद आम आदमी पार्टी के पंजाब और चंडीगढ़ मामलों के प्रभारी जरनैल सिंह ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ मेयर चुनाव: एक वोट होते हुए भी अकाली दल बना किंग मेकर, जानिए कैसे

Last Updated : Jan 8, 2022, 10:35 PM IST
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