यमुनानगर: मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की माता हरपाल कौर यमुनानगर के कपाल मोचन तीर्थ (harpal kaur visited kapal mochan teerth) पर पहुंची. यहां उन्होंने तीनों सरोवरों में स्नान कर पूजा अर्जना की और गुरुद्वारे में अरदास की. पूजा करने के बाद हरपाल कौर लोहगढ़ साहिब के लिए रवाना हुई. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के लिए कपाल मोचन में काफी मन्नतें मांगी हुई हैं और आज भी मांग कर जा रही हैं.
बता दें कि हरियाणा के यमुनानगर में स्थित कपाल मोचन तीर्थ (kapal mochan teerth in yamunanagar) में हिंदू और सिख समुदाय की काफी आस्था है. पुराणों में कपाल मोचन तीर्थ का प्राचीन नाम गोपाल मोचन और सोमेसर मोचन था. इसका वर्णन महाभारत और वामन महापुराण में वर्णित है. गुरु नानक देव जी भी यहां पर आये थे और उन्होंने भी यहां पर मानवता का संदेश दिया था. सन् 1688 में भांगानी की लड़ाई के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी भी कपाल मोचन पधारे थे.
यहां उन्होंने पहाड़ी शासकों के खिलाफ विजयी युद्ध में लड़े सैनिकों को सम्मान स्वरूप पगड़ी भेंट की थी. वो इसी स्थान पर 52 दिन ठहरे थे. उन्होंने कपालमोचन और ऋणमोचन में स्नान किया और अपने अस्त्र-शस्त्र धोये थे. कपालमोचन और ऋणमोचन सरोवर के बीच में एक अष्टकोण आकार का गुरुद्वारा भी स्थित है. जहां पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने वरदान दिया था कि जो भी कार्तिक पूर्णिमा पर गुरुपूर्व के अवसर पर यहां मनोकामना मांगेगा. उसकी मनोकामना पूरी होगी.
जिस कारण इस दिन लाखों सिख संगत यहां पर गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाती है. गुरु नानक देव जी इस स्थान पर एक बार और गुरु गोबिंद सिंह जी यहां पर दो बार पधारे हैं और इसी ही स्थान पर अपना घोड़ा भी बांधा था. यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं. जिसके चलते पंजाब के मुख्यमंत्री (punjab chief minister bhagwant mann) की मां मेले से 3 दिन पहले ही यहां स्नान करने पहुंची और पूजा अर्चना की.
बात करें तो पिछले साल यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री भी स्नान करने पहुंचे थे. ये कपाल मोचन मेले (kapal mochan mela in haryana) का ऐसा इतिहास था कि जब दूसरी बार यहां कोई मुख्यमंत्री स्नान करने पहुंचा था. क्योंकि इससे पहले बंसीलाल जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो अपने कार्यकाल के आखिरी साल 1972 में वो भी कपालमोचन में आए थे. मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री मां हरपाल कौर (bhagwant mann mother harpal kaur) ने यहां दर्शन किए.