सोनीपत: करनाल बाईपास से लेकर पानीपत तक नेशनल हाईवे-44 के चौड़ीकरण का कार्य तेजी (National Highway 44 in Sonipat) से चल रहा है. इसी बीच सोनीपत के गांव कुराड़ के ग्रामीणों ने आज नेशनल हाईवे-44 पर चल रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया. ग्रामीणों ने मुरथल के ढाबा संचालकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी मिलीभगत से गांव का रास्ता बंद कर दिया गया है. जबकि ढाबों पर 70 मीटर के दायरे में एंट्री और एक्जिट पॉइंट दिए गए हैं.
किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद से ही सोनीपत से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-44 का निर्माण कार्य जोरों शोरों पर है, लेकिन हाईवे का निर्माण कार्य शुरू होते ही ग्रामीणों ने काम को रूकवा कर मुरथल के ढाबा संचालकों पर गंभीर आरोप लगाए. ग्रामीणों ने निर्माण कार्य स्थल पर प्रदर्शन कर गांव की तरफ जाने वाले रास्ते को खोल दिया. साथ ही ढाबा संचालकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर रास्तों में हेराफेरी करवाई है.
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ग्रामीणों का कहना है कि ढाबा संचालकों ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों को पैसे देकर अपने ढाबे के सामने रास्ता खुलवा लिया और गांव में आने-जाने का रास्ता बंद करवा दिया. गांव कुराड के सरपंच बिजेंद्र सिंह ने कहा कि हमने यहां पर पहले कभी ऐसा नहीं देखा था कि 70 मीटर के दायरे में नेशनल हाईवे पर चढ़ने के दो-दो रास्ते बनाए गए हो.
उन्होंने बताया कि गांव की तरफ जाने के लिए पहले रास्ता दिया गया था, लेकिन बाद में ढाबा संचालकों और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने मिलीभगत करके गांव के रास्ते को बंद कर दिया. गौरतलब है कि ग्रामीणों ने मामले की शिकायत मंत्रालय में भी की थी, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने काम रूकवाकर रास्ता खुलवा दिया. कुराड़ सरपंच बिजेंद्र ने कहा कि अगर गांव की तरफ जाने वाले रास्ते को नहीं खोला गया तो हम नेशनल हाईवे-44 पर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
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