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यमुनानगर: डेंगू के तीन मामले आए सामने, ट्रॉमा सेंटर में बनाया गया डेंगू आइसोलेशन वार्ड - डेंगू आइसोलेशन वार्ड

डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है. डेंगू खासतौर पर बारिश के मौसम में होता है. क्योंकि इसी दौरान एडिज मच्छरों को पनपने के लिए भरपूर पानी मिलता है.

ट्रॉमा सेंटर में बनाया गया डेंगू आइसोलेशन वार्ड
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Published : Aug 28, 2019, 5:58 PM IST

यमुनानगर: बाढ़ के बाद यमुनानगर में डेंगू ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. अब तक डेंगू के तीन मामले सामने आए हैं. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. डेंगू के मरीजों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ट्रॉमा सेंटर में पुख्ता इंतजाम किए हैं. ट्रामा सेंटर में डेंगू के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया है. वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू से प्रभावित मरीज आने लगे हैं.

ट्रॉमा सेंटर में बनाया गया डेंगू आइसोलेशन वार्ड, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी: हड़ताली फार्मासिस्टों पर उतरा मरीजों का गुस्सा, बोले-नहीं देनी दवाई तो बंद कर दो अस्पताल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि मौसम बदलने के बाद पानी कई जगह रुक जाता है, जिसमें मच्छर पनपते हैं. लोगों को मच्छरों ने बचने के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनने चाहिए.

डेंगू के लक्षण

आपको बता दें कि डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है. डेंगू खासतौर पर बारिश के मौसम में होता है. क्योंकि इसी दौरान एडिज मच्छरों को पनपने के लिए भरपूर पानी मिलता है.

इस मच्छर के काटने के 5 से 6 दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं. डेंगू के सबसे खतरनाक लक्षणों में हड्डियों का दर्द शामिल है. डेंगू के अन्य लक्षणों में त्वचा पर चकते पड़ना, तेज सिरदर्द या पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज बुखार, मसूड़ों और नाक से खून बहना मुख्य लक्षण हैं.

यमुनानगर: बाढ़ के बाद यमुनानगर में डेंगू ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. अब तक डेंगू के तीन मामले सामने आए हैं. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. डेंगू के मरीजों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ट्रॉमा सेंटर में पुख्ता इंतजाम किए हैं. ट्रामा सेंटर में डेंगू के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया है. वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू से प्रभावित मरीज आने लगे हैं.

ट्रॉमा सेंटर में बनाया गया डेंगू आइसोलेशन वार्ड, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी: हड़ताली फार्मासिस्टों पर उतरा मरीजों का गुस्सा, बोले-नहीं देनी दवाई तो बंद कर दो अस्पताल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि मौसम बदलने के बाद पानी कई जगह रुक जाता है, जिसमें मच्छर पनपते हैं. लोगों को मच्छरों ने बचने के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनने चाहिए.

डेंगू के लक्षण

आपको बता दें कि डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है. डेंगू खासतौर पर बारिश के मौसम में होता है. क्योंकि इसी दौरान एडिज मच्छरों को पनपने के लिए भरपूर पानी मिलता है.

इस मच्छर के काटने के 5 से 6 दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं. डेंगू के सबसे खतरनाक लक्षणों में हड्डियों का दर्द शामिल है. डेंगू के अन्य लक्षणों में त्वचा पर चकते पड़ना, तेज सिरदर्द या पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज बुखार, मसूड़ों और नाक से खून बहना मुख्य लक्षण हैं.

Intro:एंकर बाढ़ के बाद यमुनानगर में डेंगू ने पाव पसारने शुरू कर दिये हैं।अब तक तीन के डेंगू तीन मामले पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। विभाग ने जहां इसके लिए ट्रामा सेंटर में पुख्ता इंतजाम किए हैं वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू से प्रभावित मरीज आने लगे हैं।Body:वीओ यमुनानगर में अलग अलग अस्पतालों में डेंगू के मरीज आने लगे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कुलदीप सिंह ने बताया कि मौसम बदलने के बाद यह उम्मीद होती है कि पानी कई जगह खड़ा होता है और खड़े पानी में मच्छर पनपते हैं ।उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति को डेंगू का टेस्ट करवाया गया उसमें उसके प्लेटलेट 25000 हैं।उन्होंने यह भी बताया कि यह 20000 के कम होने पर ज्यादा दिक्कत आनी शुरू हो जाती हैं ।इसके लिए लोगों को भी अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए ,पूरे कपड़े डालकर रखने चाहिये।


बाईट मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कुलदीप सिंहConclusion:
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