यमुनानगर: हरियाणा में किसानों की आय में बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश सरकार लगातार की ओर से योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके लिए हरियाणा सरकार परंपरागत खेती की बजाय लगातार बागवानी करने के लिए किसानों को प्रेरित कर रही है. इतना ही नहीं किसानों को सब्सिडी के रूप में अनुदान सहायता राशि भी दी जा रही है. ऐसा सरकार इसलिए कर रही है ताकि किसान प्रगतिशील बन सकें. साथ ही खेतों की उपजाऊ शक्ति बनी रहे. पानी का कम इस्तेमाल हो और कम पैसे लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सके. ऐसा ही किया है यमुनानगर के चमरोड़ी गांव के किसान विजय कुमार ने. विजय कुमार 2 एकड़ में पॉली हाउस लगाकर तरह-तरह की सब्जियों की खेती कर रहे हैं.
कम दाम में ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती: हरियाणा बागवानी विभाग की तरफ से 'मेरा पानी मेरी विरासत योजना' के तहत किसानों को कम दाम में ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसा करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से सब्सिडी के रूप में प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. इसी से प्रेरित होकर यमुनानगर के चमरोड़ी गांव का किसान साल 2019 से पॉली हाउस लगाकर तरह-तरह की खेती कर रहा है.
'पॉली हाउस खेती पर 65 फीसदी सब्सिडी': किसान ने बताया कि पहले वह परंपरागत खेती करता था, लेकिन 2019 में वह अपने भाई से प्रभावित हुआ और उसने बागवानी विभाग से संपर्क किया. इसके बाद घरौंडा में उसने ट्रेनिंग ली और एक एकड़ में पॉली हाउस लगाया. किसान ने बताया कि पॉली हाउस के लिए सरकार की तरफ से उसे 65 फीसदी अनुदान मिला और जब उसने पॉली हाउस में खेती शुरू की तो उसे पता लगा कि इसमें कम खाद और कम पानी देकर ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है.
'पॉली हाउस में किसी भी मौसम में उगा सकते हैं कोई भी सब्जी': विजय ने बताया कि, पॉली हाउस में किसी भी मौसम में कोई भी सब्जी उगा सकते हैं. क्योंकि इसमें मौसम के विपरीत भी सब्जी उगाने में अधिक परेशानी नहीं होती है. किसान इन दिनों रंगीन शिमला मिर्च और खीरे की खेती कर रहा है. विजय का कहना है कि एक तरफ परंपरागत खेती करते हुए उनके खेतों की उपजाऊ शक्ति भी कम हो रही थी, वहीं उसमें पानी भी ज्यादा लगता था. लेकिन, इसके माध्यम से सभी चीजों की बचत हो रही है और सरकार भी अच्छा सहयोग कर रही है.
किसानों की आय दोगुनी करने की कोशिश: वहीं, बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास में है. इसके लिए सरकार किसानों को अलग तरीके से खेती करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है. उन्होंने बताया कि जिस तरह परंपरागत खेती में किसान को मौसम पर निर्भर रहना पड़ता है तो वहीं पॉली हाउस में मौसम पर निर्भर रहने की जरुरत नहीं है. वहीं, कई तरह के कीट पतंगे ऐसे होते हैं जो खुले खेत में नुकसान करते हैं, लेकिन पॉली हाउस में ये कीट पतंगे नहीं आ पाते और साथ ही पानी का भी बचाव होता है क्योंकि इसमें ड्रिप इरिगेशन की जाती है.
नजदीकी क्षेत्र में मंडी बनाने की मांग: हालांकि सरकार की तरफ से इस तरफ खेती करने पर किसान का सहयोग तो जरूर किया जा रहा है, लेकिन फिर भी किसान को एक समस्या आ रही है. किसानों का कहना है कि खेत में वे फसल तो उगा पा रहे हैं, लेकिन इसकी बिक्री के लिए उन्हें दूर जाना पड़ता है. इसलिए सरकार उनके नजदीकी क्षेत्र में मंडियों का निर्माण करे ताकि सब्जी बेचने के लिए अधिक दूर जाने की परेशानी से निजात मिले.
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