यमुनानगर: हथिनी कुंड बैराज (Yamunanagar HathniKund Barrage) के शुक्रवार दोपहर को 8 गेट खोल दिए गए हैं और 1 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली की तरफ डायवर्ट किया गया है. हथिनी कुंड बैराज में 75 हजार क्यूसेक का आंकड़ा क्रॉस करते ही बैराज के सभी गेट खोल दिए जाते हैं और छोटी नहरें बंद करके सारा पानी दिल्ली की तरफ डायवर्ट कर दिया जाता है.
आज शाम पानी दिल्ली की सीमा पर दस्तक देगा जो हरियाणा और दिल्ली के निचले इलाकों में आने वाले दिनों में मुसीबत बढ़ा सकता है. दिल्ली में बारिश के बाद यमुना का जलस्तर (Yamuna River Water Level) पहले से ही बढ़ रहा है. ऐसे में हथिनी कुंड बैराज का पानी यहां आने से मुसीबत बढ़ेगी. बता दें कि, हथिनी कुंड बैराज पर बुधवार को 1,59,000 क्यूसेक पानी पहुंचा था तो वहीं वीरवार की दोपहर 2 बजे यहां 39,611 क्यूसेक पानी और शुक्रवार सुबह को 33,000 क्यूसेक पानी बह रहा है.
हथिनी कुंड बैराज पर बुधवार को 1,59,000 क्यूसेक पानी आने के बाद अब स्थिति लगातार सामान्य हो रही है. शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक यहां करीब 33,000 क्यूसेक पानी बह रहा है और बैराज के 18 गेट में से 8 गेट दिल्ली की तरफ जाने वाली यमुना नदी के लिए खोले गए हैं. वहीं इस समय डब्ल्यूजेसी (WJC) और यूजेसी (UJC) नहर में भी पानी छोड़ा गया है. सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने बताया कि 2 दिन पहले जब यमुना में पानी डेढ़ लाख क्यूसेक के पार हुआ था तो सारा पानी दिल्ली की तरफ जाने वाली यमुना नदी में छोड़ दिया गया था जो आज शाम तक दिल्ली पहुंच जाएगा.
इस सीजन में पहली बार पानी छोड़ा गया है तो पानी दिल्ली तक पहुंचने में ज्यादा समय लगता है. वहीं उन्होंने बताया कि 70,000 क्यूसेक पानी आने पर मिनी फ्लड घोषित कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे में यूजेसी और डब्ल्यूजेसी नहरें बंद कर दी जाती है और जैसे ही 70,000 से कम पानी होता है तो इन दोनों नहरों में पानी छोड़ दिया जाता है. फिलहाल हथिनी कुंड बैराज पर पानी की स्थिति सामान्य है.
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वहीं जिला उपायुक्त ने बताया कि मानसून के दौरान यमुनानगर में कहीं भी बाढ़ जैसी स्थिति पैदा ना हो इसके लिए टीमें तैयार कर दी गई है. जिन्हें बिलासपुर इलाके में तैनात किया गया है. साथ ही आर्मी के जवानों के साथ भी लगातार संपर्क साधे हुए हैं. उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाकों से आने वाले नदी, नाले जब उफान पर होते हैं तो बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. वहीं यमुना में उफान होने पर यमुना के साथ लगते कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है लेकिन इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है.