मिसाल है चंडीगढ़ की चाय वाली किन्नर मोना, जिसे मेहनत मंजूर है बधाइयों की भीख नहीं
चंडीगढ़: देश में हम सबको समानता का अधिकार है चाहे बात पढ़ाई की हो, खेलकूद की हो या नौकरी की हो, लेकिन आज 21वीं सदी में भी एक किन्नर समानता के बारे में कभी सोच भी नहीं सकता और वहीं करता है जो किन्नर समाज के ज्यादातर लोग करते आए हैं, लेकिन चंडीगढ़ की चाय वाली किन्नर मोना (chandigarh transgender tea stall owner mona) कुछ अलग हैं, जिन्होंने तमाम संघर्षों के बावजूद जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीने का फैसला किया, क्योंकि इन्हें मेहनत मंजूर है बधाइयों की भीख नहीं.