यमुनानगर: यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज (Yamunanagar Hathnikund Barrage) पर बृहस्पतिवार को जलस्तर घटना शुरू हो गया है. सुबह 10 बजे यहां करीब 93,000 क्यूसेक पानी बह रहा है, जबकि बुधवार दोपहर 1 बजे यहां 1,60,000 क्यूसेक पानी बह रहा था. हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली (Delhi) तक पानी को पहुंचने में 72 घंटे का समय लग जाता है. लगातार कम हो रहा हथिनी कुंड पर जलस्तर यकीनन थोड़ी राहत जरूर दे रहा है लेकिन अभी भी ये आंकड़ा 75,000 क्यूसेक से ज्यादा है. जिसके चलते हरियाणा (Haryana) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की तरफ डायवर्ट होने वाली छोटी नहरें अभी बंद हैं.
डब्लूजेसी नहर पर हरियाणा में लगे हाइडिल के 4 पावर प्रोजेक्ट भी बंद हो गए हैं, जो 64 मेगावाट बिजली का उत्पादन करते हैं. क्योंकि यमुना में आया सारा पानी दिल्ली की तरफ से छोड़ा जा रहा है. ये पानी करीब 72 घंटे बाद दिल्ली और उसके साथ लगते हरियाणा के निचले इलाकों (Lower Area of Haryana) की मुसीबत बढ़ा सकता है. 75,000 क्यूसेक पानी की क्षमता क्रॉस करने के बाद यमुना नदी (Yamuna River) में मिनी फ्लड घोषित कर दिया जाता है और छोटी नहरें बंद कर सारा पानी देश की राजधानी दिल्ली की तरफ जाने वाली यमुना नदी में छोड़ दिया जाता है. हालांकि इस पानी से किसी तरह की नुकसान की कोई खबर नहीं आई है.
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पहाड़ों से निकलकर यमुना नदी यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज (Yamunanagar Hathnikund Barrage) के पास धरातल पर पहुंचती है और बैराज से आगे निकलते ही ये नदी रौद्र रूप धारण कर लेती है. पिछले कई सालों में यमुना नदी के साथ लगते कई गांव इससे प्रभावित हो चुके हैं लेकिन इस सीजन में बुधवार को ही पानी डेढ़ लाख क्यूसेक के पार गया था. यहां बुधवार दोपहर 1 बजे करीब 1,60,000 क्यूसेक पानी बह रहा था. लेकिन बृहस्पतिवार की सुबह तक ये पानी घटते-घटते 93 हजार क्यूसेक पानी रह गया.
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आपको बता दें कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है. लेकिन फिर भी बुधवार को पहले दिन यहां पानी डेढ़ लाख क्यूसेक के पार हुआ था. फिलहाल हिमाचल के डाकपत्थर से भी लगातार जलस्तर घटने की सूचना आ रही है. अब देखना होगा की मॉनसून के दौरान इस बार यमुना नदी में कितना पानी आएगा क्योंकि ये देश की राजधानी दिल्ली को सीधा प्रभावित करता है.