8 साल की बच्ची के सामने दंगाइयों ने कर दिए थे पूरे परिवार के टुकड़े, सुनिए पाक विस्थापितों की कहानी
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अंबाला: आज हम आजादी की 74वीं सालगिरह मना रहे हैं. हमें गर्व है कि करीब 200 सालों की गुलामी की बेड़ियों को काट कर आज हम दुनिया के सर्वोच्च देशों में अपना वजूद बना चुके हैं, लेकिन जब आज हम 15 अगस्त को खुशियां मनाते हैं, तो क्या हमने सोचा है कि साल 1947 में 15 अगस्त का दिन कैसा रहा होगा? उस वक्त जिन लोगों ने आजादी का सपना देखा था. उस सपने को साकार होते हुए उन लोगों को कैसा महसूस हुआ होगा. उन लोगों ने बंटवारे को कैसे और किन परिस्थितियों में झेला होगा?ईटीवी भारत की टीम ने इन्हीं कुछ सवालों के जवाब ढूंडने के लिए अंबाला की दो महिलाओं से बातचीत की. जिन्होंने 1947 के दौर को जिया था और आज भी उन यादों को भुला नहीं पाईं.