नई दिल्ली : अरुणाचल के बाद अब मणिपुर भी लगभग जेडीयू मुक्त हो गया, ये विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. एक तरफ आरजेडी और टीआरएस के साथ मिलकर जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम उम्मीदवारी का दम भरते रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नार्थ ईस्ट के राज्य अरुणाचल के बाद मणिपुर के भी 5 जेडीयू विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. एक विधायक पहले ही पार्टी में शामिल हो चुके थे. कहीं न कही बीजेपी की तरफ से गठबंधन के टूटने के बाद जेडीयू को ये पहला झटका मिला है, जिससे पार्टी के अंदर काफी बौखलाहट है. लगभग एक माह पहले गठबंधन का दम भर रही दोनों पार्टियां एक दूसरे की कट्टर दुश्मन नजर आ रही हैं.
मणिपुर और अरुणाचल के जेडीयू मुक्त होने पर बीजेपी में खासा उत्साह दिख रहा है, जबकि पार्टी की टूट के डर से जेडीयू पटना में कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक बुलाकर देशभर के जेडीयू नेताओं को बीजेपी के प्रलोभन में नहीं आने की सलाह दे रही है. अरुणाचल में पार्टी के 6 विधायक पहले ही आ चुके थे. एक बचे विधायक ने गठबंधन टूटने के बाद अगस्त में पार्टी का दामन थाम लिया था जबकि सिक्किम में 6 में से 5 विधायक बीजेपी में कल शामिल हो गए और कयास लगाए जा रहे कि बचा हुआ एक विधायक भी जल्द ही पार्टी का दामन थाम सकता है. हालांकि सिक्किम और अरुणाचल में इन विधायकों को शामिल कराने वाले जेडीयू के नेता को तब नीतीश कुमार ने बिहार में एमएलसी बनाकर पुरस्कृत भी किया था, लेकिन इन नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की घटना ने जेडीयू की मेहनत पर पानी फेर दिया.
कुल मिलाकर जेडीयू के लिए ये बड़ी घटना है. इससे दोनों पार्टियों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. नीतीश कुमार ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा भी कि बीजेपी असैंवधानिक कार्य कर रही है. वो देशभर की विपक्षी पार्टियों से मिलकर उन्हें बीजेपी के खिलाफ लामबंद करेंगे. लेकिन इतना तो तय है कि महाराष्ट्र में शिवसेना की टूट और नेताओं के बीजेपी में मिलने से बाकी पार्टियों में असुरक्षा की भावना जरूर आ गई है. वह अपनी पार्टी की टूट को लेकर डरे हुए हैं. मणिपुर की घटना जदयू के लिए बीजेपी की तरफ से दिया गया पहला झटका है.
नाम ना लेने की शर्त पर जेडीयू के एक नेता ने फोनलाइन पर कहा कि पार्टी के बहुत से विधायक आरजेडी के साथ नही जाना चाहते थे. क्योंकि जमीन पर वो उनसे ही दो-दो हाथ करके और उनके खिलाफ मोर्चा खोल कर जीत कर आए थे और अब उन्हीं से उन्हें हाथ मिलाना पड़ रहा है.
सुशील मोदी बोले- गठबंधन तोड़ने से खुश नहीं थे नीतीश के नेता : वहीं बीजेपी के सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का कहना है कि 'जदयू की मणिपुर इकाई में विरोध हो गया है. विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. ये नेता नीतीश कुमार के गठबंधन तोड़ने से खुश नहीं थे.' सुशील मोदी ने कहा कि अरुणाचल में पहले ही विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके थे और आगे भी जगह-जगह जेडीयू को ये विद्रोह देखने को मिल सकता है. कुछ विधायक आरजेडी में जाएंगे, कुछ कांग्रेस में और कुछ बीजेपी में शामिल हो जाएंगे, क्योंकि नीतीश कुमार अपनी कथनी पर कायम नहीं रहे हैं.
बहरहाल बीजेपी जिस तरह जेडीयू के टूटने का दम भर रही वह संकेत जेडीयू के लिए सही इशारा नही कर रहे. इसने जेडीयू को असुरक्षित कर दिया है.
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