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राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती बाहर होने पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने जताई नाराजगी, बोले- खिलाड़ियों पर पड़ेगा असर

साल 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती को बाहर (wrestling out of commonwealth games) कर दिया गया है. इससे हरियाणा के पहलवानों में खासा रोष है. पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी इसपर निराशा जताई है.

wrestler yogeshwar dutt
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Published : Oct 7, 2022, 3:32 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 3:39 PM IST

सोनीपत: साल 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती को बाहर (wrestling out of commonwealth games) कर दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया के विभिन्न शहरों में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल किया गया है, जबकि कुश्ती को बाहर कर दिया है. राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (commonwealth games federation) के इस फैसले से हरियाणा के पहलवानों में खासा रोष है. पहलवान योगेश्वर दत्त का कहना है कि कुश्ती हरियाणा की शान है.

उन्होंने कहा कि कुश्ती सभी पहलवानों के रग-रग में बसी हुई है. राष्ट्रमंडल खेलों (commonwealth games 2026 in australia) में कुश्ती बाहर करने पर पहलवानों पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हरियाणा के पहलवानों ने ही सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती के बाहर किए जाने पर पहलवान योगेश्वर दत्त (wrestler yogeshwar dutt) ने कहा कि साल 2006 में भी ऑस्ट्रेलिया में ही कॉमनवेल्थ गेम हुए थे. उस समय भी कुश्ती को बाहर किया गया था.

राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती बाहर होने पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने जताई नाराजगी, बोले- खिलाड़ियों पर पड़ेगा असर

उन्होंने कहा कि इस बार भी 2026 में भी ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में ही कॉमनवेल्थ गेम (commonwealth games 2026 in australia) हो रहे हैं और कुश्ती को बाहर किया गया है. राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती को बाहर किए जाने से पहलवानों में नाराजगी जरूर है. योगेश्वर दत्त ने कहा कि इससे हमारी मेडल तालिका पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि हाल में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 12 मेडलों में से 6 गोल्ड मेडल हमारे पहलवानों ने ही जीते हैं और इसके अलावा भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा मेडल हरियाणा के पहलवानों ने ही जीते हैं. योगेश्वर दत्त ने कहा कि अब हमारे पहलवानों को 2030 का इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारे पहलवान एशियन गेम्स और ओलंपिक की तैयारी में जुटे हुए हैं.

सोनीपत: साल 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती को बाहर (wrestling out of commonwealth games) कर दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया के विभिन्न शहरों में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल किया गया है, जबकि कुश्ती को बाहर कर दिया है. राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (commonwealth games federation) के इस फैसले से हरियाणा के पहलवानों में खासा रोष है. पहलवान योगेश्वर दत्त का कहना है कि कुश्ती हरियाणा की शान है.

उन्होंने कहा कि कुश्ती सभी पहलवानों के रग-रग में बसी हुई है. राष्ट्रमंडल खेलों (commonwealth games 2026 in australia) में कुश्ती बाहर करने पर पहलवानों पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हरियाणा के पहलवानों ने ही सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती के बाहर किए जाने पर पहलवान योगेश्वर दत्त (wrestler yogeshwar dutt) ने कहा कि साल 2006 में भी ऑस्ट्रेलिया में ही कॉमनवेल्थ गेम हुए थे. उस समय भी कुश्ती को बाहर किया गया था.

राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती बाहर होने पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने जताई नाराजगी, बोले- खिलाड़ियों पर पड़ेगा असर

उन्होंने कहा कि इस बार भी 2026 में भी ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में ही कॉमनवेल्थ गेम (commonwealth games 2026 in australia) हो रहे हैं और कुश्ती को बाहर किया गया है. राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती को बाहर किए जाने से पहलवानों में नाराजगी जरूर है. योगेश्वर दत्त ने कहा कि इससे हमारी मेडल तालिका पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि हाल में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 12 मेडलों में से 6 गोल्ड मेडल हमारे पहलवानों ने ही जीते हैं और इसके अलावा भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा मेडल हरियाणा के पहलवानों ने ही जीते हैं. योगेश्वर दत्त ने कहा कि अब हमारे पहलवानों को 2030 का इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारे पहलवान एशियन गेम्स और ओलंपिक की तैयारी में जुटे हुए हैं.

Last Updated : Oct 7, 2022, 3:39 PM IST
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