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राष्ट्रपति भवन में खलील हक्कानी के साथ विवाद के बाद बरादर कंधार भागा

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Published : Sep 15, 2021, 4:06 PM IST

अब जब अफगानिस्तान में तालिबान ने नई सरकार बन गई है. इसके बाद सरकार बनाने को लेकर तालिबान के नेताओं के बीच एक बड़ा विवाद छिड़ गया. रिपोर्ट के मुताबिक समूह के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और एक कैबिनेट सदस्य के बीच राष्ट्रपति भवन में बहस हुई. जिसके बाद बरादर ने काबुल छोड़ दिया और कंधार भाग गया है.

बरादर कंधार भागा
बरादर कंधार भागा

नई दिल्ली : पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में समूह की नई सरकार बनाने को लेकर तालिबान के नेताओं के बीच एक बड़ा विवाद छिड़ गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और एक कैबिनेट सदस्य के बीच राष्ट्रपति भवन में बहस हुई.

हाल के दिनों में बरादर के गायब होने के बाद से तालिबान के नेतृत्व में असहमति की अपुष्ट खबरें आई हैं.

तालिबान के एक सूत्र ने बीबीसी पश्तो को बताया कि बरादर और खलील उर-रहमान हक्कानी( शरणार्थियों के मंत्री और आतंकवादी हक्कानी नेटवर्क के भीतर एक प्रमुख व्यक्ति) के बीच तीखी बहस हुई, क्योंकि उनके अनुयायी एक-दूसरे के साथ विवाद कर रहे थे.

तालिबान के सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि बरादर ने काबुल छोड़ दिया और विवाद के बाद कंधार शहर भाग गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर में स्थित तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य और इसमें शामिल लोगों से जुड़े एक व्यक्ति ने भी पुष्टि की कि पिछले सप्ताह के अंत में एक बहस हुई थी.

सूत्रों ने कहा कि बहस इसलिए छिड़ गई क्योंकि नए उप प्रधानमंत्री बरादर अपनी अंतरिम सरकार के ढांचे से नाखुश थे.

यह भी पढ़ें- पाक की तालिबान को मजबूत करने में भूमिका, कट्टरपंथियों की जीत: अमेरिकी सांसद

यह कहा गया है कि यह विवाद इस बात से उपजा है कि तालिबान में से किसे अफगानिस्तान में अपनी जीत का श्रेय लेना चाहिए.

बरादर कथित तौर पर मानता है कि कूटनीति पर जोर दिया जाना चाहिए, जबकि हक्कानी समूह के सदस्य और उनके समर्थकों का कहना है कि जीत लड़ाई के माध्यम से हासिल किया गया था.

इस बीच, शक्तिशाली हक्कानी नेटवर्क हाल के वर्षों में अफगानिस्तान में अफगान बलों और उनके पश्चिमी सहयोगियों के खिलाफ हुए कुछ सबसे हिंसक हमलों से जुड़ा है. समूह को अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है.

इसके नेता सिराजुद्दीन हक्कानी नई सरकार में गृह मंत्री हैं.

नतीजे के बारे में अफवाहें पिछले हफ्ते के अंत से फैल रही हैं, जब बरादर - तालिबान के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक - जनता की नजरों से गायब हो गए. सोशल मीडिया पर कयास लगाए जा रहे थे कि उनकी मौत हो सकती है.

तालिबान के सर्वोच्च कमांडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा को लेकर भी अटकलें बनी हुई हैं, जिन्हें कभी सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया. वह तालिबान के राजनीतिक, सैन्य और धार्मिक मामलों के प्रभारी हैं.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में समूह की नई सरकार बनाने को लेकर तालिबान के नेताओं के बीच एक बड़ा विवाद छिड़ गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और एक कैबिनेट सदस्य के बीच राष्ट्रपति भवन में बहस हुई.

हाल के दिनों में बरादर के गायब होने के बाद से तालिबान के नेतृत्व में असहमति की अपुष्ट खबरें आई हैं.

तालिबान के एक सूत्र ने बीबीसी पश्तो को बताया कि बरादर और खलील उर-रहमान हक्कानी( शरणार्थियों के मंत्री और आतंकवादी हक्कानी नेटवर्क के भीतर एक प्रमुख व्यक्ति) के बीच तीखी बहस हुई, क्योंकि उनके अनुयायी एक-दूसरे के साथ विवाद कर रहे थे.

तालिबान के सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि बरादर ने काबुल छोड़ दिया और विवाद के बाद कंधार शहर भाग गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर में स्थित तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य और इसमें शामिल लोगों से जुड़े एक व्यक्ति ने भी पुष्टि की कि पिछले सप्ताह के अंत में एक बहस हुई थी.

सूत्रों ने कहा कि बहस इसलिए छिड़ गई क्योंकि नए उप प्रधानमंत्री बरादर अपनी अंतरिम सरकार के ढांचे से नाखुश थे.

यह भी पढ़ें- पाक की तालिबान को मजबूत करने में भूमिका, कट्टरपंथियों की जीत: अमेरिकी सांसद

यह कहा गया है कि यह विवाद इस बात से उपजा है कि तालिबान में से किसे अफगानिस्तान में अपनी जीत का श्रेय लेना चाहिए.

बरादर कथित तौर पर मानता है कि कूटनीति पर जोर दिया जाना चाहिए, जबकि हक्कानी समूह के सदस्य और उनके समर्थकों का कहना है कि जीत लड़ाई के माध्यम से हासिल किया गया था.

इस बीच, शक्तिशाली हक्कानी नेटवर्क हाल के वर्षों में अफगानिस्तान में अफगान बलों और उनके पश्चिमी सहयोगियों के खिलाफ हुए कुछ सबसे हिंसक हमलों से जुड़ा है. समूह को अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है.

इसके नेता सिराजुद्दीन हक्कानी नई सरकार में गृह मंत्री हैं.

नतीजे के बारे में अफवाहें पिछले हफ्ते के अंत से फैल रही हैं, जब बरादर - तालिबान के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक - जनता की नजरों से गायब हो गए. सोशल मीडिया पर कयास लगाए जा रहे थे कि उनकी मौत हो सकती है.

तालिबान के सर्वोच्च कमांडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा को लेकर भी अटकलें बनी हुई हैं, जिन्हें कभी सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया. वह तालिबान के राजनीतिक, सैन्य और धार्मिक मामलों के प्रभारी हैं.

(आईएएनएस)

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