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मृतक किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये और सरकारी नौकरी : पंजाब सीएम

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान मृतक किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये मुआवजे के अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी. उन्होंने कृषि कानूनों को वापस न लेने पर सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया. पढ़ें विस्तार से...

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह
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Published : Jan 22, 2021, 11:01 PM IST

Updated : Jan 23, 2021, 7:28 AM IST

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जितने भी किसानों ने दम तोड़ा है, उन सभी के एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी मिलेगी.

अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों पर झूठ फैलाने के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) की जमकर आलोचना की. इसके साथ ही सिंह ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिए जाने को लेकर केंद्र सरकार को भी घेरा.

गौरतलब है कि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच गतिरोध बना हुआ है और अभी तक समाधान नहीं हो पाया है. किसान आंदोलन जारी है और अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है.

11वें दौर की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच मसला नहीं सुलझ सका है. आंदोलन के बीच आए दिन हो रही किसानों की मौत को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है और इस बीच अब सिंह का यह बड़ा एलान सामने आया है.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार आखिर कानूनों को रद्द करने में संकोच क्यों कर रही है? सिंह ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें कानूनों को रद्द करना चाहिए और इसके बाद किसानों के साथ बैठना चाहिए और सभी हितधारकों को विश्वास में लेने के बाद नए कानूनों को लागू करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में पहले ही कई बार संशोधन किया जा चुका है, फिर सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने के बारे में अडिग क्यों है. बिना किसी चर्चा के संसद के माध्यम से कानूनों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश इसके लिए कीमत चुका रहा है.

सिंह ने पूछा, क्या देश में संविधान है? कृषि, अनुसूची 7 के तहत एक राज्य का विषय है. फिर केंद्र ने राज्य के विषय में हस्तक्षेप क्यों किया है? उन्होंने कहा कि उन्होंने बिना किसी से सलाह लिए इन कानूनों को लागू किया, जिसकी वजह से हम सभी इस स्थिति में आ गए हैं.

सिंह ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हम किसानों के साथ हैं और उनके साथ खड़े रहेंगे. मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक लाइव हैशटैग आस्क कैप्टन सत्र के 20वें संस्करण के दौरान कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब का प्रत्येक व्यक्ति किसानों के साथ खड़ा है.

मुख्यमंत्री ने कहा, हम हर दिन ठंड से अपने किसानों को खो रहे हैं और अब तक करीब 76 किसान दम तोड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि मृतक किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये के मुआवजे के अलावा उनकी सरकार परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी.

फिरोजपुर निवासी एक व्यक्ति की ओर से पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) में खुलासा हुआ है कि अकालियों और आप ने कृषि सुधारों पर गठित समिति के मुद्दे पर झूठ फैलाया है.

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जितने भी किसानों ने दम तोड़ा है, उन सभी के एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी मिलेगी.

अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों पर झूठ फैलाने के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) की जमकर आलोचना की. इसके साथ ही सिंह ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिए जाने को लेकर केंद्र सरकार को भी घेरा.

गौरतलब है कि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच गतिरोध बना हुआ है और अभी तक समाधान नहीं हो पाया है. किसान आंदोलन जारी है और अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है.

11वें दौर की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच मसला नहीं सुलझ सका है. आंदोलन के बीच आए दिन हो रही किसानों की मौत को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है और इस बीच अब सिंह का यह बड़ा एलान सामने आया है.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार आखिर कानूनों को रद्द करने में संकोच क्यों कर रही है? सिंह ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें कानूनों को रद्द करना चाहिए और इसके बाद किसानों के साथ बैठना चाहिए और सभी हितधारकों को विश्वास में लेने के बाद नए कानूनों को लागू करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में पहले ही कई बार संशोधन किया जा चुका है, फिर सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने के बारे में अडिग क्यों है. बिना किसी चर्चा के संसद के माध्यम से कानूनों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश इसके लिए कीमत चुका रहा है.

सिंह ने पूछा, क्या देश में संविधान है? कृषि, अनुसूची 7 के तहत एक राज्य का विषय है. फिर केंद्र ने राज्य के विषय में हस्तक्षेप क्यों किया है? उन्होंने कहा कि उन्होंने बिना किसी से सलाह लिए इन कानूनों को लागू किया, जिसकी वजह से हम सभी इस स्थिति में आ गए हैं.

सिंह ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हम किसानों के साथ हैं और उनके साथ खड़े रहेंगे. मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक लाइव हैशटैग आस्क कैप्टन सत्र के 20वें संस्करण के दौरान कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब का प्रत्येक व्यक्ति किसानों के साथ खड़ा है.

मुख्यमंत्री ने कहा, हम हर दिन ठंड से अपने किसानों को खो रहे हैं और अब तक करीब 76 किसान दम तोड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि मृतक किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये के मुआवजे के अलावा उनकी सरकार परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी.

फिरोजपुर निवासी एक व्यक्ति की ओर से पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) में खुलासा हुआ है कि अकालियों और आप ने कृषि सुधारों पर गठित समिति के मुद्दे पर झूठ फैलाया है.

Last Updated : Jan 23, 2021, 7:28 AM IST
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