यमुनानगर: नागरिकता संशोधन बिल को गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद लोकसभा में सोमवार पेश किया और पास कराया गया. नागरिकता संशोधन बिल पर करीब सात घंटे लंबी न तीखी बहस हुई.
आपको बता दें कि नागरिक संशोधन बिल कानून बनने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के चलते आए हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को लोगों को सीएबी के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी.
बिल पास होने के बाद यमुनानगर के रादौर में लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल का स्वागत किया करते हुए कहा है कि दूसरे देशों से आए शरणार्थियों को नागरिकता देना अच्छी बता है. लेकिन सरकार को देश की सबसे बड़ी समस्या जनसंख्या वृद्धि के बारे में सोचना चाहिए और सरकार को जल्दी-से-जल्दी जनसंख्या नियंत्रण विधेयक भी पास कराना चाहिए. जिससे आगे आने वाली नई जनरेशन को रोजगार प्रदान व सरकारी सुविधाएं प्रदान की जा सके.
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अमन शांति का काम करेगा नागरिक बिल
वहीं एडवोकेट व समाजसेवियों का कहा की नागरिक संशोधन बिल केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है और हम सभी लोग इस पहल का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि इससे जो हमारे देश के अंदर आए शरणार्थियों को भारत देश की नागरिकता मिलती है तो उन सभी शरणार्थियों के मन भारत के प्रति प्यार और राष्ट्रभक्ति बढ़ेगी. जिससे देश मे अमन चैन व शांति का माहौल बनेगा.
वहीं देश के नॉर्थ ईस्ट भाग में नागरिकता संशोधन बिल का भारी विरोध हो रहा है. वहां के लोगों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा NRC लागू करने के बाद जो लोग यहां की सूची से बहार हुए हैं. उन लोगों को इस बिल से सरकार नागरिकता प्रदान कर यहां पर बसाने की तैयारी कर रही है. लेकिन हम लोगों ऐसा नहीं होने देंगे.
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