सोनीपत: कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी है. 5वें दौर की बैठक भी संपन्न हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए और वक्त मांगा है. वहीं इसको लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने सिंघु बॉर्डर पर मौजूद महिला किसानों से बात की.
महिला किसानों ने सरकार को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा. महिला किसानों का कहना है कि अगर किसान से उसकी जमीन ही छीन ली जाएगी, तो उसके पास क्या रहेगा.
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एक महिला किसान ने कहा कि सरकार किसानों के साथ-साथ आढ़तियों को भी खत्म करने में लगी हुई है. आढ़ती तो किसान के लिए एटीएम के जैसा होता है. कभी भी मदद की जरूरत हो किसान आढ़ती के पास जा सकता है, लेकिन अगर आढ़ती नहीं रहेगा तो किसान मोदी के पास जाएगा क्या.
पानीपत और कुरुक्षेत्र से कुछ महिला किसान आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंची. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा ये कानून बिना किसानों की मर्जी के थोपे जा रहे हैं. किसानों से एक बार भी ये पूछा नहीं गया कि क्या उन्हें इन कानूनों को जरूरत भी है. सरकार उद्योगपतियों के लिए कानून लाई है.