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अनुच्छेद 370 : RTI और तीन तलाक बिल पास होने से बढ़ा मोदी सरकार का आत्मविश्वास

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने एक बार फिर वो कर दिखाया जो कश्मीर के इतिहास में कभी नहीं हुआ. मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को राज्यसभा में पास कराया. तीन तलाक और आरटीआई बिल के पास होने से भी सरकार का आत्मविश्वास बढ़ा है. पढ़ें पूरी खबर....

अमित शाह और नरेंद्र मोदी
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Published : Aug 6, 2019, 7:00 AM IST

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए कदम उठाने का समय मोदी सरकार के लिए इससे बेहतर नहीं हो सकता था. दरअसल, मोदी सरकार तीन तलाक विधेयक और आरटीआई संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित कराने में सफल रहने के बाद इस साहसिक कदम को उठाने के लिए प्रोत्साहित हुई.

सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने और राज्य विधानसभा के भंग रहने को लेकर इस राज्य के मामलों पर केंद्र सरकार का पूरा नियंत्रण है.

राज्यसभा में बीजद, अन्नाद्रमुक और वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ पार्टियों का समर्थन मिलने पर भाजपा नीत राजग सरकार पिछले 10 दिनों में उच्च सदन में तीन तलाक और आरटीआई संशोधन विधेयक पारित कराने में सफल रही थी.

पढ़ें-मोदी के 'टॉप सीक्रेट' मिशन कश्मीर को शाह एंड कंपनी ने कैसे दिया अंजाम

उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में भाजपा को बहुमत हासिल नहीं है.

सूत्रों ने बताया कि उच्च सदन में दो अहम विधेयकों के पारित होने से सरकार इस तरह का एक साहसिक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित हुई.

सरकार ने अमरानाथ यात्रा में कटौती करने का भी अभूतपूर्व कदम उठाते हुए श्रद्ध्रालुओं एवं पर्यटकों से जम्मू कश्मीर छोड़ने को कहा था.

पढ़ें-जम्मू कश्मीर : अनुच्छेद 370 हटने के बाद होंगे ये बदलाव, देखें पूरी सूची

मोदी सरकार को अनुच्छेद 370 पर राज्य सभा में आम आदमी पार्टी और बसपा जैसी पार्टियों का भी अप्रत्याशित रूप से समर्थन मिला. जबकि अन्य मुद्दों पर इन दलों की अक्सर ही भाजपा नीत सरकार से तकरार रही है.

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए कदम उठाने का समय मोदी सरकार के लिए इससे बेहतर नहीं हो सकता था. दरअसल, मोदी सरकार तीन तलाक विधेयक और आरटीआई संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित कराने में सफल रहने के बाद इस साहसिक कदम को उठाने के लिए प्रोत्साहित हुई.

सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने और राज्य विधानसभा के भंग रहने को लेकर इस राज्य के मामलों पर केंद्र सरकार का पूरा नियंत्रण है.

राज्यसभा में बीजद, अन्नाद्रमुक और वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ पार्टियों का समर्थन मिलने पर भाजपा नीत राजग सरकार पिछले 10 दिनों में उच्च सदन में तीन तलाक और आरटीआई संशोधन विधेयक पारित कराने में सफल रही थी.

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उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में भाजपा को बहुमत हासिल नहीं है.

सूत्रों ने बताया कि उच्च सदन में दो अहम विधेयकों के पारित होने से सरकार इस तरह का एक साहसिक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित हुई.

सरकार ने अमरानाथ यात्रा में कटौती करने का भी अभूतपूर्व कदम उठाते हुए श्रद्ध्रालुओं एवं पर्यटकों से जम्मू कश्मीर छोड़ने को कहा था.

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मोदी सरकार को अनुच्छेद 370 पर राज्य सभा में आम आदमी पार्टी और बसपा जैसी पार्टियों का भी अप्रत्याशित रूप से समर्थन मिला. जबकि अन्य मुद्दों पर इन दलों की अक्सर ही भाजपा नीत सरकार से तकरार रही है.

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ART 370-TIMING
Passage of Triple Talaq, RTI bills emboldened Modi govt to scrap Article 370
         New Delhi, Aug 5 (PTI) The timing for the abrogation of Article 370, which gave special status to Jammu and Kashmir, could not have been better for the Modi government, which was emboldened to take the bold action after the passage of the Triple Talaq and RTI Bills in Rajya Sabha, sources said.
         The decision to annul Article 370 and bifurcate the state into two separate union territories of Jammu and Kashmir, and Ladakh came just 10 weeks after the Narendra Modi government assumed charge in its second term.
         With Jammu and Kashmir under the President's rule and the state Assembly dissolved, the central government has been in complete control of the affairs of the state, a source said.
         After the PDP-BJP coalition government collapsed, Governor's rule was imposed on June 19, 2018 and the Assembly was kept under suspended animation as per the Jammu and Kashmir Constitution.
         After six months, the President's rule was imposed on December 20, 2018 which was further extended for six months on June 20, 2019.
         The Jammu and Kashmir Assembly was dissolved on November 20, 2018 when PDP president Mehbooba Mufti staked claim to form a government with the help of her arch rival, the National Conference.
         The Triple Talaq and RTI bills were passed by Rajya Sabha in the last 10 days after the NDA government got support of a few parties, including the BJD, AIADMK and the YSR Congress, in Rajya Sabha where the BJP lacked majority.
         "The passage of the two key bills in the Upper House emboldened the government to take such a bold step," the source said.
         The government also took the unprecedented action of curtailing the Amarnath Yatra, asking pilgrims and tourists to leave Jammu and Kashmir.
         The yatra would have come to an end on August 15 but by that time the ongoing Parliament session would have been over, giving the government no chance to go for such an action, another source said.
         With the general election concluding less than three months ago and no clear indication when the state assembly polls will be held, the government got yet another opportunity to go for abolishing Article 370.
         The Modi government also got support in Rajya Sabha from unexpected quarters like the BSP and the Aam Aadmi Party, which are often at loggerheads with the ruling dispensation on other issues. PTI ACB
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