यमुनानगर: हरियाणा के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान (Kalesar National Par) में करीब 3 साल से बंद पड़ी जंगल सफारी शनिवार, 23 दिसंबर से शुरू हो गई है. करीब साल से यहां आने वाले पर्यटक सफारी का इंतजार कर रहे थे. हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी कई बार जंगल सफारी दोबारा से खोलने की बात कह चुके थे. आखिरकार तीन साल बाद नए साल से पहले एक बार फिर राष्ट्रीय उद्यान में 14 किलोमीटर की जंगल सफारी शुरू कर दी गई.
बाघ भी देख सकेंगे सैलानी- वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक जयविंदर नेहरा ने बताया कि वन एवं वन्यजीवों और प्रकृति का आनंद लेने के लिए कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी के द्वार एक बार फिर से खोल दिए गए हैं. अप्रैल महीने में कलेसर पार में करीब 110 साल बाद बाघ देखा गया था. वन्य प्राणी विभाग के मुताबिक बाघ बिल्कुल सुरक्षित है और यहीं पर चहल कदमी करता कई बार देखा जा चुका है. जंगल सफारी के दौरान इस विलुप्त जीव को भी सैलानी देख सकेंगे.
पार्क में लगे हैं नाइट विजन कैमरे- नेशनल पार्क का वन्य जीव विहार करीब 13 हजार 422 एकड़ में फैला हुआ है. इस नेशनल पार्क की सीमा से उत्तराखंड के देहरादून में स्थित मशहूर राजाजी नेशनल पार्क और हिमाचल प्रदेश का मशहूर सिंबलवाड़ा पार्क भी जुड़ा हुआ है. जंगल में दुलर्भ प्राणी भी देखने को मिलते हैं. इस जंगल सफरी में बाघ, तेंदुए, सांबर, बिल्ली, चित्तल, नीलगाय, भालू, जंगली धब्बेदार बिल्ली, हाथी, लंगूर, बंदर, जंगली मुर्गे जैसे अन्य जानवरों की प्रजातियां हैं. जंगली सुअर और मोंगोज भी यहां पाए जाते हैं. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से हाथी इस क्षेत्र में आते हैं. पार्क में नाइट विजन कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें वन्यजीवों की चहल कदमी व अटखेलिया कैद होती हैं.
दुबई सफारी की तर्ज पर किया गया तैयार- करीब 11 हजार 570 एकड़ इलाके में फैले कलेसर नेशनल पार्क आने वाले सैलानियों ने कहा कि पूरी तरह से इसे दुबई सफारी की तर्ज पर तैयार किया गया है. जो लोग दुबई जाकर सफारी घूमने का शौक पूरा नहीं कर सकते अब वो काफी किफायती खर्च पर यहां इसका लुत्फ उठा सकते हैं. वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक जयविंदर नेहरा के मुताबिक नवंबर 2015 में यहां जंगल सफारी की शुरुआत की गई थी लेकिन महामारी कोरोना के दौरान इसे बंद कर दिया गया था. जिसके बाद लगातार पर्यटक इसके खुलने का इंतजार कर रहे थे.
नेशनल पार्क में 14 किलोमीटर का रूट बनाया गया है. यहां सैलानी सुबह 6 बजे से 11 बजे तक, शाम के समय 3 से 5 बजे तक जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे. सफारी की एक जीप का किराया 1100 रुपये होगा, जिसमें पांच लोग और दो बच्चे (5 से 12 साल तक के) बैठ सकेंगे. वहीं जंगल सफारी के लिए भारतीय नागरिक को प्रवेश शुल्क 50 रुपए, बच्चों के लिए 30 रुपए और विदेशी नागरिक को 200 रुपए देना होगा. जयविंदर नेहरा, निरीक्षक, वन्य प्राणी विभाग
सफारी में वाहनों का प्रवेश शुल्क- कलेसर पार्क में सफारी के लिए वाहनों का प्रवेश शुल्क 100 रुपए, कैमरा फोटो शुल्क 50 रुपए और वीडियो शुल्क 2500 रुपए रखा गया है. लेकिन विदेशी सैलानियों के लिए कैमरा फोटो शुल्क 100 रुपए, वीडियो शुल्क 5000 रुपए होगा. वन्य प्राणी विभाग के परिसर में पार्किंग के लिए बाइक का 20, कार का 50, बस का 100 रुपए शुल्क होगा. वन्य प्राणी विभाग के मुताबिक सुरक्षा की दृष्टि से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. विभाग ने सैलानियों से अपील की है कि वन्य जीवों को अपना मित्र मानते हुए यहां सैर करने के लिए आएं.
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