यमुनानगर: दिवाली 2022 (Diwali 2022) के दिनों में ग्राहकों की पहली पसंद होती है मिट्टी के बर्तन. आज के दौर में मिट्टी के बर्तनों में कहीं कमी सी देखी जा रही है. ऐसा कहा जा सकता है कि लोगों का रुझान अब मिट्टी के बर्तनों में कम होने लगा है. यही कारण है कि अब इनकी डिमांड भी कम हो गई है.
देशभर में त्योहारों को लेकर बाजार सज चुके (Diwali preparations in Yamunanagar) हैं. रंग बिरंगी लाइटें और ग्राहकों की चहलकदमी से बाजार गुलजार हैं. ग्राहक अपनी जरुरत का सामान लेने के लिए आ रहे हैं. अक्सर इन दिनों मिट्टी के बनाए बर्तनों की काफी डिमांड होती है. लोग बडे़ ही चाव से मिट्टी के बर्तन को खरीदते भी हैं. लेकिन अब वो पहले जैसी रौनक नहीं रही है.
पहले कुम्हार के दरवाजे पर मिट्टी के बर्तन खरीदने के लिए लंबी कतारें लगा करती थीं. लेकिन अब वो कतारें कहीं सिमट कर रह गई हैं. इसका कारण भी है. दरअसल, मिट्टी के बर्तन को बनाने में लागत और मेहनत काफी ज्यादा होती है. लेकिन कुम्हारों को उनकी लागत भी नहीं मिल पाती है.
![Diwali preparations in Yamunanagar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16653088_diwali3.jpg)
चाक जिस पर ये गोल हांडी तैयार हो रही है इसे कारीगर बेहद ही नजाकत से आकार देते हैं. और फिर इसे धूप में सुखाने के बाद इसे रंग बिरंगे रंगों से सजाते हैं. इसके बाद इन बर्तनों को कुम्हार बाजार में बेचने के लिए ले जाते हैं. ऐसे में जो दाम मिट्टी के बर्तनों का उन्हें मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाता.
![Diwali preparations in Yamunanagar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16653088_diwalie.jpg)
दीवाली में मिट्टी के बर्तन को काफी शुभ माना जाता (potters made earthen lamps) है. मिट्टी के दियों से घरों को रोशन किया जाता है. इसके अलावा भी मिट्टी के अनेकों बर्तन दीवाली पर बेचे जाते हैं. बात सिर्फ लागत और मुनाफे के अंतर की भी नहीं है बल्कि आज के दौर में स्टील और चीनी के बर्तनों ने मिट्टी के बर्तन की अहमियत को कम कर दिया है यही वजह है कि कारीगर अब मिट्टी के बर्तन बनाने से परहेज करने लगे हैं. ऐसे में जरुरत है इन कारीगरों की तरफ ध्यान देने की जिससे कि इनकी रोजी रोटी के साथ ही त्यौहारों की रौनक भी बनी रहे.
![Diwali preparations in Yamunanagar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16653088_diwali.jpg)