ETV Bharat / state

यमुनानगर के बिलासपुर में संयुक्त किसान मोर्चा ने की महापंचायत - किसान मोर्चा महापंचायत बिलासपुर यमुनानगर

यमुनानगर के बिलासपुर में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें किसान नेताओं ने कहा कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए युवाओं को और भी अधिक जोश के साथ काम करना होगा.

kisan morcha held a mahapanchayat in bilaspur yamunanagar
यमुनानगर के बिलासपुर में संयुक्त किसान मोर्चा ने की महापंचायत
author img

By

Published : Mar 1, 2021, 11:53 AM IST

यमुनानगर: संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में बिलासपुर के रणजीत पुर में किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया. इसमें भारतीय किसान यूनियन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी के पुत्र हर्ष पाल सिंह मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे. गौरव टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार गंभीर नहीं है. सरकार की अज्ञानता इस बात से साफ दिखती है कि कृषि कानूनों का मुद्दा किसान से जुड़ा है. जबकि चर्चा रेल मंत्री कर रहे हैं. किसान अपनी फसलों के मूल्यों को लेकर लड़ रहा है. किसान आंदोलन में आमजन की सहभागिता जरूरी है.

गौरव टिकैत ने कहा कि आंदोलन 95 दिन पूरे होने को हैं. किसानों पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं. किसानों ने आंदोलन को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. युवा वर्ग अपने बुजुर्गों से तजुर्बा लेकर आंदोलन में भाग ले रहे हैं. युवाओं को और भी अधिक जोश के साथ काम करना होगा, तभी आंदोलन सफल होगा.

kisan morcha held a mahapanchayat in bilaspur yamunanagar
यमुनानगर के बिलासपुर में संयुक्त किसान मोर्चा ने की महापंचायत

ये भी पढ़ें: हिसार: राजथल गांव के लोगों ने आंदोलन के समर्थन में हांसी चंडीगढ़ मार्ग पर मानव श्रृंखला बनाकर किया विरोध

उन्होंने कहा कि युवा वर्ग वालेंटियर बन कर कार्य करें. जननायक ताऊ देवी लाल ने कहा था कि लोकराज लोकलाज से चलेगा. उसी लोकलाज को सरकार तरजीह नहीं दे रही है. जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, एमएसपी पर कानून नहीं बनाया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: 'जो नेता किसान आंदोलन का समर्थन नहीं करेगा वो समैन गांव में नहीं आएगा'

उन्होंने केंद्र सरकार पर आंदोलन को खंडित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने आंदोलन को खंडित करने के लिए किसानों को देशद्रोही की संज्ञा दी है. किसान के मान व सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है. इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला बोले- सरकार भी चाहती है किसान आंदोलन का समाधान हो

वहीं गुरनाम सिंह चढ़ूनी के पुत्र हर्ष पाल सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से कंडेला में खाप पंचायत द्वारा सरकारी डेयरी में दूध को 100 रुपये किलो बेचने का निर्णय लिया है. इसी तरह के कदम प्रदेश के प्रत्येक जिले के किसानों को लेने चाहिए. ताकि आंदोलन को बल मिल सके.

ये भी पढ़ें: अब युवा काटेंगे गेहूं की फसल और बुजुर्ग संभालेंगे किसान आंदोलन की कमान

जगदीप सिंह ने कहा कि किसानों की ताकत की वजह से दिल्ली के बार्डर को सील किया गया है. सरकार से अनेक बार कृषि बिलों को वापस करने की मांग की गई व एमएसपी को लिखित में देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी है. सरकार ने जल्द ही कृषि कानूनों को लेकर विचार नहीं किया गया. तो अगला कदम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने के लिए उठाना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: किसानों का खौफ! कार्यक्रम को बीच में छोड़कर निकल गईं पूर्व मंत्री कविता जैन

यमुनानगर: संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में बिलासपुर के रणजीत पुर में किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया. इसमें भारतीय किसान यूनियन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी के पुत्र हर्ष पाल सिंह मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे. गौरव टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार गंभीर नहीं है. सरकार की अज्ञानता इस बात से साफ दिखती है कि कृषि कानूनों का मुद्दा किसान से जुड़ा है. जबकि चर्चा रेल मंत्री कर रहे हैं. किसान अपनी फसलों के मूल्यों को लेकर लड़ रहा है. किसान आंदोलन में आमजन की सहभागिता जरूरी है.

गौरव टिकैत ने कहा कि आंदोलन 95 दिन पूरे होने को हैं. किसानों पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं. किसानों ने आंदोलन को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. युवा वर्ग अपने बुजुर्गों से तजुर्बा लेकर आंदोलन में भाग ले रहे हैं. युवाओं को और भी अधिक जोश के साथ काम करना होगा, तभी आंदोलन सफल होगा.

kisan morcha held a mahapanchayat in bilaspur yamunanagar
यमुनानगर के बिलासपुर में संयुक्त किसान मोर्चा ने की महापंचायत

ये भी पढ़ें: हिसार: राजथल गांव के लोगों ने आंदोलन के समर्थन में हांसी चंडीगढ़ मार्ग पर मानव श्रृंखला बनाकर किया विरोध

उन्होंने कहा कि युवा वर्ग वालेंटियर बन कर कार्य करें. जननायक ताऊ देवी लाल ने कहा था कि लोकराज लोकलाज से चलेगा. उसी लोकलाज को सरकार तरजीह नहीं दे रही है. जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, एमएसपी पर कानून नहीं बनाया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: 'जो नेता किसान आंदोलन का समर्थन नहीं करेगा वो समैन गांव में नहीं आएगा'

उन्होंने केंद्र सरकार पर आंदोलन को खंडित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने आंदोलन को खंडित करने के लिए किसानों को देशद्रोही की संज्ञा दी है. किसान के मान व सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है. इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला बोले- सरकार भी चाहती है किसान आंदोलन का समाधान हो

वहीं गुरनाम सिंह चढ़ूनी के पुत्र हर्ष पाल सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से कंडेला में खाप पंचायत द्वारा सरकारी डेयरी में दूध को 100 रुपये किलो बेचने का निर्णय लिया है. इसी तरह के कदम प्रदेश के प्रत्येक जिले के किसानों को लेने चाहिए. ताकि आंदोलन को बल मिल सके.

ये भी पढ़ें: अब युवा काटेंगे गेहूं की फसल और बुजुर्ग संभालेंगे किसान आंदोलन की कमान

जगदीप सिंह ने कहा कि किसानों की ताकत की वजह से दिल्ली के बार्डर को सील किया गया है. सरकार से अनेक बार कृषि बिलों को वापस करने की मांग की गई व एमएसपी को लिखित में देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी है. सरकार ने जल्द ही कृषि कानूनों को लेकर विचार नहीं किया गया. तो अगला कदम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने के लिए उठाना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: किसानों का खौफ! कार्यक्रम को बीच में छोड़कर निकल गईं पूर्व मंत्री कविता जैन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.