यमुनानगर: शुक्रवार को जिला सचिवालय का सामने सैकड़ों युवाओं द्वारा सेना की भर्ती को लेकर विरोध प्रदर्श किया गया. प्रदर्शनकारी सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक सचिवालय के गेट पर ही डटे रहे और प्रशासन के आला अधिकारियों का सचिवालय से निकलने वाला रास्ता करीब 5 घंटे तक जाम रखा. ये लोग सुबह 9 बजे से ही सेना भर्ती रद्द होने के विरोध में जिला सचिवालय पर प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन जब उन्हे कोई आश्वासन नहीं मिला तो वो सड़क जाम कर वहीं पर बैठ गए.
इन युवाओं का कहना है वो सुबह साढ़े 8 बजे यहां पहुंच गया थे और तब से भूखे-प्यासे यहां पर प्रदर्शन कर रहें हैं लेकिन उनकी सुनने को कोई तैयार नहीं है. उन्होंने बताया कि सेना की भर्तियां रद्द होने की वजह से कई बच्चों की उम्र भी निकल चुकी है. लेकिन फिर भी वो अपने दूसरों साथियों के लिए प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. वहीं एक युवक का कहना था कि गुरुवार को यहां इनसो की बैठक थी, जहां हजारों लोग इकट्ठे हुए और आज यमुनानगर में बीजेपी की तिरंगा यात्रा थी जहां हजारों युवा इकट्ठे हुए थे. जब वहां कोरोना का डर नहीं है तो कोरोना के नाम पर आर्मी की भर्ती क्यों टाली जा रही है.
ये भी पढ़ें: 'मुझे बचा लो विज साहब! मैंने डॉक्टर के महंगे इलाज की आवाज उठाई, जान का खतरा है'
इन युवकों का कहना था की कोरोना के चलते दो साल से अंबाला एआरओ के 9 जिलों में आर्मी की भर्ती लगातार रद्द की जा रही है. जिसके चलते कई बच्चों की ऐज लिमिट निकल जाती है. उन्होंने बताया कि अब तक 3 बार भर्ती रद्द की जा चुकी है और यदि इस बार भी भर्ती रद्द कर दी जाती है तो करीब ढ़ाई हजार युवा आगे की भर्तियों में भाग नहीं ले पाएंगे. उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का सपना सपना ही रह जाएगा.
ये भी पढ़ें: हरियाणा: किसानों और पुलिस में भिड़ंत, किसानों ने ट्रैक्टर से तोड़ी बैरिकेडिंग, कई हिरासत में
इसलिए उनकी प्रशासन से मांग है कि यमुनानगर के तेजली खेल परिसर में तहसील वाइज भर्ती करवाई जाए और कोरोना के नियमों के तहत जिस तरह अन्य राज्यों में भर्तियां करवाई जा रही हैं उसी तरह यमुनानगर में भर्ती करवाई जाए. ताकि सेना में भर्ती होने का सपना देखने वाले युवा भर्ती होकर देश सेवा के लिए जा सकें.